सरकार ने किया 'कोविशील्ड' और 'कोवैक्सिन' का बचाव, बताया अन्य वैक्सीनों से अधिक सुरक्षित
देश में कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ जंग जीतने के शुरू किए गए मेग वैक्सीनेशन अभियान में अब लोगों में सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ने लगी है। यही कारण है कि प्रतिदिन निर्धारित किए जाने वाले सभी चिकित्साकर्मी वैक्सीन लगवाने नहीं पहुंच रहे हैं। ऐसे में अब सरकार ने वैक्सीनों का बचाव शुरू कर दिया है। मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि भारत में काम ली जा रही दोनों वैक्सीनें अन्य वैक्सीनों की तुलना में अधिक सुरक्षित है।
अन्य देशों की वैक्सीनों की तुलना में 'नगण्य' है साइड इफेक्ट्स
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने कहा कि वैक्सीनेशन अभियान में काम ली जा रही सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की 'कोविशील्ड' और भारत बायोटेक की 'कोवैक्सिन' अन्य देशों की वैक्सीनों की तुलना में अधिक सुरक्षित है। यही कारण है कि अब तक केवल 0.18 प्रतिशत लोगों में साइड इफेक्ट्स दिखे हैं और महज 0.002 प्रशित को अस्पताल में भर्ती करना पड़ा है।
"कोवैक्सिन के नहीं दिखे साइड इफेक्ट"
डॉ पॉल ने कहा, "देश में अब तक कोवैक्सिन की खुराक लेने वाले किसी भी चिकित्साकर्मी में साइड इफेक्ट सामने नहीं आए हैं। ऐसे में चिकित्साकर्मियों को इससे डरने की जरूरत नहीं है और वह बेहिचक होकर वैक्सीन लगवा सकते हैं।"
भारत में चार दिन में अमेरिका को छोड़ देगा पीछे- पॉल
डॉ पॉल ने कहा कि देश में अब तक 4,54,049 लोगों को वैक्सीनों दी जा चुकी है। इतना ही नहीं एक दिन में ही दो लाख से अधिक चिकित्साकर्मियों को वैक्सीन दी गई है। यह आंकड़ा दुनिया में सबसे अधिक है। उन्होंने बताया कि अमेरिका में पहले सप्ताह में 5.56 लाख लोगों को वैक्सीन दी गई थी। ऐसे में भारत वैक्सीनेशन अभियान के चौथे दिन के अंत तक अमेरिका को पीछे छोड़ देगा। यह भारत के लिए बड़ी उपलब्धि होगी।
लक्षद्वीप में 89 प्रतिशत चिकित्साकर्मियों ने लगवाई वैक्सीन
डॉ पॉल ने बताया कि वैक्सीन अभियान में अब तक लक्षद्वीप में सबसे अधिक 89 प्रतिशत चिकित्साकर्मियों ने वैक्सीन लगवाई है। इसी तरह सिक्किम में 85 प्रतिशत, ओडिशा में 82 प्रतिशत, अंडमान और निकोबार में 81 प्रतिशत और तेलंगाना में 80 प्रतिशत चिकित्साकर्मियों ने वैक्सीन लगवाई है। इसके उलट पंजाब में अब तक महज 27 प्रतिशत और तमिलनाडु, पुडुचेरी में 40 प्रतिशत से कम वैक्सीनेशन हो पाया है। यह चिंता का विषय है।
चिकित्साकर्मियों का वैक्सीनेशन से दूरी बनाना गंभीर मामला- पॉल
डॉ पॉल ने कहा, "एक ओर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) अन्य देशों में प्राथमिकता वाले समूहों तक वैक्सीन पहुंचाने में संघर्ष कर रहा है, वहीं हमारे डॉक्टर और नर्स वैक्सीनेशन से दूर भाग रहे हैं। यह बहुत गंभीर स्थिति है।" उन्होंने कहा, "मैं दुखी हूं, और मैं उनसे हाथ जोड़कर निवेदन करता हूं कि हमें अपनी गैर-कोविद सेवाएं भी शुरू करने की जरूरत है। ऐसे में चिकित्साकर्मियों को वैक्सीन लगाने की जरूरत है। वह इसमें सहयोग करें।"
राज्यों पर है वैक्सीनों का चुनाव करने की जिम्मेदारी- मंत्रालय
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि कोविशील्ड और कोवैक्सिन में वैक्सीनों का चुनाव करने की जिम्मेदारी राज्य सरकारों को दी गई है। केंद्र सरकार राज्यों की मांग के अनुसार वैक्सीनों की आपूर्ति करता है। उसके बाद राज्य सरकार तय करती है कि किस केंद्र पर कौनसी वैक्सीन भेजी जाएगी। मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि कोवैक्सिन लेने वाले प्रतिभागियों पर एक चिकित्सक द्वारा नियमित रूप से निगरानी रखी जाती है और रिपोर्ट अपडेट की जाती है।