मोरबी हादसा: ओरेवा ने मरम्मत पर खर्च किए 2 करोड़ में से सिर्फ 12 लाख रुपये
मोरबी पुल हादसे की जांच में सामने आया है कि पुल की मरम्मत का ठेका लेने वाले ओरेवा समूह ने इस पर आवंटित राशि का मात्र छह प्रतिशत हिस्सा ही खर्च किया था। कंपनी को पुल की मरम्मत करने के लिए दो करोड़ रुपये मिले थे, लेकिन उसने इस पर मात्र 12 लाख रुपये खर्च किए। जांच के अनुसार, कंपनी ने पुल की महज रंगाई-पुताई की और अगर वह इसकी ठीक से मरम्मत करती तो यह हादसा नहीं होता।
मोरबी में पुल टूटने से हुई थी 141 लोगों की मौत
मोरबी में 30 अक्टूबर को मच्छू नदी पर बना पुल टूट कर नदी में गिर गया था। इस हादसे में 141 लोगों की मौत हुई, वहीं लगभग 180 लोग घायल हुए। कम से कम दो लोग अभी भी लापता हैं। छठ पूजा के मौके पर पुल पर अधिक भीड़ जमा हो गई थी, जिसके कारण इसकी केबल टूट गई और यह नदी में गिर गया। हादसे के समय पुल पर लगभग 500 लोग मौजूद थे।
ओरेवा कंपनी ने नहीं बदली थीं पुरानी केबलें, जंग के कारण टूटीं
मोरबी के इस पुल को हादसे से चार दिन पहले 26 अक्टूबर को ही जनता के लिए खोला गया था और इससे पहले मरम्मत के कारण ये सात महीने बंद रहा था। हालांकि मरम्मत के दौरान ओरेवा कंपनी ने केवल इसका फर्श बदला और पुरानी केबलों पर ग्रीसिंग तक नहीं की गई। पुलिस के अनुसार, जिस जगह से केबल टूटी, वहां जंग लगी हुई थी और अगर इसकी मरम्मत की जाती तो यह हादसा नहीं होता।
ओरेवा ने दूसरी कंपनी को दिया मरम्मत का ठेका
टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, पुलिस की जांच में सामने आया है कि ओरेवा कंपनी ने खुद पुल की मरम्मत नहीं की थी, बल्कि इसका ठेका ध्रांगध्रा स्थित देवप्रकाश सोल्युशन्स कंपनी को दे दिया। ओरेवा की तरह देवप्रकाश सॉल्युशन्स के पास भी पुल की मरम्मत करने के लिए तकनीकी विशेषज्ञता नहीं थी और उसने महज रंगाई-पुताई करके अपना काम खत्म कर दिया। देवप्रकाश सॉल्युशन्स के दस्तावेजों से ही मरम्मत पर मात्र 12 लाख रुपये खर्च करने की जानकारी मिली है।
फिटनेस सर्टिफिकेट हासिल किए बिना ही पुल खोलने का भी आरोप
ओरेवा पर फिटनेस सर्टिफिकेट और अनुमति हासिल किए बिना ही पुल को आम लोगों को खोलने का आरोप भी है। मोरबी नगर निगम का कहना है कि कंपनी ने पुल को खोलने से पहले उससे अनुमति नहीं ली। ओरेवा पर पुल को तय समय से पहले खोलने का आरोप भी लगा है। कंपनी को समझौते के तहत पुल को 8-12 महीने बंद रखना था, लेकिन उसने सात महीने बाद ही इसे जनता के लिए खोल दिया।
मामले में गिरफ्तार किए जा चुके हैं कंपनी के नौ कर्मचारी
बता दें कि मामले में पुलिस ने ओरेवा कंपनी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या), 308 और 114 के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस ने कंंपनी के नौ कर्मचारियों को गिरफ्तार भी किया है, जिनमें दो मैनेजर, दो टिकट क्लर्क, तीन सुरक्षा गार्ड और 2 रिपेयरिंग ठेकेदार शामिल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अधिकारियों को मामले की विस्तृत जांच का आदेश दिया है।