'बुलडोजर न्याय' अस्वीकार्य और किसी भी सभ्य व्यवस्था के लिए है अज्ञात- सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ सेवानिवृत्त हो गए हैं। सुप्रीम कोर्ट में अपने कार्यकाल के आखिरी फैसले में CJI चंद्रचूड़ ने 'बुलडोजर न्याय' की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा, 'बुलडोजर न्याय' कानून के शासन के तहत अस्वीकार्य है और यह न्यायशास्त्र की किसी भी सभ्य व्यवस्था के लिए अज्ञात है। उन्होंने चुनिंदा विध्वंसों को प्रतिशोध की कार्रवाई बताते हुए इसमें शामिल राज्य के अधिकारियों को जवाबदेह ठहराने की बात कही है।
CJI ने 'बुलडोजर न्याय' पर क्या की टिप्पणी?
CJI ने कहा, "संपत्ति के विनाश की धमकियों के माध्यम से नागरिकों की आवाज़ को चुप नहीं कराया जाना चाहिए। नागरिक के घर की सुरक्षा उनका मौलिक अधिकार है और उसकी सुरक्षा की जानी चाहिए। नतीजतन, राज्य कथित अवैध अतिक्रमणों या निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई करने से पहले उचित प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए बाध्य है।" CJI ने यह फैसला उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले में एक घर को ध्वस्त करने से संबंधित मामले में सुनाया है।
उत्तर प्रदेश सरकार को 25 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश
कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को याचिकाकर्ता को 25 लाख रुपये का अंतरिम मुआवजा देने, मुख्य सचिव को अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करने और घर को ध्वस्त करने के लिए जिम्मेदार दोषी अधिकारियों और ठेकेदारों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने का भी आदेश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने बताई उचित प्रक्रिया
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर कोई अतिक्रमण पाया जाता है, तो राज्य को सबसे पहले मौजूदा भूमि रिकॉर्ड और मानचित्रों को सत्यापित करना चाहिए। उसके बाद वास्तविक अतिक्रमण की पहचान के लिए 2 उचित सर्वे करारकर कथित अतिक्रमणकारियों को 3 लिखित नोटिस देने चाहिए। इसके बाद अगर, नोटिस की प्रामाणिकता और वैधता को चुनौती दी जाती है, तो प्राकृतिक न्याय सिद्धांतों के आधार पर कार्रवाई करने का स्पष्ट आदेश जारी करना चाहिए।
CJI कार्यकाल के दौरान चंद्रचूड़ के अहम फैसले
CJI के रूप में न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ का कार्यकाल नवंबर 2022 में शुरू हुआ और 10 नवंबर 2024 को उनकी सेवानिवृत्ति के साथ समाप्त हुआ। सुप्रीम कोर्ट में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई ऐतिहासिक फैसले सुनाए, जिनमें गोपनीयता, समलैंगिकता और व्यभिचार से संबंधित फैसले शामिल थे। उनकी सेवानिवृत्ति के बाद अब जस्टिस संजीव खन्ना ने नए CJI का पदभार संभाला है। वह करीब 6 महीने इस पर रहने के बाद 13 मई, 2025 को सेवानिवृत्त होंगे।