प्रधानमंत्री मोदी सही थे, देशव्यापी NRC पर कोई चर्चा नहीं- अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि अभी तक देशव्यापी नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (NRC) पर कोई विचार नहीं किया गया है। शाह का यह बयान प्रधानमंत्री मोदी के उस बयान का दो दिन बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनकी सरकार में NRC शब्द पर चर्चा तक नहीं हुई है। हालांकि, अमित शाह ने संसद समेत कई जगहों पर बयान दिया है कि उनकी सरकार देशभर में NRC लागू करेगी।
NRC पर अभी तक कोई चर्चा नहीं- शाह
शाह ने कहा, "देशव्यापी NRC पर अभी चर्चा करने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि इस पर अभी तक कोई विचार-विमर्श नहीं हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी सही थे, इसे लेकर अब तक न तो मंत्रिमंडल में कोई चर्चा हुई है और न ही संसद में।"
NRC पर यह बोले शाह
डिटेंशन सेंटर बनना सतत प्रक्रिया- अमित शाह
प्रधानमंत्री मोदी ने रैली ने दिए भाषण में कहा था कि देश में कोई डिटेंशन कैंप नहीं है। वहीं शाह ने कहा कि देश में जो डिटेंशन सेंटर बने हैं वो एक सतत प्रक्रिया है। ANI को दिए इंटरव्यू में शाह ने कहा कि इस देश में कोई भी नागरिक आकर नहीं रह सकता। डिटेंशन सेंटर में उन अवैध अप्रवासियों को रखा जाता है जिनके पास वैध दस्तावेज नहीं होते। इसके बाद उन्हें उनके देश में डिपोर्ट किया जाता है।
मोदी ने NRC को लेकर क्या कहा था?
नागरिकता कानून और प्रस्तावित NRC को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इस बीच रविवार को दिल्ली में एक रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि NRC का झूठ चलाया जा रहा है। यह संसद में नहीं आया है और न ही कैबिनेट में आया है। इसके कोई नियम-कायदे नहीं बने हैं। केवल हौव्वा बनाया जा रहा है। मोदी ने कहा था कि उनकी सरकार में NRC शब्द पर चर्चा तक नहीं हुई है।
संसद में कही अपनी बात से पलटे शाह?
क्या अमित शाह NRC पर लोकसभा में कही बात से पलट गए हैं? यह सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि शाह ने कई मौकों पर NRC लागू करने की बात कही है। 9 दिसंबर को उन्होंने लोकसभा में उन्होंने कहा था कि NRC का कोई बैकग्राउंड बनाने की जरूरत नहीं है। इस देश में NRC होकर रहेगी। वहीं पश्चिम बंगाल और झारखंड में कई रैलियों के दौरान भी अमित शाह अपने इस वादे को दोहरा चुके हैं।
NRC और NRP का कोई लिंक नहीं- शाह
सरकार ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) को अपडेट करने के प्रस्ताव की मंजूरी दी है। कुछ लोगों का कहना है कि यह NRC से पहले की प्रक्रिया है। वहीं शाह ने कहा कि NRC और NPR में कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि इससे किसी की नागरिकता नहीं जाने वाली और इसका NRC से कोई नाता नहीं है। शाह ने कहा, "ये अफवाहें हैं कि NPR का इस्तेमाल NRC के लिए होगा। मुस्लिम भाई किसी भ्रम में न आएं।"
NPR को लेकर क्या बोले शाह?
अमित शाह ने कहा की NPR और NRC दोनों कानून अलग है। शाह ने कहा कि NPR की जरूरत इसलिए है क्योंकि 10 साल में अंतरराज्यीय स्तर पर जनगणना में उथल-पुथल होती है। एक राज्य के लोग दूसरे राज्य में जाकर बस जाते हैं। जो लोग दूसरे राज्यों में बसे हैं उनकी जरूरतों के अनुसान योजनाएं बनाई जाएंगी, जिनका आधार NPR होगा। गौरतलब है कि 2010 की जनगणना के साथ पहली बार NPR सर्वे हुआ था।
क्या है NPR?
केंद्रीय कैबिनेट ने NPR प्रक्रिया के लिए 8,500 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दी है। यह पूरी प्रक्रिया क्या होगी और इसमें क्या जानकारी मांगी जाएगी, इसे आप यहां क्लिक कर जान सकते हैं।