अमेरिका में आए तूफान 'मिल्टन' को मानव निर्मित षडयंत्र क्यों बताया जा रहा है?
चक्रवाती तूफान 'मिल्टन' आज (10 अक्टूबर) को अमेरिका के फ्लोरिडा के तट से टकराया है। इससे फ्लोरिडा में हालात बदतर हो गए हैं। बिजली आपूर्ति प्रभावित होने से करीब 10 लाख लोग अंधेरे में हैं। सेंट पीटर्सबर्ग में आमतौर पर 3 महीने में होने वाली बारिश 3 घंटे में हो गई है, जिससे भारी तबाही हुई है। इस बीच तूफान की उत्पत्ति को लेकर सोशल मीडिया पर कई दावे किए जा रहे हैं। आइए इनके बारे में जानते हैं।
तूफान की उत्पत्ति को लेकर सोशल मीडिया पर क्या चल रहा है?
सोशल मीडिया पर कई लोगों ने दावा किया कि ये तूफान मानव निर्मित और एक षडयंत्र है। रिपब्लिकन पार्टी के नेता मार्जोरी टेलर ग्रीन ने एक पोस्ट में लिखा, 'हां, वे मौसम को नियंत्रित कर सकते हैं। किसी के लिए झूठ बोलना और यह कहना हास्यास्पद है कि ऐसा नहीं किया जा सकता।' एक दूसरे शख्स ने लिखा, 'लोगों को जागने की ज़रूरत है। यह कोई प्राकृतिक तूफ़ान नहीं है।'
मौसम नियंत्रिण के दावे पर विशेषज्ञों ने क्या कहा?
राष्ट्रीय महासागरीय और वायुमंडलीय प्रशासन (NOAA) ने कहा कि इन मौसम प्रणालियों के विशाल आकार और शक्ति के कारण तूफान में बदलाव संभव नहीं है। NOAA के एयर रिसोर्सेज लेबोरेटरी के निदेशक हॉवर्ड डायमंड ने रॉयटर्स से कहा, "मनुष्य के पास ऐसी कोई तकनीक नहीं है, जो तूफानों को बना सके, नष्ट कर सके, संशोधित कर सके या उनका संचालन कर सके। इसके बावजूद मौसम नियंत्रण के बारे में गलत सूचनाएं पनपती रहती हैं।"
तूफान के पीछे क्लाउड सीडिंग को भी बताया जा रहा वजह
तूफान के पीछे सबसे बड़ा दावा क्लाउड सीडिंग को बताया जा रहा है। क्लाउड सीडिंग सूखे इलाकों में मानव निर्मित उपायों से बारिश कराने का एक तरीका है। कहा जा रहा है कि क्लाउड सीडिंग का इस्तेमाल मिल्टन की तीव्रता को बढ़ाने के लिए किया गया था। इस दावे पर विशेषज्ञों का कहना है कि तूफान मेक्सिको की खाड़ी में आया है, जहां क्लाउड सीडिंग अप्रभावी है, क्योंकि यहां नमी का स्तर पहले से ही अधिक है।
HAARP तकनीक को भी बताया जा रहा जिम्मेदार
हाई-फ्रीक्वेंसी एक्टिव ऑरोरल रिसर्च प्रोग्राम (HAARP) को भी तूफान के पीछे की संभावित वजह बताया जा रहा है। इस तकनीक में उच्च आवृत्ति की रेडियों तरंगों के जरिए ऊपरी वायुमंडल का अध्ययन किया जाता है। अमेरिकी सेना द्वारा इस पर प्रतिबंध भी लगाया जा चुका है। HAARP को लेकर पहले भी मौसम नियंत्रण के दावे किए जा चुके हैं। हालांकि, HAARP के प्रवक्ता ने कहा कि इससे तूफान को बना या नियंत्रित नहीं कर सकता है।
क्या जलवायु परिवर्तन है वजह?
मौटे तौर पर वैज्ञानिकों का मानना है कि तूफानों के पीछे वास्तविक कारण जलवायु परिवर्तन है। मानवीय गतिविधियों के कारण समुद्री तापमान में वृद्धि हुई है, जिससे तूफानों की तीव्रता बढ़ी है। मिल्टन तूफान मैक्सिको की खाड़ी से गुजरते ही तीव्र हो गया, क्योंकि यहां समुद्री सतह का तापमान सामान्य से 1-2 डिग्री सेल्सियस ज्यादा था। यहां से गुजरते हुए सिर्फ 12 घंटों के दौरान हवा की गति 150 किलोमीटर/घंटा से बढ़कर 280 किलोमीटर/घंटा हो गई।
तूफान से कितनी तबाही मची?
फ्लोरिडा के कई शहरों में 190 किलोमीटर प्रति घंटा से भी ज्यादा रफ्तार से हवाएं चल रही हैं। CNN के मुताबिक, फ्लोरिडा में लगभग 10 लाख लोगों के घरों में बिजली नहीं है। 2 लोगों की मौत की खबर है। रॉयटर्स के मुताबिक, तूफान से अमेरिका को 8 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है। अलग-अलग जगहों पर सैकड़ों घर गिए गए हैं, बिजली के खंभे उखड़ गए हैं और 20 लाख लोगों पर बाढ़ का खतरा है।