प्रधानमंत्री मोदी ने जिस नोएडा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की नींव रखी, उसके बारे में सभी महत्वपूर्ण बातें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज उत्तर प्रदेश के जेवर में नोएडा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट (NIA) की नींव रखी। ये उत्तर प्रदेश का पांचवां अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट होगा और राज्य इतने अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा। ये एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा, वहीं देश का पहला जीरो उत्सर्जन एयरपोर्ट होगा। आइए आपको नोएडा एयरपोर्ट के बारे में मुख्य बातें और इससे संंबंधित कुछ महत्वपूर्ण आंकड़ों के बारे में बताते हैं।
नोएडा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर जिले के जेवर में बन रहा है। ये एयरपोर्ट दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से 72 किलोमीटर दूर है, वहीं नोएडा, फरीदाबाद और गाजियाबाद से मात्र 40 किलोमीटर दूर है। ग्रेटर नोएडा से इसकी दूरी महज 28 किलोमीटर है, वहीं गुरुग्राम से यह 65 किलोमीटर दूर है। दादरी के मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक हब से भी इसकी दूरी मात्र 40 किलोमीटर है।
नोएडा एयरपोर्ट आगरा को दिल्ली से जोड़ने वाले यमुना एक्सप्रेसवे और ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के पास पड़ता है और इससे एयरपोर्ट की उपयोगिता बढ़ेगी। ये खुर्जा-जेवर राष्ट्रीय राजमार्ग 91, बल्लभगढ़ के जरिए दिल्ली-मुंबई से भी जुड़ेगा। दिल्ली-वाराणसी के बीच प्रस्तावित हाई-स्पीड ट्रेन का भी इस एयरपोर्ट पर स्टॉप होगा और इसके जरिए दिल्ली से एयरपोर्ट तक की दूरी मात्र 21 मिनट में पूरी की जा सकेगी। नोएडा और दिल्ली से एयरपोर्ट तक सीधी मेट्रो भी चलाई जाएगी।
नोएडा एयरपोर्ट दिल्ली और नोएडा के साथ-साथ आसपास के अन्य कई जिलों की जरूरतों को भी पूरा करेगा। आगरा, मथुरा, अलीगढ़, गाजियाबाद और फरीदाबाद जैसे कई जिलों के लोग इस एयरपोर्ट के जरिए देश-विदेश की यात्रा कर सकेंगे।
नोएडा एयरपोर्ट को कुल चार चरणों में बनाया जाएगा और इन सभी चरणों का कार्य पूरा होने में लगभग 20 साल लगेंगे। पहले चरण का कार्य पूरा होने में लगभग तीन साल लगेंगे और ये पूरा होते ही एयरपोर्ट 2024 में शुरू हो जाएगा। एयरपोर्ट के लिए कुल 3,500 एकड़ जमीन अधिग्रहित की गई है, जिसमें से 167 एकड़ जमीन रीयल एस्टेट विकास कार्यों के लिए छोड़ी जाएगी। एयरपोर्ट के निर्माण में कुल 29,560 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
नोएडा एयरपोर्ट इलाके के विकास की धुरी बन सकता है और इसके लगभग 35,000 करोड़ रुपये का निवेश लाने की उम्मीद है। ये रोजगार के लगभग एक लाख मौके भी पैदा करेगा। एयरपोर्ट पर कुल 186 स्टैंड होंगे और ये अपने पहले चरण में हर साल लगभग 1.2 करोड़ यात्रियों की जरूरतों को पूरी करेगा। ये संख्या चारों चरण पूरे होने के बाद लगभग 70 करोड़ हो जाएगी। इसके अलावा एयरपोर्ट 10 लाख टन कार्गो भी संभाल सकेगा।
उत्तर प्रदेश में 2012 तक केवल लखनऊ और वाराणसी में दो अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट थे। तीसरा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट कुशीनगर में है जिसका इसी साल 30 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन किया था। अयोध्या में भी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बनाया जा रहा है और ये अगले साल शुरू हो सकता है। राज्य में अभी कुल आठ एयरपोर्ट काम कर रहे हैं जिनमें से तीन अंतरराष्ट्रीय हैं। 13 एयरपोर्ट और सात हवाई पट्टी का निर्माण जारी है।