हरियाणा हिंसा: हिंदू महापंचायत का पुलिस को अल्टीमेटम, गिरफ्तार युवाओं को रिहा करने की मांग
हरियाणा के गुरूग्राम में सांप्रदायिक हिंसा के बाद तिगरा गांव में आयोजित एक हिंदू महापंचायत में पुलिस को एक सप्ताह का अल्टीमेटम दिया गया। इसमें हिंदू संगठनों ने पिछले हफ्ते मस्जिद में हुई आगजनी मामले में गिरफ्तार युवाओं को रिहा करने की मांग की है। दरअसल, 31 जुलाई को हिंसक भीड़ ने यहां मस्जिद में एक 23 वर्षीय व्यक्ति की चाकू मारकर हत्या कर दी थी, जिसके बाद इस मामले में पुलिस ने कुछ युवकों को गिरफ्तार किया है।
पुलिस ने किन युवकों को किया है गिरफ्तार?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सेक्टर 57 में अंजुमन मस्जिद में हुई आगजनी के मामले में तिगरा गांव के 4 हिंदू युवकों 23 वर्षीय राकेश, 32 वर्षीय रविंदर, 25 वर्षीय राहुल और 25 वर्षीय अंकित को गिरफ्तार किया है। साथ ही पुलिस ने नाथूपुर गांव के 26 वर्षीय टिंकल और 27 वर्षीय नवीन समेत बंधवारी गांव के 30 वर्षीय सतपाल को भी पकड़ा है। हिंदू पंचायत में हरियाणा पुलिस से इन्हीं निर्दोष युवाओं को रिहा करने की मांग की गई।
कहां हुई थी हिंदू महापंचायत?
गुरूग्राम के तिगरा गांव में प्रशासन की अनुमति के बिना एक सरकारी स्कूल के परिसर में रविवार सुबह करीब 10.45 बजे हिंदू महापंचायत शुरू हुई। इस पंचायत में न केवल गुरूग्राम, बल्कि फरीदाबाद, हिसार, झज्जर, पलवल और रेवाड़ी के आसपास के गांवों से 800 से अधिक लोग पहुंचे, जिनमें कुछ गांवों के सरपंच और पार्षद शामिल हुए थे। इस पंचायत शामिल वक्ताओं ने एक समुदाय विशेष के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने के आरोप भी हैं।
कौन-कौन हिंदू महापंचायत में हुए शामिल?
इस हिंदू महापंचायत में विश्व हिंदू परिषद (VHP), बजरंग दल और अन्य हिंदू संगठनों से जुड़े लोग शामिल हुए। वक्ताओं कहा, "उन्हें योगी आदित्यनाथ जैसे मुख्यमंत्री की जरूरत है। अगर हमें योगी जैसा मुख्यमंत्री नहीं मिल सकता तो नूंह को उत्तर प्रदेश का हिस्सा बना देना चाहिए।" वक्ताओं ने अंजुमन मस्जिद पर हमले के संबंध में हिंदू युवाओं की गिरफ्तारियों का विरोध किया। उनका आरोप है कि पुलिस मनमाने ढंग से युवाओं को गिरफ्तार कर रही है।
महापंचायत में पूर्व पार्षद बोले- निर्दोष युवाओं को परेशान
गुरूग्राम में आयोजित महापंचायत में हरियाणा पुलिस को अल्टीमेटम दिया गया। इस पंचायत के समन्वयकों में से एक सेक्टर 30 के पूर्व पार्षद महेश दायमा ने दावा किया, "हम जानते हैं कि पुलिस को जांच करने के लिए कुछ समय की आवश्यकता होगी। हम केवल यही मांग करते हैं कि हमारे निर्दोष युवाओं को परेशान नहीं किया जाना चाहिए। हमले के सिलसिले में हिरासत में लिए गए उनमें से कई निर्दोष हैं।"
नूंह हिंसा में अब तक 6 लोगों की मौत
हरियाणा के नूंह जिले से भड़की सांप्रदायिक हिंसा में अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है। इस हिंसा से निजी और सरकारी संपत्ति को भी काफी नुकसान पहुंचा है। जिले में धारा 144 लागू है। हिंसा में अब तक 104 FIR दर्ज करते हुए 216 लोगों की गिरफ्तार किया गया है। नूंह जिला प्रशासन ने सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक फर्फ्यू में ढील दी है, लेकिन यहां 8 अगस्त तक इंटरनेट सेवा निलंबित है।
नूंह में कैसे भड़की थी सांप्रदायिक हिंसा?
हिंदू संगठनों ने 31 जुलाई को नूंह जिले में ब्रजमंडल यात्रा निकाली थी। इसमें बजरंग दल के सदस्य और राजस्थान के जुनैद और नासिर को बोलेरो में जिंदा जलाने के आरोपी मोनू मानेसर को भी शामिल होना था। इससे नाराज मुस्लिम लोगों ने यात्रा पर पथराव कर दिया, जिसके बाद नूंह में सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई। इस हिंसा की आंच तेजी से गुरुग्राम और पलवल समेत हरियाणा के अन्य इलाकों में भी फैल गई।