बिहार: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा में बहुमत साबित किया, भाजपा पर बरसे
क्या है खबर?
दो हफ्ते पहले भाजपा से गठबंधन तोड़ राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेतृत्व वाले महागठबंधन के साथ मिलकर सरकार बनाने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज विधानसभा में बहुमत साबित कर दिया।
ये पहले से ही माना जा रहा था कि नीतीश आराम से बहुमत साबित कर देंगे और हुआ भी ऐसा ही।उन्होंने ध्वनि मत से अपना बहुमत साबित किया और वोटिंग की जरूरत नहीं पड़ी।
वोटिंग से पहले भाजपा के कई विधायक वॉकआउट कर गए।
पुराना गठबंधन
नीतीश ने 9 अगस्त को तोड़ा था भाजपा से गठबंधन
पिछले कुछ महीनों से चले आ रहे तकरार के बाद नीतीश ने 9 अगस्त को भाजपा से गठबंधन तोड़ते हुए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
इसके बाद उन्होंने मुख्य विपक्षी पार्टी RJD के नेतृत्व वाले महागठबंधन के साथ मिलकर सरकार बना ली।
10 अगस्त को उन्होंने रिकॉर्ड आठवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उनके साथ RJD नेता तेजस्वी यादव ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
उन्होंने 2017 के बाद महागठबंधन में वापसी की है।
हमला
अपने फायदे के लिए हिंदू-मुसलमान कराती है भाजपा- नीतीश
आज फ्लोर टेस्ट पर बहस के दौरान नीतीश भाजपा पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि भाजपा अपने फायदे के लिए हिंदू-मुसलमान कराती है। उन्होंने भाजपा से पूछा कि वो आजादी की लड़ाई के समय कहां थे।
उन्होंने कहा, "हमने बिहार के विकास के लिए साथ काम करने का प्रण लिया है। भाजपा से गठबंधन तोड़ने के बाद विपक्षी पार्टियों ने मुझे फोन किया और कहा कि मैंने ठीक किया। मैंने विपक्षी नेताओं से कहा कि 2024 में मिलकर चुनाव लड़ेंगे।"
तंज
नीतीश ने भाजपा विधायकों पर भी कसा तंज
बयान के बीच में विरोध कर रहे भाजपा विधायकों पर भी तंज कसते हुए नीतीश ने कहा कि जब वो उनके खिलाफ कुछ अनाप-शनाप बोलेंगे, तभी उन्हें उनकी पार्टी में जगह मिलेगी। जब भाजपा विधायक वॉकआउट करने लगे तो नीतीश ने कहा कि इस तरह भागने का आदेश भी उन्हें केंद्र से मिला होगा।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की वजह से राज्य में सड़कें नहीं बनी हैं और केंद्र राज्य सरकार के कार्यों का श्रेय लेता है।
बयान
भाजपा के तीन जमाई, ED, IT, CBI- तेजस्वी यादव
नीतीश से पहले बोलते हुए राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी भाजपा पर जमकर निशाना साधा।
उस पर केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, "भाजपा जहां भी सत्ता में नहीं होती, वहां अपने तीन जमाइयों को आगे करती है। इसमें ED, CBI और IT (इनकम टैक्स विभाग) शामिल हैं।"
उन्होंने कहा कि इस बार RJD और JDU कभी न खत्म होने वाली साझेदारी करेंगे और कोई रन आउट नहीं होगा।
इस्तीफा
फ्लोर टेस्ट से पहले भाजपा से आने वाले स्पीकर ने दिया इस्तीफा
फ्लोर टेस्ट पर वोटिंग से पहले भाजपा विधायक विजय कुमार सिन्हा ने स्पीकर पद से इस्तीफा दे दिया। नई सरकार के गठन के बाद ही उनका इस्तीफा मांगा जा रहा था।
सदन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने नई सरकार के गठन के बाद ही इस्तीफा दे दिया होता, वे झूठे आरोपों के खिलाफ खड़े होना चाहते थे।
उन्होंने कहा कि उन पर निराधार आरोप लगाए गए और उनके खिलाफ लगाया गया अविश्वास प्रस्ताव अस्पष्ट था।
देरी
सिन्हा के पहले इस्तीफा न देने का कारण हुई फ्लोर टेस्ट में देरी
सिन्हा के पहले इस्तीफा न देने के कारण फ्लोर टेस्ट में भी देरी हुई है।
दरअसल, नीतीश कुमार कोई खतरा नहीं लेना चाहते थे और भाजपा से आने वाले सिन्हा को स्पीकर के पद से हटाने के बाद ही बहुमत साबित करना चाहते थे।
चूंकि स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर पेश किए जाने के दो हफ्ते बाद ही वोटिंग हो सकती है, इसलिए फ्लोर टेस्ट में भी देरी की गई।