बांग्लादेश में क्यों हुआ पर्यटक पर हमला और क्या वहां सुरक्षित हैं भारतीय?
बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में बनी अंतरिम सरकार की ओर से देश में हिंदुओं और भारतीयों की सुरक्षा के तमाम दावों के बाद भी उन पर हमलों की घटनाएं लगातार बढ़ रही है। पिछले महीने राजधानी ढाका में स्थानीय लोगों ने भारतीय पर्यटक सायन घोष के साथ जमकर मारपीट की। उसके बाद अगरतला से कोलकाता जा रही एक बस पर हमला कर दिया। इन घटनाओं से बड़ा सवाल खड़ा किया है कि क्या बांग्लादेश में भारतीय सुरक्षित हैं।
बाजार घूमते समय किया घोष पर हमला?
न्यूज 18 के अनुसार, पश्चिम बंगाल के बेलघरिया घोष 23 नवंबर को अपने दोस्त से मिलने ढाका गए थे। 26 नवंबर को वापस भारत लौटने से पहले उनकी यात्रा हिंसक हो गई। वह वह अपने दोस्त के साथ पास के बाजार में घूमने गए थे। उस दौरान मुस्लिम समुदाय के 5-6 लड़कों ने उनसे देश और धर्म के बारे में पूछा। उन्होंने जब खुद को भारत से होने और हिंदू बताया तो लड़कों ने उनको पीटना शुरू कर दिया।
चाकू की नोंक पर मोबाइल और पर्स छीना
घोष ने कहा, "भीड़ ने मुझे लात-घूंसे मारना शुरू कर दिया और मुझे बचाने की कोशिश करने वाले मेरे दोस्त पर भी हमला किया। उन्होंने चाकू की नोंक पर मेरा मोबाइल और पर्स छीन लिया। कोई भी राहगीर हमें बचाने तक नहीं आया और आस-पास पुलिस भी नहीं थी।" उन्होंने कहा, "भीड़ ने उन पर चाकू से हमला किया और उन पर पत्थर फेंके। वे कहते रहे कि भारतीय हिंदू हमारे देश में क्यों आया? वह पल बहुत डरावना था।"
उपचार मिला न हुई FIR
घोष ने आरोप लगाया कि हमले के बाद वह FIR दर्ज कराने के लिए श्यामपुर पुलिस थाना पहुंचे थे, लेकिन पुलिस ने कार्रवाई से इनकार कर दिया और उनसे बांग्लादेश आने का कारण पूछने लग गए। उन्होंने कहा, "पुलिस ने मेरे जख्मों को देखने के बाद भी मेरा उपचार नहीं कराया। उन्होंने पहले मेरा पासपोर्ट और वीजा की जांच की और फिर मेरे दोस्त के परिवार से बात करने के बाद प्राथमिक उपचार कराने का आश्वासन दिया।"
लोगों ने दोस्त के परिवार को दी धमकी
घोष ने बताया कि चार घंटे की मशक्कत के बाद उन्हें ढाका मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में प्राथमिक उपचार मिला। उसके बाद वह भारत के लिए रवाना हो गए। उन्होंने बताया, "मेरे रवाना होने के बाद कुछ सरकारी कर्मचारी, स्थानीय विधायक और क्षेत्र के अन्य लोग मेरे दोस्त के घर पहुंचे और उन्हें मुझे बांग्लादेश बुलाने के लिए उन्हें परेशान किया। लोगों ने दोस्त के परिवार को मुझे दोबारा बुलाने पर जान से मारने की धमकी भी दी।"
भारतीय यात्रियों से भरी बस पर हमला
बांग्लादेश में घोष पर हुआ हमला कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले अगरतला से कोलकाता जा रही एक बस पर बांग्लादेश में दुर्घटना के बाद हमला हुआ था। त्रिपुरा के परिवहन मंत्री सुशांत चौधरी ने बताया था कि बांग्लादेश के ब्राह्मणबरिया में बिश्व रोड पर त्रिपुरा से कोलकाता जा रही एक बस के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद लोगों ने बस पर हमला कर दिया। लोगों ने यात्रियों को धमकाया और भारत विरोधी नारे भी लगाए।
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने भी दी प्रतिक्रिया
इस घटना को लेकर त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने कहा, "बांग्लादेश को भारत, खासकर त्रिपुरा के उनके मुक्ति संग्राम में दिए गए योगदान को नहीं भूलना चाहिए। आज वे अपना इतिहास भूल गए हैं और सभी मानदंडों का उल्लंघन किया है।" उन्होंने आगे कहा, "केंद्र सरकार इस समय बांग्लादेश की स्थिति पर कड़ी नजर रख रही है। अगर, बांग्लादेश सरकार इस तरह की भारत विरोधी गतिविधियों को नहीं रोकती है तो इसके गंभीर परिणाम होंगे।"
क्या बांग्लादेश में सुरक्षित हैं भारतीय?
विशेषज्ञों के अनुसार, बांग्लादेश में अंतरिम सरकार बनने के बाद हिंदुओं पर अत्याचार बढ़ गए। वहां मंदिरों में तोड़फोड़ हो रही है और हिंदुओं पर हमले किए जा रहे हैं। हिंदू साधुओं को गिरफ्तार किया जा रहा है। इसी तरह देश में भारत विरोधी नारे लगाए जा रहे हैं और भारत के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया जा रहा है। अब भारतीय पर्यटकों पर हुए हमलों की घटनाओं ने बांग्लादेश को भारतीयों के लिए असुरक्षित बना दिया है।