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    FCI ने केरल सरकार से मांगे बाढ़ के समय भेजे गए चावलों के 205 करोड़ रुपये

    FCI ने केरल सरकार से मांगे बाढ़ के समय भेजे गए चावलों के 205 करोड़ रुपये

    लेखन भारत शर्मा
    Jan 08, 2020
    05:47 pm

    क्या है खबर?

    प्राकृतिक आपदा राहत बजट की मांग पर केन्द सरकार की नजरअंदाजी केरल सरकार पर भारी पड़ गई है।

    केन्द्र की ओर से केरल के दावे को खारिज किए जाने के कुछ ही घंटों बाद भारतीय खाद्य निगम (FCI) ने केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (KSDMA) को वर्ष 2018-19 में बाढ़ के दौरान आवंटित किए गए चावल के लिए 205.81 करोड़ रुपये का भुगतान करने के लिए कहा है।

    इसके लिए FCI ने सोमवार को KSDMA को अधिकारिक मेल किया है।

    आवंटन

    89,450 टन चावल किया था आवंटित

    FCI ने मेल में बताया कि 2018-19 में बाढ़ के दौरान आपदा राहत के तहत लोगों को वितरित करने के लिए 89,450 टन चावल का आवंटन किया था।

    जिसकी लागत करीब 205.81 करोड़ रुपये है। केन्द्र सरकार की ओर से दावा खारिज किए जाने के बाद अब यह भुगतान KSDMA को करना है।

    KSDMA अधिकारियों ने जवाब दिया कि प्राधिकरण की उस बिल का भुगतान करने में कोई हिस्सेदारी नहीं है और वह सीधे राज्य सरकार को भेजा जाना है।

    जवाब

    KSDMA ने निभाई सूत्रधार की भूमिका

    KSDMA के सदस्य सचिव शेखर लुकोस ने बताया कि FCI की ओर से 205.81 करोड़ रुपये के भुगतान का मेल आया था और इसको लेकर उन्होंने जवाब भी भेज दिया है।

    उन्होंने बताया कि KSDMA को भुगतान करने का अधिकार नहीं था। इसका भुगतान सीधे सरकार द्वारा किया जाएगा।

    बाढ़ में लोगों को राहत पहुंचाने के लिए KSDMA ने केरल सरकार के लिए केवल सूत्रधार का काम किया था। ऐसे में सीधा भुगतान करने की उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं है।

    मांग

    केरल सरकार ने की थी 2,100 करोड़ के भुगतान की मांग

    केरल सरकार ने राज्य में आई भीषण बाढ़ में केन्द्र सरकार से आपदा राहत कोष से 2,100 करोड़ रुपये के भुगतान की मांग की थी।

    सरकार ने बताया था कि केरल में बाढ़ के कारण 483 लोगों की मौत हो गई और हजारों लोग बेघर हो गए थे। उनके विस्थापन और खानपान पर सरकार पर बड़ा भार पड़ा है।

    ऐसे में केन्द्र को राज्य के लिए यह राहत बजट स्वीकृत करना चाहिए, लेकिन केन्द्र ने इस मांग को ठुकरा दिया।

    विरोध

    केन्द्र पर लगाया संकीर्ण सोच वाला राजनीतिक रूख अपनाने का आरोप

    राज्य में सत्तारूढ़ वाम सरकार की सहयोगी CPI के राज्य प्रमुख कानम राजेंद्रन ने केन्द्र सरकार पर आरोप लगाया कि केरल को सहायता से वंचित करना केंद्र सरकार के संकीर्ण सोच वाले राजनीतिक रुख को दर्शाता है।

    केन्द्र ने भाजपा शाषित चार राज्यों सहित सात राज्यों के लिए आपदा राहत कोष जारी कर दिया, लेकिन केरल की डिमांड को दरकिनार करना उनकी छोटी सोच को दर्शा रहा है।

    आवंटन

    सात राज्यों को जारी किया 5,908.56 करोड़ रुपये का बजट

    केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में गत सोमवार को उच्च-स्तरीय समिति ने सात राज्यों के लिए 5,908.56 करोड़ के आपदा राहत कोष की स्वीकृति जारी की है।

    इन सात राज्यों में चार राज्य उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, त्रिपुरा और असम भाजपा शासित हैं। इसके अलावा हिमाचल-प्रदेश, मध्य-प्रदेश और महाराष्ट्र को भी बजट जारी किया गया है।

    हालांकि, बार-बार अनुरोध के बाद भी केरल को केंद्र सरकार से कोई बजट नहीं दिया गया है।

    बजट

    कर्नाटक को मिली सर्वाधिक सहायता

    केन्द्र की ओर से जिन सात राज्यों को 5,908.56 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं, उनके सबसे अधिक सहायता कर्नाटक राज्य को 1,869.85 करोड़ रुपये की दी गई है।

    इसके अलावा मध्य-प्रदेश को 1749.73 करोड़, महाराष्ट्र को 956.93 करोड़, असम को 616.63 करोड़, उत्तर-प्रदेश को 367.17 करोड़, हिमाचल प्रदेश को 284.93 करोड़ और त्रिपुरा को 63.32 करोड़ रुपये की सहायता दी गई है।

    इससे पहले भी केन्द्र ने भाजपा शासित चारों राज्यों को 3,200 करोड़ सहायता दी थी।

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