कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार को मिली जमानत, जानें क्या है मामला
दिल्ली हाई कोर्ट ने कर्नाटक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डीके शिवकुमार को 25 लाख के मुचलके पर जमानत दे दी है। जमानत देते हुए कोर्ट ने कहा कि शिवकुमार उसकी इजाजत के बिना विदेश नहीं जा सकेंगे। शिवकुमार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में 3 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था। उन्हें 25 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया था। यह अवधि पूरी होने के बाद वह तिहाड़ जेल से बाहर आ सकेंगे।
सात बार के विधायक हैं शिवकुमार
कर्नाटक में सात बार विधायक रह चुके शिवकुमार को प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार के आरोपों में गिरफ्तार किया गया था। उनके साथ दिल्ली स्थित कर्नाटक भवन के एक कर्मचारी और अन्य को आरोपी बनाया गया है।
ED ने शिवकुमार के घर पर की थी छापेमारी
ED ने अगस्त, 2017 में डीके शिवकुमार के घर और कार्यालय पर छापेमारी की थी। इस दौरान उनके दिल्ली के सफदरजंग स्थित घर से 11 करोड़ रुपये कैश मिले थे। इसके बाद आयकर विभाग ने शिवकुमार और उनके चार सहयोगियों पर केस दर्ज किया। विभाग की चार्जशीट दायर होने के बाद उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया गया। सितंबर से गिरफ्तारी से बचने के लिए उन्होंने कर्नाटक हाईकोर्ट में गुहार लगाई थी, लेकिन उनकी अर्जी खारिज हो गई।
शिवकुमार से मिलने तिहाड़ पहुंची थीं सोनिया गांधी
तिहाड़ जेल में बंद शिवकुमार से बुधवार सुबह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मुलाकात की थी। सोनिया ने उन्हें संदेश देते हुए कहा कि उन्हें राजनीतिक मामले में फंसाया गया है और पूरी कांग्रेस पार्टी उनके साथ है।
कांग्रेस के सबसे बड़े रणनीतिकारों में शामिल हैं शिवकुमार का नाम
वोकालिग्गा समुदाय से आने वाले शिवकुमार को कांग्रेस के सबसे बड़े रणनीतिकारों में से एक माना जाता है। चुनाव प्रबंधन में माहिर समझे जाने वाले शिवकुमार ने पिछले कुछ समय में कांग्रेस को कई बड़े संकटों से उबारा है। कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस की सरकार बचाने के लिए वो अकेले लड़ते दिखे थे। उन्होंने 1985 में एचडी देवेगौड़ा के खिलाफ पहला विधानसभा चुनाव लड़ा था। हालांकि, इसमें उन्हें सफलता नहीं मिली। इसके बाद उपचुनाव में उन्होंने पहली बार जीत दर्ज की।
रिजॉर्ट पॉलिटिक्स में माहिर है शिवकुमार
कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार और उससे पहले कांग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे शिवकुमार गुजरात की एक राज्यसभा सीट के चुनाव के दौरान राष्ट्रीय राजनीति के फलक पर छाए थे। दरअसल, 2017 में राज्यसभा सीट पर चुनाव कांग्रेस और भाजपा के लिए नाक का सवाल बन गया था। इस दौरान कांग्रेस विधायकों को एक रिजॉर्ट में ठहराया गया था। इसके पीछे शिवकुमार का बड़ा हाथ था। इसके बाद उनके घर और कार्यालय पर छापेमारी हुई थी।