NewsBytes Hindi
    English Tamil Telugu
    अन्य
    चर्चित विषय
    क्रिकेट समाचार
    नरेंद्र मोदी
    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
    राहुल गांधी
    #NewsBytesExplainer
    IPL 2025
    ऑपरेशन सिंदूर
    English Tamil Telugu
    NewsBytes Hindi
    User Placeholder

    Hi,

    Logout

    देश
    राजनीति
    दुनिया
    बिज़नेस
    खेलकूद
    मनोरंजन
    टेक्नोलॉजी
    करियर
    अजब-गजब
    लाइफस्टाइल
    ऑटो
    एक्सक्लूसिव
    विज़ुअल खबरें

    एंड्राइड ऐप डाउनलोड

    हमें फॉलो करें
    • Facebook
    • Twitter
    • Linkedin
    होम / खबरें / देश की खबरें / भारत में प्रतिदिन यौन शोषण का शिकार हुए चार बच्चों को नहीं मिलता है न्याय- अध्ययन
    अगली खबर
    भारत में प्रतिदिन यौन शोषण का शिकार हुए चार बच्चों को नहीं मिलता है न्याय- अध्ययन

    भारत में प्रतिदिन यौन शोषण का शिकार हुए चार बच्चों को नहीं मिलता है न्याय- अध्ययन

    लेखन भारत शर्मा
    Mar 08, 2021
    06:05 pm

    क्या है खबर?

    भारत में जिस गति से बच्चों के यौन शोषण के मामले बढ़ रहे हैं, उस गति से पुलिस उनमें कार्रवाई नहीं कर रही है।

    यही कारण है कि वर्तमान में देश में प्रतिदिन यौन शोषण के शिकार चार बच्चे न्याय से वंचित रह जाते हैं।

    कैलाश सत्‍यार्थी चिल्‍ड्रेन्‍स फाउंडेशन (KSCF) द्वारा राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के 2017 से 2019 तक के POCSO एक्ट से संबंधित डाटा का विश्लेषण करने पर यह चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है।

    जानकारी

    बच्चों के यौन शोषण के खिलाफ POCSO एक्ट में दर्ज होते हैं मामले

    बता दें बच्चों के यौन शोषण के खिलाफ POCSO एक्ट के तहत मामला दर्ज होता है। NCRB के अनुसार 2019 में बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराधों में यौन शोषण की 32 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इनमें 99 प्रतिशत मामले लड़कियों के यौन शोषण के हैं।

    हालत

    पुलिस ने चार्जशीट दाखिल करने से पहले ही बंद कर दिए मामले

    हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार KSCF की यह रिपोर्ट अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर जारी की गई है।

    इसके तहत देश में साल 2017 से 2019 के बीच पुलिस द्वारा POCSO एक्ट के तहत दर्ज मामलों को बिना चार्जशीट प्रस्तुत किए बंद करने का प्रतिशत बढ़ रहा है। हर साल बच्चों के यौन शोषण के तकरीबन 3,000 मामले निष्पक्ष सुनवाई के लिए अदालत तक नहीं पहुंच पाते हैं। ऐसे में प्रतिदिन यौन शोषण के शिकार चार बच्‍चों को न्याय नहीं मिलता है।

    कारण

    यौन शोषण के मामलों में पर्याप्‍त सबूत और सुराग नहीं जुटा पाती है पुलिस

    बच्चों को न्याय नहीं मिलने का कारण यह है कि अपार सुविधाओं के बाद भी पुलिस मामलों में पर्याप्‍त सबूत और सुराग नहीं जुटा पाती है। ऐसे में पुलिस उन मामलों में चार्जशीट पेश किए बिना ही अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत कर उन्हें बंद कर देती है।

    NCRB के रिकॉर्ड की माने तो 2019 में पुलिस ने 43 प्रतिशत मामलों को अपराध घटित होने के बाद भी अपनी कमजोरी के कारण बंद कर दिया। यह पुलिस पर बड़ा प्रश्न चिह्न है।

    जानकारी

    पुलिस ने 33 प्रतिशत मामलों को झूठा बताकर किया बंद

    KSCF के अध्ययन के अनुसार 2019 में पुलिस ने बच्चों के यौन शोषण के 33 प्रतिशत मामलों को झूठा बताते हुए बंद कर दिया। हालांकि, 2017 में ऐसे में मामलों की संख्या 40 प्रतिशत थी। ऐसे में समय के साथ इनमें कमी आ रही है।

    बोझ

    अदालतों पर बढ़ रहा है POCSO एक्ट में दर्ज मामलों का बोझ

    KSCF ने मामलों में पुलिस की निस्तारण प्रक्रिया और भारत में POCSO मामलों की स्थिति पर सर्वे किया है।

    इसमें सामने आया है कि भारत में POCSO मामलों को लेकर अदलतों पर बोझ बढ़ता जा रहा है। नियमानुसार बच्चों के यौन शोषण से जुड़े मामले की जांच से लेकर अदालती प्रकिया एक साल में खत्म हो जानी चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है।

    साल 2019 में देशभर की अदालतों में POCSO एक्ट के 89 प्रतिशत मामले लंबित थे।

    सबसे ज्यादा

    पांच राज्यों में दर्ज है POCSO एक्ट के 51 प्रतिशत मामले

    रिपोर्ट के अनुसार मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्‍तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली में POCSO एक्ट के कुल मामलों के 51 प्रतिशत मामले हैं। यहां सजा की दर 30 से 64 प्रतिशत के बीच है, जो काफी कम है।

    एक हकीकत यह भी है कि जिन मामलों में पीड़ित कमजोर या दलित समुदाय से होते हैं, वो किसी प्रभाव में आकर या किसी मजबूरी में समय आने पर अपने बयान को बदल देते हैं या घटना से मुकर जाते हैं।

    इजाफा

    बाल यौन शोषण के मामलों में हुई 19 प्रतिशत बढ़ोत्तरी

    आंकड़ों से पता चलता है कि देश में यौन अपराधों में अप्रत्याशित बढ़ोतरी हुई है।

    सरकार ने बच्चों के यौन शोषण के मामले में जल्द न्याय के लिए 2018 में फास्टट्रैक कोर्ट बनाने की घोषणा की थी, लेकिन अभी तक इसे अमलीजामा नहीं पहनाया गया।

    POCSO एक्ट के तहत साल 2017 में 32,608, साल 2018 22 प्रतिशत बढ़ोतरी के साथ में 39,827 और 2019 में 19 प्रतिशत बढ़ोतरी के साथ 47,335 मामले दर्ज हुए हैं।

    जरूरत

    त्वरित न्याय के लिए फास्ट ट्रैक और स्पेशल कोर्ट की जरूरत

    KSCF की निदेशक ज्योति माथुर ने कहा, "पीड़ितों के न्‍याय को सुनिश्चित करने और प्रभावी ढंग से चुनौतियों का समाधान करने के लिए POCSO के तहत पंजीकृत सभी मामलों को अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक या पुलिस उपायुक्त स्तर के वरिष्ठ अधिकारी द्वारा से देखा जाना चाहिए।"

    दूसरी ओर मामलों में त्वरित जांच के लिए जिला स्तर पर एक समर्पित यूनिट और शीघ्र न्याय दिलाने के लिए फास्ट ट्रैक और स्पेशल कोर्ट की जरूरत बनाए जाने चाहिए।

    Facebook
    Whatsapp
    Twitter
    Linkedin
    सम्बंधित खबरें
    ताज़ा खबरें
    भारत की खबरें
    क्राइम समाचार
    राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो
    कैलाश सत्यार्थी

    ताज़ा खबरें

    टोयोटा की बिक्री में आया 22 फीसदी का उछाल, जानिए मई में कितनी गाड़ियां बेची  टोयोटा
    'स्क्विड गेम 3' का ट्रेलर रिलीज, फैंस बोले- नेटफ्लिक्स फिर दिखाएगा मौत का खौफनाक खेल नेटफ्लिक्स
    तेज प्रताप यादव ने RJD से निष्कासन के बाद लालू-राबड़ी के नाम लिखा भावुक संदेश बिहार
    बांग्लादेश: शेख हसीना के खिलाफ आज से सुनवाई, इतिहास में पहली बार होगा सीधा प्रसारण बांग्लादेश

    भारत की खबरें

    BMW ने भारत में उतारी R नाइन T और R नाइन T स्क्रैम्बलर ऑटोमोबाइल
    ISRO के 2021 में पहले अंतरिक्ष मिशन का काउंटडाउन जारी, कल सुबह होगी लॉन्चिंग आंध्र प्रदेश
    कोरोना वायरस: देश में बीते दिन सामने आए 16,752 मामले, 113 मरीजों की मौत महाराष्ट्र
    मारुति सुजुकी की बड़ी उपलब्धि, 100 से अधिक देशों में किया 20 लाख कारों का निर्यात गुजरात

    क्राइम समाचार

    नाइजर: इस्लामिक आतंकवादियों ने दो गांवों में हमला कर की 100 लोगों की हत्या हत्या
    दिल्ली: पति की हत्या कर पत्नी ने फेसबुक पर डाली पोस्ट, फिर किया आत्महत्या का प्रयास दिल्ली पुलिस
    कॉमेडियन मुनव्वर फारुकी के हिंदू देवी-देवताओं पर अपमानजनक टिप्पणी करने के सुबूत नहीं है- पुलिस मध्य प्रदेश
    बेंगलुरू: केंद्र में उच्च पद दिलाने के नाम पर महिला से 8.3 करोड़ रुपये की ठगी दिल्ली

    राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो

    NCRB ने जारी किए अपराध संबंधी आंकड़े, इस राज्य में देशद्रोह के सबसे ज्यादा मामले दिल्ली
    गांजा पीने के लिए कारखाने में घुसे चार लोग, मालिक ने रोका तो कर दी हत्या महाराष्ट्र
    पुलिसवालों को ही नहीं पता कानून, बच्चों के रेप के 57% मामलोें में नहीं लगाया POCSO रेप
    भारत में हर रोज 96 बच्चे होते हैं यौन शोषण और अत्याचार के शिकार भारत की खबरें

    कैलाश सत्यार्थी

    नोबेल विजेता कैलाश सत्यार्थी बोले- गांधी और भारत की आत्मा मार रहे साध्वी प्रज्ञा जैसे लोग नरेंद्र मोदी
    पाकिस्तान समाचार क्रिकेट समाचार नरेंद्र मोदी आम आदमी पार्टी समाचार अरविंद केजरीवाल राहुल गांधी फुटबॉल समाचार कांग्रेस समाचार लेटेस्ट स्मार्टफोन्स दक्षिण भारतीय सिनेमा भाजपा समाचार बॉक्स ऑफिस कलेक्शन कोरोना वायरस रेसिपी #NewsBytesExclusive ट्रैवल टिप्स IPL 2025
    हमारे बारे में प्राइवेसी पॉलिसी नियम हमसे संपर्क करें हमारे उसूल शिकायत खबरें समाचार संग्रह विषय संग्रह
    हमें फॉलो करें
    Facebook Twitter Linkedin
    All rights reserved © NewsBytes 2025