बच्चों के वैक्सीनेशन के लिए वैज्ञानिक साक्ष्यों पर किया जा रहा है विचार- स्वास्थ्य मंत्री
कोरोना वायरस के 32 म्यूटेंट वाले ओमिक्रॉन वेरिएंट के आने के बाद अब एक बार फिर से बच्चों के वैक्सीनेशन की मांग उठने लगी है। इसको लेकर शुक्रवार को विपक्ष ने भी लोकसभा में सरकार से लिखित सवाल पूछकर इसकी जानकारी मांगी है। इस पर स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने कहा है कि वैक्सीनेशन को लेकर राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह और तकनीकी सलाहकार समूह 12-17 वर्ष के बच्चों के वैक्सीनेशन के लिए वैज्ञानिक साक्ष्यों का अध्ययन कर रहे हैं।
विशेषज्ञ समिति की राय के आधार पर किया जाएगा निर्णय- पवार
बच्चों के वैक्सीनेशन के सवाल पर स्वास्थ्य राज्य मंत्री पवार ने कहा कि राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह और तकनीकी सलाहकार समूह 12-17 वर्ष के बच्चों के वैक्सीनेशन के लिए संबंधित वैज्ञानिक साक्ष्यों का अध्ययन कर उस पर विचार कर रहा है। उनकी रिपोर्ट मिलने के बाद ही सरकार इस पर कोई निर्णय करेगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में बच्चों और किशोरों के बीच उपयोग के लिए वैक्सीन के आयात से संबंधित कोई प्रस्ताव लंबित नहीं है।
ZyCoV-D को दी जा चुकी है आपात इस्तेमाल की मंजूरी
बच्चों के वैक्सीनेशन के लिए स्वदेशी वैक्सीन तैयार किए जाने की संभावनाओं पर स्वास्थ्य राज्य मंत्री पवार ने कहा अभी तक कैडिला हेल्थकेयर द्वारा निर्मित ZyCoV-D वैक्सीन को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) द्वारा देश में आयोजित तीसरे चरण के क्लिनकल ट्रायल के अंतरिम आंकड़ों के आधार पर आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दी गई है। इसके तहत इस वैक्सीन का 12 साल और उससे अधिक आयु वर्ग के लोगों पर इस्तेमाल किया जा सकेगा।
भारत बायोटेक और SII भी कर रही है क्लिनिकल ट्रायल
स्वास्थ्य राज्य मंत्री पवार ने कहा कि भारत बायोटेक 2 से 18 वर्ष की आयु के वॉलेंटियरों पर कोवैक्सिन का दूसरे और तीसरे चरण का क्लिनिकल ट्रायल कर रहा है। इसके अलावा कंपनी ने DCGI को इस ट्रायल के परिणामों का अंतरिक डाटा प्रस्तुत कर दिया है। इसी तरह सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) 2 से 17 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के 920 वॉलेंटियरों पर नैनोपार्टिकल वैक्सीन कोवोवैक्स का दूसरे और तीसरे चरण का क्लिनिकल ट्रायल कर रही है।
बायोलॉजिकल-ई और जॉनसन एंड जॉनसन का भी चल रहा है ट्रायल
स्वास्थ्य राज्य मंत्री पवार ने कहा कि बायोलॉजिकल-ई लिमिटेड SARS-CoV-2 जीन के RBD का 5 से 18 साल तक के 624 बच्चों पर दूसरे और तीसरे चरण का क्लिनिकल ट्रायल कर रही है। इसी तरह जॉनसन एंड जॉनसन प्राइवेट लिमिटेड भी 12-17 वर्ष के आयु वर्ग में Ad.26COV.2S वैक्सीन का दूसरे और तीसरे चरण का क्लिनिकल ट्रायल कर रही है। इन ट्रायलों के अंतरिम परिणामों की प्रतिक्षा की जा रही है। उसके बाद इन पर निर्णय किया जाएगा।
लंबे समय से चल रहा है बच्चों के वैक्सीनेशन का इंतजार
बता दें कि कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के बाद से ही देश में बच्चों की वैक्सीनेशन की मांग उठ रही है। इसको लेकर जायडस कैडिला ने वैक्सीन भी तैयार कर ली और अगस्त में DCGI ने उसे आपात इस्तेमाल की मंजूरी भी दे दी, लेकिन अभी तक इसका इस्तेमाल शुरू नहीं हुआ। पहले सरकार ने अक्टूबर में बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू करने की बात कही थी। भारत में 12-17 वर्ष के बच्चों की कुल संख्या 14,52,14,000 हैं।