जिम कॉर्बेट पार्क में लगे कैमरों से की जाती है महिलाओं की निगरानी, अध्ययन में खुलासा
उत्तराखंड के जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान में वन्यजीवों की निगरानी के लिए लगाए गए कैमरों का दुरुपयोग होने की बात सामने आई है। कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए अध्ययन में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। अध्ययन में सामने आया है कि स्थानीय अधिकारी महिलाओं की सहमति के बिना उन पर निगरानी रखने के लिए कैमरों और ड्रोन्स का उपयोग कर रहे हैं। हालांकि, सरकार ने आरोपों से इनकार करते हुए जांच के आदेश भी दिए हैं।
जंगल में कैसे रखी जा रही है महिलाओं पर निगरानी?
अध्ययन के प्रमुख लेखक त्रिशांत सिमलाई ने बाघ अभयारण्य के आसपास के 270 निवासियों से बात की। इसमें सामने आया कि स्थानीय महिलाएं जंगल में दैनिक गतिविधियां करते समय महसूस करती हैं कि उन पर नजर रखी जा रही है। सिमलाई ने कहा कि तकनीक जंगलों को पुरुषवादी स्थान के रूप में बदल देती हैं। अध्ययन में उन घटनाओं के भी सबूत दिए गए हैं, जिनमें महिलाओं के आने-जाने वाले क्षेत्रों में गुप्त रूप से कैमरा ट्रैप लगाए गए हैं।
महिलाओं को डराने-धमकाने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल
अध्ययन में यह भी पाया गया कि महिलाओं को डराने और प्राकृतिक संसाधनों को इकट्ठा करने से रोकने के लिए उनके कानूनी अधिकारों के बावजूद जानबूझकर उनके ऊपर ड्रोन उड़ाए जाते हैं। इस निगरानी ने न केवल उनके व्यवहार को बदल दिया है, बल्कि खतरनाक जानवरों से मुठभेड़ का जोखिम भी बढ़ा दिया है। उत्तराखंड के मुख्य वन्यजीव वार्डन आरके मिश्रा ने बताया कि कैमरों का उद्देश्य गोपनीयता भंग करना नहीं है तथा इन आरोपों की जांच जारी है।