मुंबई में मेगा लैब बनाएगी IIT एल्युमनी काउंसिल, हर महीने होंगे एक करोड़ COVID-19 टेस्ट
कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई की धार तेज करने के लिए इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) एल्युमनी काउंसिल मुंबई में मेगा लैब की स्थापना करेगी। जुलाई तक यहां हर महीने एक करोड़ टेस्ट हो सकेंगे। काउंसिल गुरुवार को इसकी घोषणा करते हुए कहा कि वह इसके लिए साझेदारों की तलाश कर रही है। इससे पहले काउंसिल इसी महीने की शुरुआत में मुंबई में 'COVID-19 टेस्ट बस' भी चला चुकी है। आइये पूरी खबर जानते हैं।
लैब के लिए शुरू हो चुका है ट्रायल
काउंसिल ने बताया कि मेगा लैब के लिए वह ट्रायल पहले ही शुरू कर चुकी है। कोरोना वायरस की वैक्सीन आने में अभी लंबा समय लगेगा। इससे पहले संक्रमण पर रोक के लिए अन्य तरीकों के साथ-साथ टेस्टिंग बेहद जरूरी है। ऐसे में बड़ी संख्या में लोगों के टेस्ट के लिए लैब बनाना काफी चुनौतीपूर्ण काम था। इसलिए काउंसिल ने कहा कि वह समय पर ज्यादा से ज्यादा लोगों के टेस्ट कर संक्रमण को फैलने से रोकना चाहती है।
कोरोना वायरस से भारत का सबसे प्रभावित शहर है मुंबई
गौरतलब है कि मुंबई देश का कोरोना वायरस से सबसे बुरी तरह प्रभावित शहर है। यहां 35,000 से ज्यादा लोगों में संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है और 1,100 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है।
कोरोना वायरस के साथ-साथ दूसरी बीमारियों के भी होंगे टेस्ट
काउंसिल के प्रमुख रवि शर्मा ने कहा, "IIT एल्युमनी काउंसिल ने दुनियाभर के विशेषज्ञों की सलाह लेकर मुंबई में सबसे बड़ी जेनेटिक टेस्टिंग लैब की स्थापना करने का फैसला किया है। हर महीने एक करोड़ से ज्यादा टेस्ट की क्षमता वाली लैब के डिजाइन पर काम शुरू हो गया है। इसमें कोरोना वायरस के साथ-साथ दूसरी संक्रामक बीमारियों के भी टेस्ट हो सकेंगे।" शर्मा ने कहा इस लैब में मुंबई की पूरी जनसंख्या के टेस्ट करने की क्षमता होगी।
मेगा लैब में ऐसे इकट्ठे किए जाएंगे सैंपल
मेगा लैब में बड़े स्तर पर टेस्ट करने के लिए कार, कैब या बसों पर ऑटोमेटिड सैंपल कलेक्शन स्टेशन बनाया जाएगा। इन स्टेशन पर सैंपल लेने के बाद वहां से कॉन्टैक्टलेस तरीके से इन सैंपल को लैबोरेट्री तक पहुंचाया जाएगा।
मुंबई में चल रही है कोरोना वायरस टेस्ट बस
इस सब के अलावा काउंसिल ने पोद्दार अस्पताल में डिजिटल एक्सरे सिस्टम स्थापित किया है, जो आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) की मदद से कोरोना संक्रमण का पता लगाता है। देश में कोरोना वायरस संक्रमण की जांच के लिए लगाया गया ऐसा पहला सिस्टम है। साथ ही काउंसिल ने 10 मई से मुंबई में देश की पहली कोरोना वायरस टेस्ट बस शुरू की थी। अब काउंसिल स्वदेशी टेस्ट किट के निर्माण पर लगी है।
महामारी के खिलाफ योगदान में IIT भी पीछे नहीं
एल्युमनी काउंसिल की तरह देशभर में मौजूद IITs भी कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में योगदान में पीछे नहीं है। महामारी की शुुरुआत से ही IIT ने सैनिटाइजर, फेस शील्ड, टेस्टिंग किट और दूसरे उपकरण बनाने शुरू कर दिए थे, जिससे सरकारों और लोगों को मदद मिल सके। पिछले महीने इंडियन IIT रुड़की के एक प्रोफेसर ने दावा किया था कि उन्होंने एक ऐसा सॉफ्टवेयर बनाया है, जिसकी मदद से महज पांच सेकेंड में संक्रमण का पता लगाया जा सकेगा।