कोविशील्ड वैक्सीन: निर्माण से लेकर साइड इफेक्ट्स तक, वो हर बात जो आपको जाननी चाहिए
क्या है खबर?
भारत में 16 जनवरी से कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीनेशन शुरू होने जा रहा है और इस अभियान के दौरान जिन दो वैक्सीनों को उपयोग किया जाएगा, उनमें एक सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की 'कोविशील्ड' है।
वैक्सीनेशन अभियान के लिए 'कोविशील्ड' की 50 लाख से अधिक खुराकें देशभर के कई केंद्रों पर पहुंच गई हैं और शनिवार को इनका उपयोग शुरू हो जाएगा।
आइए आपको निर्माण से लेकर इसके साइड इफेक्ट्स तक, 'कोविशील्ड' से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां देते हैं।
विकास
किसने किया है 'कोविशील्ड' को विकसित और ये कितनी प्रभावी?
'कोविशील्ड' को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के जेनर इंस्टीट्यूट ने फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका के साथ साझेदारी में विकसित किया है और भारत में इसके निर्माण और ट्रायल की जिम्मेदारी SII को दी गई है जो अन्य विकासशील और गरीब देशों के लिए भी इसका निर्माण करेगी।
चिंपैजी में साधारण जुकाम करने वाले निष्क्रिय एडिनोवायरस की मदद से बनाई गई 'कोविशील्ड' को 23,745 लोगों पर हुए अंतरराष्ट्रीय ट्रायल में 70.4 प्रतिशत प्रभावी पाया गया था।
खुराकें
वैक्सीन की कितनी खुराकें और किस उम्र के लोगों को दी जाएगी?
'कोविशील्ड' दो खुराकों वाली वैक्सीन है, यानि ये दोनों खुराकों के बाद कोरोना वायरस के संक्रमण के खिलाफ इम्युनिटी पैदा करती है। हर खुराक में 0.5ml वैक्सीन दी जाती है और दोनों खुराकों के बीत चार से छह हफ्ते का अंतराल होना चाहिए।
वैक्सीन दोनों खुराकें दिए जाने के 14 दिन बाद असर दिखाना शुरू करेगी।
भारत में वैक्सीन को आपातकालीन उपयोग की मंजूरी मिली है और अभी इसे 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को ही दिया जाएगा।
प्रक्रिया
वैक्सीन लगवाने से पहले स्वास्थ्यकर्मियों को क्या बताना होगा?
इंट्रा-मस्कुलर इंजेक्शन के तौर पर दी जाने वाली 'कोविशील्ड' को लगवाने से पहले लोगों को स्वास्थ्यकर्मियों को बताना होगा कि उन्हें किसी भी दवा, खाद्य पदार्थ, वैक्सान या 'कोविशील्ड' में शामिल सामग्री से एलर्जी तो नहीं है।
वहीं बुखार, ब्लीडिंग डिसऑर्डर और इम्युनिटी से संबंधित किसी बीमारी से जूझ रहे लोगों को भी इसके बारे में स्वास्थ्यकर्मियों को सूचित करना होगा।
गर्भवती या इसकी योजना बना रही महिलाओं और स्तनपान करा रही महिलाओं को भी स्वास्थ्यकर्मियों को सूचित करना होगा।
जानकारी
किन लोगों को नहीं लगवानी चाहिए वैक्सीन?
'कोविशील्ड' में शामिल किसी सामग्री से एलर्जी वाले या पहली खुराक के बाद गंभीर एलर्जी की शिकायत करने वाले लोगों को वैक्सीन न लगवाने की सलाह दी गई है। इसके अलावा गर्भवती और स्तनपान करा रही महिलाओं को भी डॉक्टर से चर्चा करनी चाहिए।
सामान्य साइड इफेक्ट
वैक्सीन के क्या साइड इफेक्ट हैं?
कंपनी के अनुसार, 'कोविशील्ड' लगवाने के बाद 10 में से एक व्यक्ति में बहुत आम साइड इफेक्ट्स देखने को मिल सकते हैं। इनमें इंजेक्शन वाली जगह पर दर्द, गर्मी, लालिमा, खुजली या सूजन, अस्वस्थ महसूस करना, थकावट, बुखार, सिरदर्द, सर्दी लगना और मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द आदि शामिल हैं।
इसके अलावा कुछ लोगों में इंजेक्शन वाली जगह पर गांठ, उल्टी और गले में खराश और कफ जैसे फ्लू के लक्षण भी देखे जा सकते हैं।
अन्य साइड इफेक्ट्स
क्या हैं असामान्य साइड इफेक्ट्स और गंभीर दिक्कत होने पर क्या करें?
SII के अनुसार, 'कोविशील्ड' की खुराक के बाद 100 में से एक व्यक्ति में कुछ असामान्य लक्षण भी देखाे जा सकते हैं। इनमें चक्कर आना, भूख में कमी, पेट में दर्द, बढ़े हुए लिम्फ नोड्स, अत्यधिक पसीना और त्वचा पर खुजली या दाने आदि शामिल हैं।
कंपनी ने वैक्सीन लगने के बाद कोई भी गंभीर साइड इफेक्ट पर निकटतम अस्पताल को संपर्क करने को कहा है। इसके अलावा वे इनके बारे में SII को भी बता सकते हैं।
जानकारी
क्या आप कोविशील्ड लगवाने से इनकार कर सकते हैं?
भारत में कोरोना वायरस की वैक्सीन लगवाना अनिवार्य नहीं है और आप चाहें तो 'कोविशील्ड' लगवाने से इनकार कर सकते हैं। हालांकि विशेषज्ञों ने संक्रमण से खुद, अपने परिवार और समाज को बचाने के लिए कोई न कोई कोरोना वैक्सीन लगवाने की सलाह दी है।
कीमत
क्या वैक्सीन लगवाने के लिए आपको कोई पैसा देना होगा?
अभी जिन भी लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी, उन्हें अपनी जेब से कोई पैसा नहीं देना है।
दरअसल, वैक्सीनेशन के पहले चरण में स्वास्थ्यकर्मियों और महामारी में अग्रिम मोर्चे पर खड़े अन्य कर्मचारियों को वैक्सीन लगाई जा रही है और सरकार इन्हें मुफ्त में वैक्सीन लगवाएगी।
सरकार ने इसके लिए SII से 200 रुपये प्रति खुराक की कीमत पर 10 करोड़ खुराकें खरीदी हैं।
SII 1,000 रुपये प्रति खुराक की कीमत पर वैक्सीन को बाजार में भी उतार सकती है।