NewsBytes Hindi
    English Tamil Telugu
    अन्य
    चर्चित विषय
    क्रिकेट समाचार
    नरेंद्र मोदी
    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
    राहुल गांधी
    #NewsBytesExplainer
    IPL 2025
    ऑपरेशन सिंदूर
    English Tamil Telugu
    NewsBytes Hindi
    User Placeholder

    Hi,

    Logout

    देश
    राजनीति
    दुनिया
    बिज़नेस
    खेलकूद
    मनोरंजन
    टेक्नोलॉजी
    करियर
    अजब-गजब
    लाइफस्टाइल
    ऑटो
    एक्सक्लूसिव
    विज़ुअल खबरें

    एंड्राइड ऐप डाउनलोड

    हमें फॉलो करें
    • Facebook
    • Twitter
    • Linkedin
    होम / खबरें / देश की खबरें / भारत में कोरोना वायरस महामारी को हुआ एक साल, इन परेशानियों से गुजरा देश
    अगली खबर
    भारत में कोरोना वायरस महामारी को हुआ एक साल, इन परेशानियों से गुजरा देश

    भारत में कोरोना वायरस महामारी को हुआ एक साल, इन परेशानियों से गुजरा देश

    लेखन भारत शर्मा
    Jan 30, 2021
    09:09 pm

    क्या है खबर?

    पूरी दुनिया को घुटनों पर लाने वाली कोरोना वायरस महामारी को आज भारत में एक साल पूरा हो गया है।

    पिछले साल 30 जनवरी के दिन देश में इसका पहला मामला सामने आया था। इस एक साल में महामारी ने 1.54 लाख लोगों की जिंदगी हर ली और करोड़ों लोगों को बेरोजगार कर दिया। हालांकि, अब देश महामारी को मात देने के मुहाने पर खड़ा है।

    ऐसे में आइए जानते हैं महामारी के एक साल देश किन-किन परेशानियों से गुजरा।

    शुरुआत

    केरल में सामने आया था देश का पहला मामला

    भारत में कोरोना वायरस का पहला मामला केरल में सामने आया था। 30 जनवरी, 2020 को चीन के वुहान से लौटी केरल की छात्रा के कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई थी।

    इसके बाद सरकार ने सतर्कता बरतना शुरू कर दिया था। इसके बाद 2 और 3 फरवरी को वुहान से वापस लौटे केरल के दो और छात्रों को संक्रमित पाया गया था।

    इसको देखते हुए सरकार ने 14 मार्च को कोरोना वायरस बीमारी को राष्ट्रीय आपदा घोषित कर दिया था।

    जानकारी

    देश में सऊदी अरब से लौटे 76 वर्षीय बुजुर्ग की हुई थी पहली मौत

    भारत में कोरोना से पहली मौत 14 मार्च को कर्नाटक के कलबुर्गी में 76 वर्षीय बुजुर्ग की हुई थी। इस बुजुर्ग को सऊदी अरब से लौटने के बाद निमोनिया और सांस लेने में तकलीफ थी। 14 मार्च के उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया।

    लॉकडाउन

    सरकार ने 25 मार्च से की थी देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा

    देश में 14 मार्च तक संक्रमण के 100 मामले होने के बाद सरकार ने इसके प्रसार को रोकने के प्रयास तेज कर दिए थे।

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 मार्च को जनता कर्फ्यू की घोषणा की थी और 24 मार्च की रात को 25 मार्च से 21 दिन के देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा कर दी थी।

    इसके बाद से देश की परेशानियों का सिलसिला शुरू हो गया, जो अभी तक पूरी तरह से खत्म नहीं हो पाया है।

    प्रवासी मजदूर

    लॉकडाउन में प्रवासी मजदूरों सहित करोड़ों की छिनी नौकरी

    लॉकडाउन के कारण देश की लगभग सभी आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह बंद हो गई। इसके कारण प्रवासी मजदूरों सहित करोड़ों लोगों की नौकरी चली गई। महामारी का डर और खाने की कमी से प्रवासी मजदूरों ने पैदल ही घरों की ओर कूच शुरू कर दिया।

    वाहनों के बंद होने से मजदूर सैकड़ों किलोमीटर पैदल चले। इस दौरान उन्हें कई-कई दिनों तक भूखा भी रहना पड़ा।

    इस दौरान विभिन्न हादसों में बहुत से लोगों की मौत हो गई थी।

    जानकारी

    विदेशों में फंसे प्रवासी भारतीय

    सरकार के अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर रोक लगाने के बाद लाखों प्रवासी भारतीय विदेशों में फंस गए। सोशल मीडिया के जरिए उन्होंने सरकार से उन्हें भारत बुलाने की गुहार लगाई। इसके बाद मई में वंदे भारत मिशन के तहत विशेष उड़ानों से उन्हें लाया गया।

    प्रवासी स्पेशल

    प्रवासी स्पेशल ट्रेनों में हुई कुल 84 लोगों की मौत

    प्रवासी मजदूरों के पैदल घर लौटने और रास्ते में उनके भूखे रहने पर सरकार पर विपक्ष ने दबाव डालना शुरू कर दिया। सरकार ने 1 मई से प्रवासी मजदूर स्पेशल ट्रेनें चलानी शुरू कर दी।

    सरकारी अव्यवस्थाओं के कारण इससे भी मजदूरों को राहत नहीं मिली। ट्रेनों में श्रमिकों को समय पर खाना-पानी नहीं मिला।

    इसके कारण इन ट्रेनों में यात्रा के दौरान कुल 84 मजदूरों की मौत हो गई।

    कालाबाजी

    मास्क, सैनिटाइजर और PPE किट की कमी से कारण शुरू हुई कालाबाजारी

    महामारी की शुरुआत में देश में मास्क, सैनिटाइजर और PPE की पर्याप्त उपलब्धता नहीं थी। अचानक मांग के बढ़ने पर व्यापारियों और कंपनियों ने इनका स्टॉक करते हुए कालाबाजी शुरू कर दी।

    हालत यह हो गई कि दो रुपये कीमत वाला मास्क 20 रुपये पर पहुंच गया।

    इसके बाद केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने कालाबाजारी को रोकने के लिए 13 मार्च को फेस मास्क और सैनिटाइजर को 100 दिन के लिए आवश्यक वस्तु घोषित कर दिया था।

    मेडिकल असुविधा

    अस्पतालों में आई वेंटीलेटर और बेडों की कमी

    17 मई के बाद लॉकडाउन में ढील के बाद संक्रमण के मामलों में तेजी से हुआ। इसके कारण अस्पतालों में वेंटीलेटर और बेडों की कमी आ गई।

    अस्पतालों ने मरीजों को भर्ती करने इनकार कर दिया। इससे कई लोगों की मौतें हो गई।

    बाद में सरकार ने मरीजों के इलाज के लिए सरकारी भवन, होटलो, ट्रेन के डिब्बों और मैदानों में अस्थाई अस्पताल बनाना शुरू कर दिया।

    इसके अलावा आत्मनिर्भर भारत के तहत स्वदेशी वेंटीलेटर तैयार कराना शुरू किया गया।

    जानकारी

    कोरोना से मरने वालों के अंतिम संस्कार में आई बाधाएं

    महामारी के डर से लोगों ने कोरोना से जान गंवाने वालों के श्मशान और कब्रिस्तान में अंतिम संस्कार पर रोक लगा दी। कई जगहों पर तो झगड़ेे भी हुए। इसी तरह सरकारी पाबंदियों के कारण कई लोग अपनों का अंतिम संस्कार भी नहीं कर सके।

    भेदभाव

    कोरोना महामारी ने देश में बढ़ाया भेदभाव

    कोरोना महामारी ने देश में बड़े स्तर पर भेदभाव को जन्म दिया। महामारी के डर से लोग अपनी जान पर खेलकर मरीजों की जान बचाने वाले डॉक्टर और चिकित्साकर्मियों से भेदभाव करने लग गए।

    यहां तक की लोगों ने उनसे घर खाली करा दिए और बाजार में कई बाद अभद्रता की गई।

    उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब सहित अन्य राज्यों में चिकित्साकर्मियों और डॉक्टरों पर हमले किए गए। इनके गांवों में घुसने पर रोक लगा दी गई।

    जानकारी

    चिकित्साकर्मियों की सुरक्षा के लिए लागू किया अध्यादेश

    चिकित्सा टीमों पर होते हमलों को रोकने के लिए सरकार 22 अप्रैल को राष्ट्रीय महामारी कानून में बदलाव कर नया अध्यादेश लेकर आई। इसमें चिकित्सा टीम पर हमला करने पर दोषियों को सात साल जेल और पांच लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान किया था।

    वैक्सीनेशन

    वैक्सीन आई, लेकिन....

    महमारी से लंबी जंग के बाद सरकार ने गत 16 जनवरी से देश में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की 'कोविशील्ड' और भारत बायोटेक की 'कोवैक्सिन' के साथ वैक्सीनेशन की शुरुआत कर दी है।

    पहले चरण में चिकित्साकर्मी और फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं को वैक्सीन दी जा रही है। हालांकि, चिकित्साकर्मियों में वैक्सीनों को लेकर संदेश है और वह इसे लगवाने से कतरा रहे हैं।

    प्रतिदिन महज 50-60 प्रतिशत चिकित्साकर्मी ही वैक्सीन लगवाने पहुंच रहे हैं।

    जानकारी

    चिकित्साकर्मियों में वैक्सीन को लेकर यह है डर

    चिकित्साकर्मियों का कहना है कि 'कोवैक्सिन' को बिना क्लिनिकल ट्रायल पूरा किए इस्तेमाल की मंजूरी दी गई है। ऐसे में इसे लगवाने से गंभीर परिणाम सामने आ सकते हैं। इसी तरह उनका मानना है कि सरकार ने मंजूरी देने में जल्दबाजी की है।

    मौजूदा स्थिति

    वर्तमान में यह है महामारी की स्थिति

    अभी देश में रोजाना औसतन 12,000-14,000 नए मामले सामने आ रहे हैं और पिछले कुछ दिन से दैनिक मौतों की संख्या 150 से कम बनी हुई है।

    सक्रिय मामलों में भी बड़ी गिरावट आई है और ये 10.17 लाख के चरम से 85 प्रतिशत कम होकर अभी महज 1.70 लाख रह गए हैं। रिकवरी रेट लगभग 97 प्रतिशत है।

    देश में कुल 1,07,33,131 लोगों को संक्रमित पाया जा चुका है और 1,54,147 लोगों की मौत हुई है।

    Facebook
    Whatsapp
    Twitter
    Linkedin
    सम्बंधित खबरें
    ताज़ा खबरें
    भारत की खबरें
    वैक्सीन समाचार
    कोरोना वायरस
    प्रवासी मजदूर

    ताज़ा खबरें

    IPL 2025: SRH ने RCB को दी शिकस्त, देखिए मैच के शानदार मोमेंट्स इंडियन प्रीमियर लीग
    IPL 2025: SRH ने RCB को 42 रन से हराया, मैच में बने ये रिकॉर्ड्स  IPL 2025
    IPL 2025: फिलिप सॉल्ट ने SRH के खिलाफ जड़ा तीसरा अर्धशतक, जानिए आंकड़े इंडियन प्रीमियर लीग
    बारिश में कार स्टार्ट करते समय क्या सावधानियां बरतनी चाहिए? कार

    भारत की खबरें

    भारत ने किया स्मार्ट एंटी-एयरफील्ड हथियार का सफल परीक्षण, 100 किलोमीटर तक करेगा मार भारतीय सेना
    कोरोना: देश में बीते दिन मिले 14,545 नए मरीज, महाराष्ट्र में कुल मामले 20 लाख पार महाराष्ट्र
    चीन ने किया अरुणाचल में गांव बनाने के फैसले का बचाव, बताया संप्रभुता का मामला चीन समाचार
    कोरोना वैक्सीन लगवाने को लेकर संकोच में हैं देश के 62 प्रतिशत लोग- सर्वे वैक्सीन समाचार

    वैक्सीन समाचार

    कोवैक्सिन वैक्सीन: निर्माण से लेकर साइड इफेक्ट्स तक, वो हर बात जो आपको जाननी चाहिए भारत की खबरें
    नॉर्वे: फाइजर की वैक्सीन लेने के बाद 23 बुजुर्गों की मौत, जांच के आदेश नॉर्वे
    कोरोना: हो सकता है दुनिया को महामारी के पहले मरीज का पता ही न चले- WHO वुहान
    वैक्सीनेशन अभियान: दिल्ली AIIMS के सफाईकर्मी को लगी देश की पहली कोरोना वैक्सीन नरेंद्र मोदी

    कोरोना वायरस

    कोरोना वायरस: भारत में बीते दिन मिले 15,223 नए मरीज, 151 मौतें भारत की खबरें
    कोरोना वायरस के नए वेरिएंट्स के खिलाफ वैक्सीन के वर्जन विकसित कर रहे ऑक्सफोर्ड के वैज्ञानिक दक्षिण अफ्रीका
    वैक्सीनेशन के दूसरे चरण में कोरोना वैक्सीन लगवाएंगे प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति- रिपोर्ट नरेंद्र मोदी
    ऑस्ट्रेलिया से मुंबई पहुंचे भारतीय क्रिकेटर्स को राहत, क्वारंटाइन में मिली छूट क्रिकेट समाचार

    प्रवासी मजदूर

    उत्तर प्रदेश: प्रवासी मजदूरों के लिए बसों पर गहराई राजनीति, कांग्रेस नेताओं के खिलाफ FIR दर्ज योगी आदित्यनाथ
    बिहार के 20 लाख प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए चलाई जाएंगी 800 स्पेशल ट्रेनें बिहार
    तेलंगाना: कुएं में मिले प्रवासी मजूदरों के शव, नौ मृतकों में एक बच्चा भी शामिल तेलंगाना
    प्रवासी मजदूरों के पलायन संकट से सही तरीके से नहीं निपट पाई सरकारें- नीति आयोग CEO भारत की खबरें
    पाकिस्तान समाचार क्रिकेट समाचार नरेंद्र मोदी आम आदमी पार्टी समाचार अरविंद केजरीवाल राहुल गांधी फुटबॉल समाचार कांग्रेस समाचार लेटेस्ट स्मार्टफोन्स दक्षिण भारतीय सिनेमा भाजपा समाचार बॉक्स ऑफिस कलेक्शन कोरोना वायरस रेसिपी #NewsBytesExclusive ट्रैवल टिप्स IPL 2025
    हमारे बारे में प्राइवेसी पॉलिसी नियम हमसे संपर्क करें हमारे उसूल शिकायत खबरें समाचार संग्रह विषय संग्रह
    हमें फॉलो करें
    Facebook Twitter Linkedin
    All rights reserved © NewsBytes 2025