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इस गांव के लोग अपने पूरे शरीर पर गुदवाते हैं राम नाम के टैटू, जानिए वजह

इस गांव के लोग अपने पूरे शरीर पर गुदवाते हैं राम नाम के टैटू, जानिए वजह

लेखन अंजली
May 16, 2020
10:12 am

क्या है खबर?

देश में कई ऐसे समाज हैं जो अभी तक पौराणिक काल की परंपराएं मानते आ रहे हैं। छत्तीसगढ़ के रामनामी समाज की में आज भी ऐसी ही एक परंपरा का लोग पालन कर रहे हैं जिसे देखकर हैरानी होना स्वाभाविक है। दरअसल, इस समाज के लोग अपने पूरे शरीर में रामनाम का टैटू बनवाते हैं जिसे सामान्य भाषा में गोदना कहा जाता है। यह परंपरा लगभग 100 वर्षो से भी से अधिक समय से चली आ रही है। आगे पढ़ें।

कारण

इस वजह से इस समाज ने शुरू की थी राम नाम टैटू बनवाने की परंपरा

विचित्र बात तो यह है कि इस समाज के लोग न मंदिर जाते हैं और न पूजा-अर्चना करते हैं। उनकी इस परंपरा को भगवान की भक्ति समेत सामाजिक बगावत के तौर पर देखा जाता है। दरअसल, 100 साल पहले गांव में उच्च जाति के हिन्दू लोगों ने इस समाज को मंदिर में घुसने से मना कर दिया था, जिसके बाद से ही समाज ने विरोध करने के लिए पूरे शरीर पर राम नाम टैटू बनवाना शुरू कर दिया था।

जानकारी

समय के साथ टैटू बनवाना हुआ कम, फिर भी परंपरा को मिल रहा है बढ़ावा

जानकारी के मुताबिक, रामनामी जाति के लोगों की आबादी लगभग एक लाख है, जिसमें से छत्तीसगढ़ के चार जिलों में इनकी संख्या अधिक है। इनमें टैटू बनवाना आम बात है। हालांकि, समय के साथ टैटू को बनवाने का चलन कम हुआ है क्योंकि नई पीढ़ी के लोगों को पढ़ाई और काम के सिलसिले में दूसरे शहरों में जाना पड़ता है। फिर भी शरीर के किसी हिस्से पर राम-राम लिखवाकर नई पीढ़ी के लोग इस परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं।

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परंपरा

रामनामी समज के लोग बड़ी सख्ती से करते हैं इस परंपरा का पालन

सबसे हैरानी की बात यह है कि इस समाज में जन्म लेने वाले बच्चों के शरीर के कुछ हिस्सों में टैटू बनवाना बहुत जरूरी है। खासतौर पर छाती पर और वो भी दो साल का होने से पहले। इतना ही नहीं, परंपरा के अनुसार टैटू बनवाने वाले लोगों को शराब पीने की मनाही के साथ रोजाना राम नाम लेना जरूरी है। ज्यादातर रामनामी लोगों के घरों की दीवारों और कपड़ों पर ही राम-राम लिखा होता है।

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बयान

राम नाम टैटू गुदवाने वालों को तीन भागों में बांटा जाता है

अपनी इस परंपरा के बारे में सारसकेला के 70 वर्षीय रामभगत ने कहा, "रामनामियों की पहचान राम-राम का गुदना गुदवाने के तरीके के मुताबिक की जाती है। शरीर के किसी भी हिस्से में राम-राम लिखवाने वालों को ही रामनामी माना जाता है।" बता दें कि इनमें माथे पर राम नाम लिखवाने वाले को 'शिरोमणि', पूरे माथे पर राम नाम लिखवाने वाले को 'सर्वांग रामनामी' और पूरे शरीर पर राम नाम लिखवाने वाले को 'नखशिख रामनामी' कहा जाता है।

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