महिला IAS अधिकारी से एकतरफा प्यार, CISF अधिकारी ने उसके पति के लिए बनाया खतरनाक प्लान
एक महिला IAS अधिकारी से एकतरफा प्यार करने वाले CISF के एक अधिकारी को उसके पति को फंसाने के लिए उसकी कार में चरस रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। वह विदेश मंत्रालय में सुरक्षा ब्यूरो निदेशक के पद पर तैनात था। पुलिस के अनुसार, CISF अधिकारी महिला IAS अधिकारी को शादी से पहले से जानता था। मामले में अलीगढ़ में वकील उसके दोस्त को भी गिरफ्तार किया गया है।
20 साल से महिला IAS अधिकारी को जानता था CISF कमांडेंट
दिल्ली पुलिस के अनुसार, 45 वर्षीय CISF कमांडेंट रंजन प्रताप सिंह सिविल सर्विसेज की तैयारियों के दौरान 20 साल पहले महिला IAS अधिकारी से मिला था। दोनों ने साल 2000 में उत्तराखंड की लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA) में एक साथ फाउंडेशन कोर्स भी किया था। इस बीच रंजन IAS अधिकारी से एकतरफा प्यार करने लगा और जब उसने किसी और से शादी कर ली तो वह खुश नहीं हुआ।
महिला अधिकारी ने लगाई फटकार तो किया पति को फंसाने का फैसला
पुलिस के अनुसार, रंजन शादी के बाद भी IAS अधिकारी से लगातार संपर्क करता रहा। इस बीच हाल ही में महिला अधिकारी ने उसे बार-बार फोन करने के लिए रंजन को जमकर फटकार लगाई। इससे नाराज रंजन ने बदला लेने के लिए महिला अधिकारी के पति को फंसाने का फैसला किया, जो सूचना प्रौद्योगिक मंत्रालय में कंसल्टेंट हैं। जब उसने अपने वकील दोस्त नीरज चौहान को अपनी योजना बताई तो उसने उसकी मदद करने का फैसला किया।
पति की कार में डाली चरस, CISF को फोन कर किया सूचित
योजना के तहत रंजन ने नीरज के साथ छह महीने पहले अलीगढ़ में अपने बचपन के एक दोस्त से 550 ग्राम चरस खरीदी। 4 अक्टूबर को उन्होंने इस चरस को प्रगति विहार हॉस्टल स्थित महिला अधिकारी के पति के घर में खड़ी उसकी कार में डाल दिया। इसके बाद बुधवार को उन्होंने एक फल विक्रेता का फोन उधार लिया और इससे CISF को एक "संदिग्ध कार" में चरस होने की सूचना दी।
पति ने पूरे आत्मविश्वास में खुद को बताया निर्दोष
सूचना मिलने के बाद CISF जवानों ने कार की तलाशी ली और इससे चरस बरामद होने पर महिला अधिकारी के पति को गिरफ्तार किया। लेकिन पूछताछ में उसने पूरे आत्मविश्वास के साथ खुद को निर्दोष बताया।
इन बातों से पुलिस को हुआ साजिश का शक
रंजन और नीरज का प्लान यहां से खराब होना शुरू हुआ। पुलिस के शक की शुरूआत तब हुई जब कार में उन्हें चरस की पुड़िया अलग-अलग स्थानों पर मिलीं। इसके अलावा कार में चरस की जानकारी देने वाला फोन सीधा DIG रैंक के CISF अधिकारी के पास आया था, जबकि आमतौर पर ऐसे फोन CISF या दिल्ली पुलिस के कंट्रोल रूम में आते हैं। सर्च के समय महिला अधिकारी के पति के सहयोग ने उनके शक को और मजबूती दी।
फल विक्रेता ने बताया दो लोगों ने फोन लेकर किया था कॉल
पुलिस ने DIG से वो फोन नंबर लिया जिससे उन्हें कार में चरस होने की सूचना दी गई थी। ये फोन नंबर अरबिंदों मार्ग पर फल बेचने वाले राम सिंह का था। राम ने पूछताछ में बताया कि दो लोगों ने उससे फोन लेकर कहीं कॉल किया था। उसने पुलिस को उनकी कार का विवरण भी दिया। CCTV फुटेज की मदद से विदेश मंत्रालय का स्टीकर लगी हुई SX4 कार की पहचान की गई जिसका एक शीशा टूटा हुआ था।
रंजन और नीरज ने कबूला गुनाह
जांच करने पर पता चला कि ये कार विदेश मंत्रालय में सुरक्षा ब्यूरो निदेशक के पद पर तैनात CISF कमांडेंट रंजन प्रताप सिंह की है। इसके बाद पुलिस ने रंजन और नीरज दोनों को गिरफ्तार किया, जिन्होंने अपना गुनाह कबूल किया है।