कोरोना वायरस: 12 हफ्ते बाद दूसरी खुराक लगाने पर ज्यादा प्रभावी साबित होती है ऑक्सफोर्ड वैक्सीन
क्या है खबर?
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका की कोरोना वायरस वैक्सीन के ट्रायल्स के ताजा विश्लेषण में सामने आया है कि यह वैक्सीन एक खुराक के बाद भी बहुत प्रभावी है और दो खुराकों के बीच अंतर जितना ज्यादा होगा, यह उतनी ज्यादा प्रभावी साबित होगी।
ये नतीजे ब्रिटिश सरकार की उस रणनीति को सही करार देते हैं जिसके तहत उसने वैक्सीन की दो खुराकों के बीच 12 हफ्ते (तीन महीने) का अंतर रखने का फैसला किया है।
ट्रायल
17,177 प्रतिभागियों के विश्लेषण के बाद जारी किए गए नतीजे
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हुए ट्रायल के 17,177 प्रतिभागियों से संबंधित डाटा का विश्लेषण करने के बाद जारी किया गया है जिसमें 7 दिसंबर, 2020 तक का डाटा और 332 कोविड-19 पॉजिटिव केस शामिल हैं।
ब्रिटेन (8,950), ब्राजील (6,750) और दक्षिण अफ्रीका (1,475) में हुए इस ट्रायल के 17,177 प्रतिभागियों में से 8,597 प्रतिभागियों को वैक्सीन की खुराक दी गई थी, वहीं 8,580 को वैक्सीन नहीं दी गई थी।
नतीजे
एक खुराक के बाद 67 प्रतिशत प्रभावी साबित हुई वैक्सीन
ट्रायल के डाटा के विश्लेषण में सामने आया है कि 22वें दिन से 90वें दिन के बीच वैक्सीन की एक खुराक लक्षणात्मक कोविड-19 रोकने में 76 प्रतिशत प्रभावी साबित हुई। हालांकि एक खुराक से गैर-लक्षणात्मक कोविड-19 से सुरक्षा नहीं मिली।
कुल मिलाकर एक खुराक के बाद PCR पॉजिटिव कोरोना संक्रमण के मामले 67 प्रतिशत घट गए। शोधकर्ताओं के अनुसार, इससे एक खुराक से ही वायरस के ट्रांसमिशन में अच्छी-खासी कमी का संकेत मिलता है।
नतीजा
दो खुराकों के बीच 12 हफ्ते का अंतराल रखने पर वैक्सीन ज्यादा प्रभावी
विश्लेषण में यह भी सामने आया कि वैक्सीन की दो खुराकों के बीच 90 दिन का अंतराल रखने पर यह ज्यादा प्रभावी साबित होती है।
वैक्सीन की दो खुराकों के बीच 12 हफ्ते (तीन महीने) से अधिक का अंतराल होने पर इसे 82.4 प्रतिशत प्रभावी पाया गया, वहीं छह हफ्ते से कम के अंतराल पर यह आंकड़ा 54.9 प्रतिशत रहा।
12 हफ्ते बाद दूसरी खुराक लेने वाले प्रतिभागियों में छह हफ्ते वाले समूह के मुकाबले दोगुनी एंटीबॉडीज भी पाई गईं।
बयान
निष्कर्ष में बोले शोधकर्ता- तीन महीने बाद दूसरी खुराक लगाने की रणनीति प्रभावी
विश्लेषण के निष्कर्ष में कहा गया है कि एक बड़ी जनसंख्या को एक खुराक लगाने और तीन महीने बाद दूसरी खुराक लगाने का लक्ष्य लेकर चल रहे वैक्सीनेशन अभियान बीमारी को कम करने में प्रभावी साबित हो सकते हैं, खासकर सीमित सप्लाई को देखते हुए।
बयान
ब्रिटिश सरकार ने जताई नतीजों पर खुशी
ऑक्सफोर्ड वैक्सीन के इन नतीजों पर ब्रिटिश सरकार ने खुशी जाहिर की है जो पहले से ही ज्यादातर जनसंख्या को एक खुराक लगाकर उसे संक्रमण से कुछ सुरक्षा प्रदान करने और फिर तीन महीने बाद दूसरी खुराक लगाने की रणनीति पर चल रही है।
देश के स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक ने कहा, "यह (एक खुराक) ट्रांसमिशन में दो-तिहाई कटौती कर देती है, इसलिए यह साफ तौर पर हमारी रणनीति को सही ठहराती है।"
अन्य देश
भारत समेत अन्य देशों में चार हफ्ते पर लगाई जा रही दूसरी खुराक
बता दें कि ब्रिटेन और भारत समेत ऐसे कई देशों में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की कोरोना वैक्सीन को आपातकालीन उपयोग की मंजूरी दी जा चुकी है, हालांकि ब्रिटेन एकमात्र ऐसा बड़ा देश है जो 12 हफ्ते के अंतराल पर इसकी दूसरी खुराक लगा रहा है और बाकी देश चार या छह हफ्ते के अंदर दूसरी खुराक लगा रहे हैं।
भारत में भी चार हफ्ते के तय अंतराल पर वैक्सीन की दूसरी खुराक लगाई जा रही है।