संभल में 10 दिसंबर तक बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक, SP प्रतिनिधिमंडल भी रोका गया
समाजवादी पार्टी (SP) के एक प्रतिनिधिमंडल को सांप्रदायिक हिंसा से जूझ रहे उत्तर प्रदेश के संभल जाने से रोक दिया गया है। 15 सदस्यीय इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व उत्तर प्रदेश विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय कर रहे थे। अखिलेश यादव ने इसे शासन-प्रशासन की नाकामी बताते हुए भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। वहीं, 10 दिसंबर तक संभल में बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है।
सांसद इकरा हसन को भी संभल जाने से रोका गया
कैराना लोकसभा क्षेत्र से SP सांसद इकरा चौधरी को संभल नहीं जाने दिया गया है। हापुड़ शहर के पिलखुवा के छिजारसी टोल प्लाजा पर पुलिस इकरा को रोककर वापस दिल्ली भेज दिया है। हालांकि, इस दौरान इकरा संभल जाने पर अड़ गई, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें समझाया। इससे पहले मुजफ्फर नगर के सांसद हरेंद्र मलिक, संभल के सांसद जिया उल बर्क और रामपुर के सांसद मोहिबुल्लाह नदवी को भी संभल नहीं जाने दिया गया।
पांडेय बोले- सरकार काम छिपाने के लिए हमें रोक रही
पांडेय ने दावा किया कि गृह सचिव और संभल के जिला मजिस्ट्रेट ने उनसे यात्रा स्थगित करने का अनुरोध किया। समाचार एजेंसी ANI के अनुसार, पांडेय ने कहा, "प्रशासन को मुझे नोटिस देना था कि मैं वहां नहीं जा सकता, लेकिन कोई लिखित नोटिस नहीं दिया गया। न्याय आयोग वहां जा रहा है, मीडिया के लोग वहां जा रहे हैं, क्या हमारे वहां जाने से कोई अशांति होगी? सरकार अपने सारे काम छिपाने के लिए जानबूझकर हमें रोक रही है।"
मृतकों के परिजन को 5-5 लाख रुपये देगी SP
समाजवादी पार्टी ने संभल हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है। पार्टी ने कहा, 'समाजवादी पार्टी भाजपा सरकार और प्रशासन की विफलता के कारण संभल में हुई हिंसा में जान गंवाने वालों के परिवारों को 5-5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देगी। उत्तर प्रदेश सरकार को प्रत्येक परिवार को 25-25 लाख रुपये का मुआवजा देना चाहिए।' कांग्रेस ने भी 2 दिसंबर को संभल में प्रतिनिधिमंडल भेजने की बात कही है।
अखिलेश यादव ने सरकार पर उठाए सवाल
अखिलेश यादव ने लिखा, 'प्रतिबंध लगाना भाजपा सरकार के शासन, प्रशासन और सरकारी प्रबंधन की नाकामी है। ऐसा प्रतिबंध अगर सरकार उन पर पहले ही लगा देती, जिन्होंने दंगा-फसाद करवाने का सपना देखा और उन्मादी नारे लगवाए तो संभल में सौहार्द-शांति का वातावरण नहीं बिगड़ता। संभल में प्रशासनिक मंडल निलंबित कर उन पर साजिशन लापरवाही का आरोप लगाते हुए, सच्ची कार्रवाइ कर बर्खास्त भी करना चाहिए और किसी की जान लेने का मुकदमा भी चलना चाहिए।'
सामान्य हो रहा माहौल
संभल में अब हालात सामान्य हो रहे हैं और जनजीवन पटरी पर लौट रहा है। स्कूल और दुकानें भी खुलने लगी हैं। शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद इंटरनेट पर लगी पाबंदी भी हटा दी गई है। पुलिस ने जनसंवाद कर लोगों से शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान नहीं देने का आग्रह किया है। हालांकि, अभी भी आला अधिकारी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और भारी सुरक्षाबल तैनात हैं।
मस्जिद के सर्वे के दौरान भड़की थी हिंसा
हिंदू पक्ष का दावा है कि मोहल्ला कोट स्थित जामा मस्जिद की जगह पर पहले श्री हरिहर मंदिर था। इस संबंध में 19 नवंबर को हिंदू पक्ष ने जिला कोर्ट में वाद दायर किया था। इसके बाद कोर्ट ने मस्जिद के सर्वे का आदेश दिया था। 24 नवंबर को दूसरे सर्वे के दौरान यहां हिंसा भड़क गई, जिसमें 4 लोग मारे गए थे। मामले पर अगली सुनवाई 8 जनवरी को है।