जम्मू-कश्मीर: हमलों के लिए आधुनिक तरीके अपना रहे आतंकी, ऐप और सैटेलाइट उपकरण कर रहे इस्तेमाल
क्या है खबर?
जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों को निशाना बनाने के लिए आतंकवादी कई आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, कम से कम 50 उच्च प्रशिक्षित लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी कश्मीर घाटी में छिपे हुए हैं। ये अत्याधुनिक रेडियो संचार प्रणाली और मोबाइल ऐप्लीकेशन का इस्तेमाल कर रहे हैं।
ये आतंकवादी ऊंची जगहों में छिपकर और रणनीति बदलकर सुरक्षाबलों की चुनौतियों को बढ़ा रहे हैं।
आइए मामले को विस्तार से जानते हैं।
मोबाइल ऐप
मोबाइल ऐप का इस्तेमाल कर रहे आतंकी
न्यूज 18 ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि आतंकी 'अल्पाइन क्वेस्ट' नामक ऐप का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे उन्हें पुलिस मूवमेंट, बैरिकेड्स और सुरक्षाबलों के कैंपों की सारी जानकारी मिलती है।
अल्पाइन क्वेस्ट एक ऑस्ट्रेलियाई ऐप है, जिसका इस्तेमाल ट्रेकर्स करते हैं।
आतंकियों के पास ऐप का ऑफलाइन वर्जन है, जिसमें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) कैंपों, सुरक्षाबलों की आवाजाही, रुकने के स्थान और नाकेबंदी की जानकारी उपलब्ध रहती है।
वायरलैस उपकरण
अत्याधुनिक वायरलैस उपकरणों से संदेश भेज रहे आतंकी
रिपोर्ट के मुताबिक, ये आतंकवादी भारत में पाकिस्तान स्थित सर्वरों के साथ बातचीत करने के लिए आधुनिक रेडियो संचार अल्ट्रा का इस्तेमाल कर रहे हैं।
इनके संदेश बेहद गोपनीय और अत्यधिक एन्क्रिप्टेड होते हैं, जिन्हें ट्रेस करना सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी चुनौती है। संदेश भेजते समय वायरलैस की लोकेशन का पता लगाया जा सकता है, लेकिन वे भी कुछ घंटे बाद।
इससे सुरक्षाबलों की चुनौतियां और बढ़ गई हैं।
रणनीति
आतंकियों ने रणनीति भी बदली
आतंकियों ने पहली बार ओवरग्राउंड वर्कर्स के नेटवर्क का सहारा लिए बिना अपने मंसूबों को अंजाम देने का फैसला लिया है। आतंकियों का मानना है कि ओवरग्राउंड वर्कर्स के इस्तेमाल से योजना लीक होने की संभावना बढ़ जाती है और आतंकी असुरक्षित हो जाते हैं।
न्यूज18 को सूत्रों ने बताया कि आतंकियों ने लगातार हो रहे नुकसान के बाद रणनीति बदल ली है और वे बिना किसी ठोस योजना के पहाड़ों से नीचे नहीं आ रहे हैं।
आधुनिक हथियार
आतंकियों के पास से बरामद हुए थे आधुनिक हथियार
पिछले साल कठुआ में मुठभेड़ में मारे गए 2 आतंकियों के पास से नाइट स्कोप और फ्रीक्वेंसी सैटेलाइट कम्युनिकेशन डिवाइस वाली M4 राइफल बरामद हुई थी।
जैश कमांडर रेहान के पास माइक्रो कंपनी के वो सैटेलाइट कम्युनिकेशन डिवाइस बरामद हुए थे, जो पाकिस्तानी सेना के लिए खरीदे गए थे।
इसके अलावा आतंकवादी ड्रोन का इस्तेमाल भी कर रहे हैं। पिछले साल मारे गए कई आतंकियों के पास से आधुनिक हथियार मिले थे।