कश्मीर पर पाकिस्तान की भाषा बोला तुर्की, भारत ने कहा- आंतरिक मामलों में दखल न दें
क्या है खबर?
भारतीय विदेश मंत्रालय ने शनिवार को तुर्की के राष्ट्रपति रिसेप तैय्यप एर्दोगान द्वारा पाकिस्तान में जम्मू-कश्मीर के संदर्भ में दिए गए बयानों को खारिज किया है।
एर्दोगान ने पाकिस्तान में संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए कहा था, "हमारे देश के लिए जैसे कनक्कल (तुर्की का सुमद्र तटीय हिस्सा) अहम था, बिलकुल उसी तरह आज कश्मीर हमारे लिए मायने रखता है। दोनों में कोई फर्क नहीं है।"
आइये, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
बयान
एर्दोगान ने अपने भाषण में क्या-क्या कहा?
एर्दोगान ने अपने भाषण में कश्मीर मुद्दे पर बोलते हुए कहा, "पिछले कुछ सालों में एकतरफा कार्रवाई से कश्मीरी लोगों की तकलीफों में इजाफा हुआ है। कश्मीरी लोगों की आजादी और अधिकार छीनने से किसी को फायदा नहीं होगा। कश्मीर की समस्या संघर्ष या दबाव से नहीं सुलझेगी। इसे न्याय और समानता से ही हल किया जा सकता है।"
उन्होंने इमरान खान को समर्थन देते हुए कहा कि कश्मीर में जुल्म हो रहा है और वो चुप नहीं बैठेंगे।
जानकारी
भारत ने की तुर्की के नेतृत्व की आलोचना
भारत के विदेश मंत्रालय ने शनिवार को आधिकारिक बयान में भारत के आंतरिक मामलों में दखल देने के लिए तुर्की नेतृत्व की आलोचना करते हुए दोहराया कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को पाकिस्तान समर्थन दे रहा है।
बयान
सभी तथ्यों को पूरी तरह समझे तुर्की- भारत
मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है, "जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और भारत इसके संदर्भ में कही गई सभी बातों को खारिज करता है। हम तुर्की के नेतृत्व से कहना चाहते हैं कि वो भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करें और सभी तथ्यों को पूरी तरह समझ लें। तुर्की यह भी समझ लें कि पाकिस्तान आतंक को बढ़ावा देता है जो भारत और इस इलाके के लिए बड़ा खतरा बना हुआ है।"
जानकारी
FATF की बैठक में देंगे पाकिस्तान को समर्थन- एर्दोगान
शुक्रवार को पाकिस्तान की संसद में बयान देते हुए एर्दोगान ने कहा, "मैं इस बार पर जोर देना चाहता हूं कि हम फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की बैठक में पाकिस्तान को समर्थन देंगे।" इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान को अपना दूसरा घर भी बताया।
बयान पर विवाद
कश्मीर को लेकर यह था एर्दोगान का बयान
कश्मीर मामले पर पाकिस्तान का समर्थन देते हुए एर्दोगान ने कहा, "हमारे कश्मीरी भाई और बहन दशकों से प्रताड़ित हो रहे हैं और हालिया समय में उठाये गए कुछ कदमों के कारण यह प्रताड़ना और ज्यादा हो गई है। कश्मीर जितना मायने आपके लिए रखता है, उतना ही हमारे लिए रखता है।"
उनका इशारा पिछले साल अगस्त में भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने की तरफ था।
जानकारी
संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर मुद्दा उठा चुके हैं एर्दोगान
यह पहली बार नहीं जब एर्दोगान ने कश्मीर मुद्दे पर विचार रखा है। पिछले साल सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा में भी उन्होंने यह मुद्दा उठाया था। तब भी भारत ने कश्मीर को आंतरिक मुद्दा बताते हुए तुर्की की आलोचना की थी।
विवाद
अनुच्छेद 370 हटाने को लेकर शुरू हुआ था विवाद
भारत सरकार ने पिछले साल अऩुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को दिया गया विशेष दर्जा समाप्त कर दिया था।
भारत ने इसे आंतरिक मुद्दा बताया था, लेकिन पाकिस्तान इससे सहमत नहीं है। पाकिस्तान ने इसे गैर-कानूनी कदम बताते हुए अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाने के की कई कोशिशें की, लेकिन हर बार उसे मुंह की खानी पड़ी।
अब पाकिस्तान इसे लेकर अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटा रहा है, लेकिन उसे उसमें भी कामयाबी नहीं मिल रही।