उद्धव ठाकरे की धमकी, मुख्यमंत्री पद से कम पर समझौता नहीं, करेंगे अन्य विकल्पों पर विचार
क्या है खबर?
महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर टकराव जारी है।
शिवसेना लगातार भाजपा पर दबाव बनाने में लगी हुई है और शनिवार को पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने एक बार फिर से स्पष्ट किया कि शिवसेना मुख्यमंत्री पद से कम पर समझौता नहीं करेगी।
खबरों के अनुसार, ठाकरे ने ये भी धमकी दी है कि अगर भाजपा उसकी इस मांग को नहीं मानती तो शिवसेना अन्य विकल्पों पर भी विचार करेगी।
समीकरण
भाजपा की सीटें घटने पर शिवसेना ने बढ़ा दबाव
दरअसल, 288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में भाजपा को 105 सीटें मिली हैं जो पिछले विधानसभा चुनाव के मुकाबले कम हैं। वहीं शिवसेना को 56 सीटें मिली हैं।
दोनों पार्टियां गठबंधन में लड़ीं थीं और उनके गठबंधन की सरकार में वापसी तय नजर आ रही है।
लेकिन इस बीच भाजपा की सीटें कम होने पर शिवसेना ने सरकार और मुख्यमंत्री पद को 50-50 फॉर्मूले के तहत बांटने का दबाव बढ़ा दिया है।
बैठक
विधायक दल की बैठक में बोले उद्धव, भाजपा नहीं मानी तो अन्य विकल्पों पर विचार
मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रहे इस टकराव के बीच शनिवार को शिवसेना विधायक दल की बैठक हुई।
अपने घर 'मातोश्री' में हुई इस बैठक में उद्धव ठाकरे ने अपने विधायकों से कहा कि शिवसेना मुख्यमंत्री पद से कम पर समझौता नहीं करेगी।
उन्होंने कहा कि पार्टी का लक्ष्य पांच साल की सरकार के आधे कार्यकाल के लिए मुख्यमंत्री पद हासिल करना है और अगर भाजपा उसकी इस मांग को नहीं मानती तो वो अन्य विकल्पों पर विचार करेंगे।
बयान
विधायक बोले, अमित शाह के साथ बैठक में हुई थी सत्ता में बराबर हिस्सेदारी की बात
बैठक के बाद ठाणे से शिवसेना के विधायक प्रताप सरनायक ने कहा, "उद्धव जी ने कहा कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ चर्चा में सत्ता में बराबर हिस्सेदारी और 2.5-2.5 साल के लिए मुख्यमंत्री पद साझा करने पर बात हुई थी।
कुछ अनिवार्य कारणों की वजह से सीटों का बराबर बंटवारा नहीं हो सका। अब हमारे लिए सत्ता और मुख्यमंत्री पद पर बराबर हिस्सेदारी अहम है। उपमुख्यमंत्री पद हमारे लिए अहम नहीं है।"
जानकारी
शिवसेना ने भाजपा के पाले में डाली गेंद
बैठक में शिवसेना विधायकों ने एक प्रस्ताव भी पारित किया जिसमें उद्धव को सरकार के गठन पर सभी फैसले लेने का अधिकार दिया गया है। विधायकों का कहना है कि गेंद अब भाजपा के पाले में है और उसे सत्ता का बराबर बंटवारा करना चाहिए।
अन्य बयान
चुनाव परिणाम के बाद भी उद्धव ने याद दिलाया था 50-50 फॉर्मूला
बता दें कि इससे पहले चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद भी उद्धव ने भाजपा को 50-50 फॉर्मूला याद दिलाया था।
प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए उन्होंने कहा था, "गठबंधन से पहले भाजपा और शिवसेना में सरकार में 50-50 हिस्सेदारी के फॉर्मूले पर सहमति बनी थी। भाजपा के साथ चर्चा की जाएगी और तब फैसला लिया जाएगा कि कौन मुख्यमंत्री होगा।"
कई जगह आदित्य ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग करते पोस्टर भी लगे हैं।
प्रतिक्रिया
भाजपा नेता ने कहा, शिवसेना को मुख्यमंत्री पद देने का सवाल ही नहीं
इस बीच भाजपा मुख्यमंत्री पद को छोड़ने को तैयार नहीं है।
पार्टी ने इस पर आधिकारिक तौर पर तो कुछ नहीं कहा लेकिन पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने 'इंडियन एक्सप्रेस' से कहा कि शिवसेना को मुख्यमंत्री पद देने का सवाल ही पैदा नहीं होता।
उन्होंने कहा, "राजनीति में हर पार्टी को सत्ता में ज्यादा हिस्सेदारी का दावा करने का अधिकार है। लेकिन फॉर्मूला नंबर पर निर्भर होते हैं। भाजपा 105 सीटों के साथ शिवसेना से बहुत आगे है।"
जानकारी
क्या अहम मंत्री पद हासिल करने के लिए दबाव बना रही शिवसेना?
भाजपा के अन्य नेता मुख्यमंत्री पद के लिए शिवसेना की मांग को दबाव बनाने की कोशिश के तौर पर देख रहे हैं ताकि सरकार गठन के समय वो अपने लिए अहम मंत्री पद हासिल कर सके।