मुख्यमंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री मोदी ने की बैठक, जानें किस राज्य ने क्या कहा
देश में कोरोना वायरस महामारी की शुरूआत होने के बाद आज पांचवीं बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक की। बैठक में गृह मंत्री अमित शाह समेत अन्य कई मंत्री भी शामिल हुए। पिछली चार बैठकों के विपरीत इस बैठक में सभी मुख्यमंत्रियों को बोलने का मौका दिया गया और सभी ने अपने राज्य की स्थिति देखते हुए सुझाव दिए। किस राज्य के मुख्यमंत्री ने क्या कहा, आइए आपको बताते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने प्रवासी मजदूरों के मुद्दे के साथ की शुरूआत
प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक में अपने संबोधन की शुरूआत प्रवासी मजदूरों के मुद्दे से की। लॉकडाउन के बाद मजदूरों के पैदल पलायन और उसके बाद की स्थिति पर उन्होंने कहा, "हमने जोर दिया कि लोग जहां हैं, वहीं रहें। लेकिन अपने घर जाने की इच्छा करना इंसान का स्वभाव है और इस कारण हमें अपने कुछ निर्णय बदलने भी पड़े। इसके बावजूद ये सुनिश्चित करना कि ये फैले नहीं और गांवों तक नहीं पहुंचे, हमारे लिए एक बड़ी चुनौती है।"
आंध्र प्रदेश, उत्तराखंड और गुजरात के मुख्यमंत्रियों ने की लॉकडाउन में ढील की मांग
बैठक के दौरान अपनी राय रखते हुए आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी ने व्यक्तिगत स्वच्छता संबंधी नियमों के सख्त पालन के साथ लॉकडाउन में ढील देने की मांग की। उन्होंने कहा कि हमें सामान्य की तरफ लौटने की जरूरत है और कोरोना वायरस से संबंधित स्टिगमा को खत्म करना होगा। इसी तरह गुजरात और उत्तराखंड के मुख्यमंत्रियों ने भी लॉकडाउन को कंटेनमेंट जोन तक सीमित करने और बाकी जगहों पर आर्थिक गतिविधियां शुरू करने की अपील की।
ममता बनर्जी बोलीं- केंद्र सरकार को नहीं करनी चाहिए राजनीति
केंद्र सरकार और पश्चिम बंगाल सरकार के बीच आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति की झलक इस बैठक में भी देखने को मिली। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि राज्य के तौर वे अपने सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहे हैं और केंद्र सरकार को इस निर्णायक समय पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी राज्यों को बराबर का महत्व दिया जाना चाहिए और सभी को टीम इंडिया के तौर पर एक साथ काम करना चाहिए।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बोले- नहीं हटाया जाना चाहिए लॉकडाउन
वहीं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि लॉकडाउन को हटाया नहीं जाना चाहिए और इसमें कुछ छूटें दी जा सकती हैं। उन्होंने राज्य में केंद्रीय पुलिस बलों को तैनात करने की मांग भी की क्योंकि राज्य पुलिस बिना किसी आराम के लगातार काम कर रही है। प्रवासी मजदूरों पर उन्होंने कहा कि ये महत्वपूर्ण है कि वे वायरस को लेकर घर न लौटें और उन्हें हर तरीके की मदद प्रदान की जानी चाहिए।
तेलंगाना ने ट्रेन सेवाएं शुरू करने पर जताई आपत्ति
बैठक में तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने केंद्र सरकार के ट्रेन सेवाओं के शुरू करने के फैसले पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि इससे कोरोना वायरस फैल सकता है और स्क्रीनिंग में मुश्किल आएगी। लॉकडाउन पर उन्होंने कहा कि इसे जारी रखते हुए कंटेनमेंट जोन तक सीमित किया जाना चाहिए। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई के पलानीस्वामी ने भी चेन्नई में बढ़ते मामलों को देखते हुए 31 मई तक राज्य में ट्रेन सेवाएं शुरू न करने की अपील की।
पंजाब के मुख्यमंत्री बोले- राज्यों को हो रेड, ग्रीन और ऑरेंज जोन तय करने की छूट
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि राज्यों को रेड, ग्रीन और ऑरेंज जोन तय करने की छूट होनी चाहिए और केंद्र सरकार को इसकी अनुमित देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पंजाब की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है, सभी उद्योग बंद हैं और इससे राजस्व का नुकसान हो रहा है। वहीं हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अलग-अलग जोन में लॉकडाउन में ढील पर राज्यों को खुद से फैसले की मंजूरी देने की मांग की।
कई राज्यों की तरफ से की गई फंड की मांग
बैठक में कम से कम चार राज्यों ने केंद्र सरकार से फंड की मांग की। तमिलनाडु ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHS) फंड और बाकी बचे GST फंड को जल्द जारी करने की मांग की। इसके अलावा राज्य ने अपने लिए 2,000 करोड़ रुपये के विशेष पैकेज की भी मांग की। छत्तीसगढ़ ने भी राज्य में राहत कार्य शुरू करने के लिए फंड की मांग की। वहीं त्रिपुरा और झारखंड ने भी केंद्र सरकार से फंड की मांग की।
असम ने कहा- दो हफ्ते बढ़ाया जाए लॉकडाउन
असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनेवाल ने कहा कि समय पर लगाए गए लॉकडाउन से राज्यों को कोरोना वायरस से लड़ने में मदद मिली है और इसे दो हफ्ते और बढ़ाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अंतरराज्यीय यात्रा को सीमित रखना चाहिए और अगर ढील दी गई तो लोग स्थिति को हल्के में लेंगे। उत्तर प्रदेश, बिहार और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्रियों ने भी लॉकडाउन बढ़ाने का सुझाव दिया। मध्य प्रदेश ने कंटेनमेंट जोन में लॉकडाउन जारी रखने की बात कही।
केरल और ओडिशा ने दिए यातायात औऱ ट्रेन सेवाओं पर सुझाव
केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने परिवहन के सभी माध्यमों को शुरू करने के लिए सख्त गाइडलाइंस बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि रेड जोन को छोड़ बाकी जगहों पर मेट्रो ट्रेनें शुरू की जा सकती हैं। उन्होंने विदेश से वापस लाने से पहले भारतीयों के एंटी-बॉडी टेस्ट करने की सलाह भी दी। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा कि ट्रेनों को राज्यों के साथ विचार विमर्श के जरिए रेगुलेट किया जाना चाहिए।
कर्नाटक ने कहा- मई के अंत तक शुरू न हो अंतरराष्ट्रीय यात्रा
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने मई के अंत तक अंतरराष्ट्रीय यात्राओं पर पाबंदी बरकरार रखने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि सभी अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को अनिवार्य तौर पर क्वारंटाइन में रखा जाना चाहिए।
केजरीवाल ने की केवल कंटेनमेंट जोन को रेड जोन घोषित की मांग
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री मोदी से अनुरोध किया कि जिले के हिसाब से रेड घोषित करना बंद किया जाना चाहिए और केवल कंटेनमेंट जोन को रेड जोन घोषित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बाकी जगहों को ग्रीन जोन घोषित किया जा सकता है। उन्होंने दिल्ली में कंटेनमेंट जोन को छोड़ अन्य सभी जगहों पर आर्थिक गतिविधियां शुरू करने की मंजूरी मांगी। बता दें कि अभी दिल्ली के सभी जिले रेड जोन में हैं।