गणतंत्र दिवस: 55 साल में पहली बार बतौर मुख्य अतिथि शामिल नहीं होगा कोई विदेशी राष्ट्राध्यक्ष
कोरोना वायरस महामारी के कारण इस साल कोई भी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल नहीं होगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए ये जानकारी दी। 55 साल में ये पहली बार है जब भारत में बिना किसी मुख्य अतिथि के गणतंत्र दिवस समारोह होगा। इससे पहले आखिरी 1966 में देश में बिना मुख्य अतिथि के गणतंत्र दिवस समारोह हुआ था।
बतौर मुख्य अतिथि आने वाले थे बोरिस जॉनसन, नए स्ट्रेन के कारण किया रद्द
बता दें कि भारत ने अपनी पुरानी परंपरा के तहत इस साल भी यूनाइटेड किंगडम (UK) के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को बतौर मुख्य अतिथि गणतंत्र दिवस समारोह के लिए आमंत्रित किया था और उन्होंने ये आमंत्रण स्वीकार भी कर लिया था। हालांकि UK में कोरोना वायरस का नया और अधिक संक्रामक स्ट्रेन पाए जाने और इसके कारण आपातकालीन स्थिति पैदा होने के बाद जॉनसन ने अपने कार्यक्रम को रद्द कर दिया था।
गणतंत्र दिवस पर विदेशी प्रतिनिधि को बुलाने की परंपरा
गौरतलब है कि भारत में गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में विदेशी प्रतिनिधि को बुलाने की परंपरा रही है। 26 जनवरी, 1950 को लाल किले पर आयोजित किए गए पहले गणतंत्र दिवस समारोह में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था। वहीं 1955 में पहली बार राजपथ पर आयोजित हुए समारोह में पाकिस्तान के गवर्नर जनरल मलिक गुलाम मुहम्मद को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था।
तीन बार बिना विदेशी अतिथि के आयोजित हो चुका है गणतंत्र दिवस समारोह
ऐसा नहीं है कि भारत में सभी गणतंत्र दिवस समारोह पर विदेशी प्रतिनिधि मुख्य अतिथि के रूप में आए हैं और गणतंत्र दिवस के 72 सालों के इतिहास में तीन मौके ऐसे आए थे, जब किसी भी विदेशी प्रतिनिधि को आमंत्रित नहीं किया गया। 1952, 1953 और 1966 में किसी भी विदेशी प्रतिनिधि को आमंत्रित नहीं किया था। आखिरी बार 1966 में तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के निधन के कारण किसी विदेशी प्रतिनिधि को निमंत्रण नहीं दिया गया था।
दो बार ऐन मौके पर बुलाए गए थे दूसरे मुख्य अतिथि
भारत को दो बार ऐन मौके पर मुख्य अतिथि बदलने भी पड़े हैं। पहली बार 2013 में ओमान के सुल्तान कबूस बिन सईद अल सैयद के नहीं आने पर भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक को मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया गया था। वहीं 2019 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के नहीं आने पर दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा को आमंत्रित किया था। हालांकि इस बार महामारी के कारण किसी अन्य प्रतिनिधि को बुलाना संभव नहीं है।
महामारी के कारण छोटा किया जा रहा है समारोह
कोरोना वायरस महामारी के कारण न केवल इस बार कोई अतिथि होगा, बल्कि गणतंत्र दिवस समारोह के दायरे को भी छोटा किया गया है। यहां पिछले साल इसमें एक लाख से अधिक लोग शामिल हुए थे, वहीं इस बार महज 25,000 दर्शकों को समारोह देखने की इजाजत होगी और उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा। इसके अलावा 15 साल से कम उम्र के बच्चों के प्रवेश पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है।