संभल हिंसा: सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगाई, सीलबंद रहेगी सर्वे रिपोर्ट
संभल की जामा मस्जिद मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने सर्वे के एकतरफा आदेश पर आपत्ति जताई और निचली अदालत को 8 जनवरी तक किसी भी तरह की कार्यवाही करने पर रोक लगा दी है। मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली 2 सदस्यीय पीठ ने मामले की सुनवाई की। इसी के साथ कोर्ट ने मस्जिद की सर्वे रिपोर्ट को भी सीलबंद कवर में रखने का आदेश दिया है।
कोर्ट ने कहा- शांति जरूरी
पीठ ने कहा, "हमें आदेश पर कुछ आपत्तियां हैं। इसे लंबित रहने दें। हम शांति और सद्भाव चाहते हैं। आप दलीलें दाखिल करें, तब तक रहने दें। जब तक कि सर्वे आदेश को चुनौती देने वाली मस्जिद समिति की याचिका हाई कोर्ट में सूचीबद्ध न हो जाए, तब तक निचली अदालत कार्यवाही पर आगे न बढ़े।" कोर्ट ने एडवोकेट कमिश्नर की रिपोर्ट को सीलबंद लिफाफे में रखने का भी निर्देश दिया है।
पीठ ने मुस्लिम पक्ष को हाई कोर्ट जाने को कहा
पीठ ने याचिकाकर्ता यानी मुस्लिम पक्ष से पूछा कि वे सुप्रीम कोर्ट आने से पहले हाई कोर्ट क्यों नहीं गए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "क्या 227 के तहत हाई कोर्ट जाना उचित नहीं है? बेहतर होगा कि हम इसे यहीं लंबित रखें। आप अपनी दलीलें उचित पीठ के सामने दायर करें। हम नहीं चाहते कि इस बीच कुछ भी हो। उन्हें आदेश को चुनौती देने का अधिकार है।" सुप्रीम कोर्ट अगली सुनवाई 6 जनवरी को करेगा।
मस्जिद समिति ने कोर्ट में क्या दलील दी?
मस्जिद समिति ने कहा, "हिंदू पक्ष ने जिस दिन आवेदन दाखिल किया, उसी दिन सर्वे आदेश पारित कर दिया गया और सर्वे भी हुआ। 23 नवंबर की आधी रात को समिति को सूचित किया गया कि अगले दिन एक और सर्वे होगा। 24 नवंबर को सुबह 6.15 बजे सर्वे टीम भारी बल के साथ पहुंची और नमाजियों से कहा कि वे तुरंत चले जाएं। जिस गति से मामला आगे बढ़ाया गया, उससे निवासियों के मन में आशंकाएं पैदा हो गईं।"
जिला कोर्ट में पेश नहीं हुई सर्वे रिपोर्ट
संभल जामा मस्जिद की सर्वे रिपोर्ट आज कोर्ट में पेश नहीं की गई। एडवोकेट कमिश्नर ने कहा कि सर्वे के दौरान हिंसा हुई थी, इसलिए रिपोर्ट तैयार नहीं हो पाई है। मस्जिद समिति के वकील शकील अहमद ने कहा, "सर्वे रिपोर्ट आज पेश नहीं की गई है। मस्जिद में अब कोई और सर्वे नहीं होगा।" कोर्ट अब इस मामले में 8 जनवरी को सुनवाई करेगा। पहले ये सुनवाई 29 नवंबर को होनी थी।
मस्जिद को लेकर क्या है विवाद?
हिंदू पक्ष का दावा है कि मोहल्ला कोट स्थित जामा मस्जिद की जगह पर पहले श्री हरिहर मंदिर था। इस संबंध में 19 नवंबर को हिंदू पक्ष ने जिला कोर्ट में वाद दायर किया था। इसके बाद कोर्ट ने मस्जिद के सर्वे का आदेश दिया था। पहला सर्वे शांति से हो गया, लेकिन 24 नवंबर को दूसरे सर्वे के दौरान यहां हिंसा भड़क गई, जिसमें 4 लोग मारे गए थे। जिला कोर्ट में अगली सुनवाई 8 जनवरी को है।