कोरोना वैक्सीनेशन अभियान में बीमा का कोई प्रावधान नहीं- स्वास्थ्य राज्य मंत्री
भारत में कोरोना वायरस के खिलाफ जारी जंग अहम और अंतिम पड़ाव में चल रही है। देश में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की 'कोविशील्ड' और भारत बायोटेक की 'कोवैक्सिन' के साथ मेगा वैक्सीनेशन अभियान जारी है। हालांकि, स्वास्थ्यकर्मियों में वैक्सीनों को लेकर संशय बना हुआ है। इसी बीच राज्यसभा में स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि वैक्सीनेशन में गंभीर दुष्परिणामों से बचने के लिए सरकार ने बीमा का कोई प्रावधान नहीं रखा है।
वैक्सीन लगवाने से कतरा रहे हैं स्वास्थ्यकर्मी
बता दें कि सरकार ने भारत बायोटेक की कोवैक्सिन को तीसरे चरण का ट्रायल पूरा हुए बिना ही सीमित आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है। ऐसे में स्वास्थ्यकर्मियों में इस वैक्सीन को लगवाने के बाद गंभीर साइड इफेक्ट्स आने का डर बना हुआ है। इसके कारण स्वास्थ्यकर्मी वैक्सीन लगवाने से कतरा रहे हैं। तमिलनाडु, असम और जम्मू और कश्मीर सहित 11 राज्यों में अब तक महज 30 प्रतिशत स्वास्थ्यकर्मियों ने ही वैक्सीन लगवाई है।
विपक्ष ने वैक्सीनेशन अभियान में बीमा को लेकर पूछा था सवाल
न्यू इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार राज्यसभा में विपक्ष की ओर से सवाल किया गया था कि क्या वैक्सीनेशन अभियान में स्वास्थ्यर्मियों को वैक्सीन लगाने के बाद आने वाले गंभीर दुष्परिणामों को देखते हुए सरकार ने बीमा की व्यवस्था की है? इसका जवाब देते हुए स्वास्थ्य मंत्री चौबे ने कहा कि वैक्सीनेशन पूरी तरह से स्वैच्छिक है और इनमें लाभार्थियों के बीमा का कोई प्रावधान नहीं है। इसके अलावा वैक्सीनेशन स्थल पर सुरक्षा के उचित इंतजाम किए गए हैं।
सभी वैक्सीनेशन स्थलों पर उपलब्ध है एनाफिलैक्सिस किट
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि देश के सभी वैक्सीनेशन स्थलों पर एनाफिलैक्सिस (चिकित्सा आपात स्थिति) किट उपलब्ध है। इसके अलावा वैक्सीन लगाने के 30 मिनट तक सभी लाभार्थियों पर नजर रखी जाती है और आपात स्थिति होने पर उन्हें टीकाकरण के बाद प्रतिकूल घटना (AEFI) प्रबंधन केंद्र पर रैफर किया जाता है। उन्होंने कहा कि किसी भी लाभार्थी के कोई भी गंभीर दुष्परिणाम सामने आने पर AEFI प्रबंधन द्वारा निशुल्क उपचार किया जाता है।
अब तक महज 81 लोगों को किया गया है भर्ती
स्वास्थ्य मंत्री चौबे ने कहा कि कोविशील्ड और कोवैक्सिन के साथ वैक्सीनेशन अभियान शुरू करने के बाद से 4 फरवरी तक महज 0.096 प्रतिशत यानी 81 लोगों को गंभीर प्रतिकूल प्रभाव के चलते AEFI प्रबंधन में भर्ती किया गया है। उन्होंने बताया कि कोविशील्ड वैक्सीन के उपयोग के बाद 0.192 प्रतिशत यानी 8,042 लोगों में मामूली प्रतिकूल प्रभाव नजर आए हैं। इनमें से अधिकतर को चक्कर, बुखार, सिर दर्द और चकत्तों की शिकायत हुई है।
AEFI निगरानी प्रणाली के जरिए किया जाता है उपचार
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि सभी वैक्सीनेशन केंद्रों पर वैक्सीन लगने के बाद किसी भी लाभार्थी के साइड इफेक्ट्स सामने आने पर अच्छी तरह से संरचित और मजबूत AEFI निगरानी प्रणाली से उस पर नजर रखी जाती है। AEFI प्रणाली में जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर की AEFI समितियां शामिल हैं। उन्होंने बताया कि टीकाकरण को लेकर सभी आवश्यक दिशा निर्देश सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भेजे गए हैं और उनकी पालना भी हो रही है।
अब तक 62.59 लाख लोगों को लगाई गई वैक्सीन
वैक्सीनेशन अभियान की बात करें तो देश में अब तक 62,59,008 लोगों को कोरोना वैक्सीन की पहली खुराक लगाई जा चुकी है। सोमवार को 4,46,646 लोगों को वैक्सीन लगाई गई। अभी स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन कर्मचारियों को वैक्सीन लगाई जा रही है।
13 फरवरी से दी जाएगी दूसरी खुराक
बता दें वैक्सीनेशन अभियान के तहत सरकार ने अब पहली खुराक ले चुके स्वास्थ्यकर्मियों को दूसरी खुराक देने की तैयारी शुरू कर दी है। आगामी 13 फरवरी से इसकी शुरुआत की जाएगी। इसी तरह सरकार वैक्सीनेशन की मौजूदा प्रक्रिया की समीक्षा भी कर रही है। इसमें सबसे पहले वैक्सीनेशन की पुष्टि के लिए लाभार्थियों को SMS भेजा जा रहा है। इसी तरह उनसे फोन कॉल कर वैक्सीनेशन स्थल पर सरकारी निर्देशों की पालना की भी पुष्टि की जा रही है।