
केरल में निपाह वायरस का बांग्लादेशी वेरिएंट; संक्रामक कम, लेकिन मत्यु दर अधिक
क्या है खबर?
केरल के कोडिकोड जिले में निपाह वायरस की चपेट में आकर 2 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 2 अन्य संक्रमित पाए गए हैं। इसे लेकर राज्य सरकार ने अलर्ट जारी किया है।
बुधवार को केरल सरकार ने विधानसभा में कहा कि निपाह वायरस का यह वेरिएंट बांग्लादेशी है, जो एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलाता है।
केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि इस वेरिएंट की मृत्यु दर अधिक है, लेकिन यह कम संक्रामक है।
मंत्री
स्वास्थ्य मंत्री ने क्या कहा?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, केरल सरकार में स्वास्थ्य मंत्री जॉर्ज ने पुष्टि की है कि कोझिकोड जिले में हाल ही में 2 लोगों की मौत निपाह वायरस के कारण ही हुई थी, जो मस्तिष्क को नुकसान पहुंचाता है।
बताया जा रहा है कि इस वायरस से संक्रमित लोगों में से एक की मौत इसी महीने हुई है, जबकि दूसरी मौत 30 अगस्त को हो गई थी। 2018 के बाद से केरल में निपाह वायरस का यह चौथा प्रकोप है।
मंत्री
संक्रमण के देखते हुए राज्य में स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइन जारी
स्वास्थ्य मंत्री जॉर्ज ने वायरस के संक्रमण से निपटने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइंस जारी की हैं।
इसमें संक्रमण की निगरानी, प्रसार और उच्च जोखिम वाले लोगों को चिन्हित करने के अलावा उन्हें आइसोलेट करना शामिल है।
इसके अलावा स्वास्थ्य अधिकारी संक्रमित लोगों को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) से दवाइयां उपलब्ध करवा रहे हैं। लोगों में वायरस से संक्रमित होने का कोई भी लक्षण दिखाई देने पर उनकी जांच की जा रही है।
स्कूल
कोझिकोड जिले की 7 ग्राम पंचायतें संक्रमित क्षेत्र घोषित
निपाह वायरस के संक्रमण की गंभीरता को देखते हुए केरल सरकार ने कोझिकोड जिले में 7 ग्राम पंचायतों को संक्रमित क्षेत्र घोषित कर दिया है। इनमें अतांचेरी, मारुथोंकारा, तिरुवल्लुर, कुट्टियाडी, कयाक्कोडी, विल्यापल्ली और कविलुम्परा ग्राम पंचायत शामिल हैं।
बुधवार को अधिकारियों ने प्रभावित क्षेत्र में कुछ स्कूलों और कार्यालयों को बंद रखने का आदेश भी दिया। इसके अलावा केरल के कन्नूर, वायनाड और मलप्पुरम जिलों के लिए भी अलर्ट जारी किया गया है।
केरल
केरल में स्थापित होगी NIV की मोबाइल लैब
स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) की टीमें कोझिकोड मेडिकल कॉलेज में निपाह वायरस का टेस्ट करने और चमगादड़ों का सर्वेक्षण करने के लिए मोबाइल लैब स्थापित करने केरल पहुंचेंगी।
अधिकारी ने कहा कि निपाह वायरस के लिए अब तक 130 से अधिक लोगों का टेस्ट किया जा चुका है, जो संक्रमित चमगादड़, सुअर या अन्य लोगों के शारीरिक तरल पदार्थ के सीधे संपर्क के माध्यम से मनुष्यों में फैलता है।
जानकारी
मुख्यमंत्री विजयन ने की लोगों से सावधानी बरतने की अपील
केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने भी लोगों से सावधानी बरतने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा, "सभी को स्वास्थ्य विभाग और पुलिस के निर्देशों का सख्ती से पालन करना चाहिए और प्रतिबंधों में पूरा सहयोग करना चाहिए।"
क्या है वायरस
क्या है निपाह वायरस?
निपाह वायरस को एक जूनोटिक संक्रमण के रूप में जाना जाता है, यानी यह जानवरों से मनुष्यों में फैल सकता है। पहली बार 1999 में इस वायरस की पहचान की गई थी।
निपाह वायरस का नाम मलेशिया के सुंगई निपाह गांव के नाम पर रखा गया है, जहां पर यह पहली बार मिला था।
यह वायरस सुअर, कुत्ते, बकरी, बिल्ली, घोड़े और भेड़ों के जरिए इंसानों तक फैल सकता है।
प्लस
न्यूजबाइट्स प्लस
भारत में पहली बार निपाह वायरस के मामले 2018 में केरल के कोझिकोड और मलप्पुरम जिलों में सामने आए थे। तब बड़े स्तर पर लोग संक्रमित हुए थे और 21 लोगों की मौत हो गई थी।
इसके बाद 2019 और 2021 में भी यहां निपाह वायरस की चपेट में आकर 2 लोगों की मौत हो गई थी। इस वायरस से संक्रमितों के लिए अभी कोई इलाज या वैक्सीन उपलब्ध नहीं है।