दिल्ली में सामने आया मंकीपॉक्स का आठवां मामला, देश 13 हुई कुल संख्या
देश में मंकीपॉक्स के मामले सामने आने का सिलसिला थम नहीं रहा है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में शुक्रवार को इसके आठवें मामले की पुष्टि हुई है। यहां लोकनायक जय प्रकाश नारायण (LNJP) अस्पताल में भर्ती एक नाइजीरियाई मूल की महिला में इस बीमारी की पुष्टि हुई है। फिलहाल डॉक्टरों की एक पूरी टीम महिला की सेहत पर नजर रखे हुए है। इस मामले के साथ ही देश में मंकीपॉक्स संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 13 हो गई है।
क्या है मंकीपॉक्स?
मंकीपॉक्स एक जूनोटिक (एक प्रजाति से दूसरी प्रजाति में फैलने वाली) बीमारी है। यह बीमारी मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमण के कारण होती है जो पॉक्सविरिडाइ फैमिली के ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस से आता है। ये सबसे पहले 1958 में बंदरों की एक बस्ती में मिला था और वहीं से इसे अपना नाम मिला है। यह धीरे-धीरे म्यूटेट होने वाला DNA वायरस है। इसके लक्षण दिखने में संक्रमित होने के बाद 5 से 21 दिनों तक का समय लग सकता है।
महिला को बुधवार को कराया गया था अस्पताल में भर्ती
LNJP अस्पताल के एक चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि 30 वर्षीय नाइजीरियाई मूल की महिला के जांच के बाद मंकीपॉक्स के संक्रमण की पुष्टि हुई है। महिला को बीमारी से संबंधित लक्षण नजर आने पर बुधवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके बाद उसकी मंकीपॉक्स की जांच कराई गई थी। इसमें उसके संक्रमित होने की पुष्टि हो गई है। उन्होंने बताया कि चिकित्सा टीम महिला की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।
एक संदिग्ध मरीजों को भी क्वारंटाइन किया
अधिकारियों ने बताया कि मंकीपॉक्स के संभावित लक्षण वाले एक अन्य मरीजों को भी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उसे फिलहाल क्वारंटाइन किया गया है और उसका सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया है। उन्होंने बताया कि दिल्ली में बढ़ते मंकीपॉक्स के मामलों को देखते हुए सरकार ने विशेष ऐहतियात बरतने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में अलग से आइसोलेशन वार्ड के साथ LNJP में 20 आइसोलेशन कमरे बनाए गए हैं।
देश में 14 जुलाई को सामने आया था मंकीपॉक्स का पहला मामला
भारत में मंकीपॉक्स का पहला मामला 14 जुलाई को केरल के कोल्लम जिले में सामने आया था। उसके बाद से केरल में इसके पांच मामले सामने आ चुके हैं। ये सभी मरीज संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की यात्रा कर लौटे थे। हालांकि, अब ये सभी मरीज ठीक हो चुके हैं। इसी तरह दिल्ली में पहला मामला 24 जुलाई को 31 वर्षीय व्यक्ति के रूप में सामने आया था। उसके बाद इनकी संख्या बढ़कर अब आठ पर पहुुंच गई है।
न्यूजबाइट्स प्लस
मंकीपॉक्स से संक्रमित किसी जानवर या इंसान के संपर्क में आने पर कोई भी व्यक्ति संक्रमित हो सकता है। यह वायरस टूटी त्वचा, सांस और मुंह के जरिए शरीर में प्रवेश करता है। छींक या खांसी के दौरान निकलने वाली बड़ी श्वसन बूंदों से इसका प्रसार होता है। इंसानों में मंकीपॉक्स के लक्षण चेचक जैसे होते हैं। शुरूआत में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों और पीठ में दर्द, थकावट होती है और तीन दिन में शरीर पर दाने निकलने लग जाते हैं।