महाराष्ट्र: सरकार ने लिये प्राइवेट अस्पतालों के 80 प्रतिशत बेड, इलाज की लागत भी निर्धारित
कई दिनों की बातचीत के बाद महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के सभी प्राइवेट अस्पतालों और नर्सिंग होम के 80 प्रतिशत बेड अपने अधीन ले लिए हैं। इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। 41,000 से भी ज्यादा मामलों के साथ कोरोना वायरस से देश का सबसे बुरी तरह प्रभावित राज्य महाराष्ट्र पिछले कई दिनों से सरकारी अस्पतालों में बेड की तंगी से जूझ रहा था। महाराष्ट्र में पूरे देश के एक तिहाई से ज्यादा मामले हैं।
अकेले मुंबई में सरकार के अधीन आए 4,400 बेड
इस नोटिफिकेशन के बाद अकेले मुंबई शहर के सभी बड़े प्राइवेट अस्पताल जैसे एचएन रिलायंस, लीलावती, ब्रीच कैंडी, बॉम्बे अस्पताल, एलएच हीरानंदानी, पीडी हिंदूजा, नानावती और फोर्टिस आदि के 4,400 से ज्यादा बेड सरकार के अधीन आ जाएंगे।
इलाक के खर्च की सीमा भी निर्धारित
सरकार ने इन अस्पतालों और नर्सिंग होम्स में कोरोना वायरस संक्रमित और दूसरी बीमारियों से पीड़ित लोगों के इलाज की लागत पर सीमा भी निर्धारित कर दी है। अधिकारियों ने बताया कि इन सभी बेड का प्रबंधन एक केंद्रीय पोर्टल से किया जाएगा। कोरोना वायरस के मरीज के लिए आइसोलेशन वार्ड का खर्च 4,000 रुपये प्रति दिन से ज्यादा नहीं हो सकेगा। इसी तरह ICU का अधिकतम चार्ज 7,500 रुपये प्रतिदिन और वेंटिलेटर का खर्च 9,000 रुपये प्रतिदिन अधिकतम होगा।
सीमा तय होने से 80 प्रतिशत तक कम हुई लागत
इलाज की इस लागत में दवाएं, डॉक्टर की फीस, नर्सिंग, खाना, बेड की लागत आदि शामिल होगा। वहीं कोरोना वायरस टेस्ट, पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (PPE), MRI, CT स्कैन और टॉकिलीजुमाब जैसी महंगी दवाएं इससे बाहर रहेगी। इससे पहले प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना संक्रमित मरीजों से वेंटिलेटर पर रहने के लिए एक दिन के 40,000-50,000 रुपये तक लिए जाते थे। अब सरकार द्वारा लागत निर्धारित किए जाने के बाद सभी चार्ज लगभग 80 प्रतिशत तक कम हो गए हैं।
लागत से 10 प्रतिशत अधिक ले सकेंगे प्राइवेट अस्पताल
इसके अलावा प्राइवेट अस्पताल PPE, स्टेंट्स, कैथेटर और दूसरी चीजों पर खरीद के मुल्य से 10 प्रतिशत से ज्यादा नहीं ले पाएंगे। यानी अगर कोई चीज 100 रुपये की आती है तो ये अस्पताल उसके लिए 110 रुपये से ज्यादा नहीं ले पाएंगे।
कई दिनों से चल रही थी सरकार और अस्पतालों की बातचीत
अभी तक महाराष्ट्र में केवल सरकारी अस्पताल ही मुख्य तौर पर कोरोना वायरस से लड़ाई का जिम्मा संभाल रहे थे। प्राइवेट अस्पतालों में केवल 20 प्रतिशत मरीजों का इलाज किया जा रहा था। इसी बीच राज्य में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ने लगी और कई जगहों पर सरकारी इंतजाम जवाब देने लग गए। इसे देखते हुए सरकार ने महामारी के खिलाफ लड़ाई में प्राइवेट अस्पतालों की भागीदारी बढ़ाने के लिए बातचीत शुरू की।
प्राइवेट अस्पतालों से ही लिया जाएगा स्टाफ
सरकार की तरफ से जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि कुल संचालित बेड में से 80 प्रतिशत ऊपर दिए गए खर्च के तहत रेगुलेट होंगे और खर्च की यह लागत आइसोलेशन और नॉन-आइसोलेशन बेड, दोनों पर लागू होगी। इन बेड के लिए स्टाफ का इंतजाम प्राइवेट अस्पतालों से ही किया जाएगा। सरकार ने महाराष्ट्र आवश्यक सेवा कानून, 2005 लागू कर सभी नर्सों और दूसरे कर्मचारियों को नियमित उपस्थित रहने के आदेश दिए हैं।
इस वजह से तय की गई लागत की सीमा
नोटिफिकेशन में यह भी कहा गया है कि प्राइवेट अस्पताल सरकार के अधीन दिए गए 80 प्रतिशत बेड और बाकी बचे 20 बेड पर दाखिल हुए मरीजों के इलाज में कोई भेदभाव नहीं करेंगे। इसमें कहा गया है कि ऐसे मरीजों, जो न तो किसी स्वास्थ्य बीमा के तहत आते हैं और न उनकी कंपनी का किसी अस्पताल के साथ कोई समझौता है, की इलाज के लिए ज्यादा पैसे लेने की शिकायत के बाद यह कदम उठाया गया है।
महाराष्ट्र में 41,000 से पार पहुंची संक्रमितों की संख्या
स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से शुक्रवार सुबह जारी आंकड़ों में बताया गया है कि महाराष्ट्र में अब तक 41,642 लोग संक्रमित हुए हैं, जिनमें से 1,454 लोगों की मौत हुई है। वहीं देशभर में संक्रमितों का संख्या बढ़कर 1,18,447 और मृतकों की संख्या 3,583 हो गई है। बीते 24 घंटों में देश में 6,088 नए मामले सामने आए, जो एक दिन में मिले मरीजों की सबसे बड़ी संख्या है। वहीं इस दौरान 148 मौतें हुईं।