उत्तर प्रदेश: BIBCOL तैयार करेगी 'कोवैक्सिन' की प्रतिमाह दो करोड़ खुराक, भारत बायोटेक से हुआ करार
कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच वैक्सीनों की कमी से जूझ रहे देश के लिए बड़ी राहत की खबर आई है। केंद्र सरकार ने वैक्सीन का उत्पादन बढ़ाने के लिए उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में संचालित भारत इम्यूनोजिकल एंड बायोलॉजिकल लिमिटेड (BIBCOL) को कोरोना वैक्सीन तैयार करने की मंजूरी दे दी है। इसके बाद BIBCOL ने भारत बायोटेक से करार भी कर लिया है। अगस्त-सितंबर से कंपनी हर महीने 'कोवैक्सिन' की दो करोड़ खुराकें तैयार करेगी।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने तीन कंपनियों को दी मंजूरी
इंडिया टीवी के अनुसार विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कहा है कि भारत में स्वदेशी वैक्सीन के उत्पादन में तेजी लाने के लिए सरकार बायटेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट के तहत वैक्सीन निर्माताओं को आर्थिक मदद दे रही है। इसी प्रकार केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने भारत बॉयोटेक की कोरोना वैक्सीन 'कोवैक्सिन' के उत्पादन के तीन कंपनियों को मंजूरी जारी की है। BIBCOL इनमें से एक प्रमुख कंपनी है। इससे वैक्सीन के उत्पादन में तेजी आ सकेगी।
साल 1989 में हुई थी BIBCOL की स्थापना
बता दें कि BIBCOL बुलंदशहर जिला मुख्यालय से नौ किलोमीटर दूर चौला गांव के पास स्थित है। यह कंपनी वर्तमान में देश में पोलियो वैक्सीन, जिंक डिस्पैसिबल टैबलेट और डायरिया मैनेजमेंट किट तैयार करती है। केंद्र सरकार ने 1989 में रूस के सहयोग से बुलंदशहर में इस कंपनी की स्थापना की थी। इसके बाद साल 1995-96 से BIBCOL ने देश में पोलियों की वैक्सीन का उत्पादन शुरू कर दिया है। यह देश की अग्रणी कंपनियों में शुमार है।
BIBCOL को इसलिए मिली है 'कोवैक्सिन' के उत्पादन की जिम्मेदारी
देश में पोलियो की वैक्सीन के कुल उत्पादन में BIBCOL की 60 प्रतिशत हिस्सेदारी है। कंपनी हर साल पोलियों की करीब 150 करोड़ खुराकों का उत्पादन करती है। कंपनी की इसी उत्पादन क्षमता को देखते हुए सरकार और भारत बायोटेक ने उसे 'कोवैक्सिन' के उत्पादन की जिम्मेदारी सौंपी है। बता दें कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) और भारत बायोटेक ने मिलकर पहली स्वदेशी कोरोना वैक्सीन को तैयार किया था। यह देश के लिए बड़ी उपलब्धि है।
मिल गई है 'कोवैक्सिन' के उत्पादन की अनुमति- शुक्ला
BIBCOL के उपाध्यक्ष आरके शुक्ला ने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 'कोवैक्सिन' के उत्पादन की अनुमति जारी कर दी है और इसके अलावा 30 करोड़ रुपए का बजट भी स्वीकृत किया है। उन्होंने बताया कि कंपनी ने वैक्सीन उत्पादन के लिए भारत बॉयोटेक के साथ MOU भी साइन कर लिया है। कंपनी अगस्त-सितंबर से कोवैक्सीन का उत्पादन शुरू कर देगी। इसके लिए टेक्निकल टीम जरूरी संसाधन जुटाने में लग गई है।
अब बच्चों पर भी जल्द होगा 'कोवैक्सिन' का परीक्षण
बता दें कि भारत में जल्द ही 2 से 18 साल के बच्चों के लिए भी भारत बायोटेक की वैक्सीन तैयार हो जाएगी। सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (CDSCO) की सब्जेक्ट एक्सपर्ट्स कमेटी (SEC) ने मंगलवार को इस आयु वर्ग पर कोवैक्सिन के दूसरे और तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल की मंजूरी दे दी है। यह ट्रायल AIIMS दिल्ली, AIIMS पटना और मेडिट्रिना इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज नागपुर में 525 बच्चों पर किया जाएगा।