मणिपुर: हिंसक प्रदर्शन के बाद कर्फ्यू, 5 दिनों तक इंटरनेट सेवा बंद, सेना ने संभाला मोर्चा
क्या है खबर?
मणिपुर में मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति श्रेणी में शामिल करने की मांग को लेकर हिंसक प्रदर्शनों के बाद अब भारतीय सेना ने मोर्चा संभाल लिया है।
बीती रात इंफाल, चुराचांदपुर और कांगपोकपी में हिंसा भड़कने के बाद मणिपुर के 8 जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया। इसके अलावा मणिपुर सरकार ने राज्य में अगले 5 दिनों के लिए मोबाइल इंटरनेट सेवा पर रोक लगा दी है।
यहां हिंसक प्रदर्शनों को रोकने के लिए सेना ने आज फ्लैग मार्च निकाला।
मामला
मैतई समुदाय को अनुसूचित जनजाति श्रेणी में शामिल करने की मांग
मणिपुर में 3 मई को आदिवासी छात्र संगठन ने मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति श्रेणी में शामिल करने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था, जो बाद में हिंसक हो गया। इसके बाद राज्य के 8 जिलों में कर्फ्यू लगाया गया है।
हिंसक प्रदर्शनों को देखते हुए भारतीय महिला मुक्केबाज मैरी कॉम ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद मांगी। उन्होंने लिखा, 'मेरा राज्य मणिपुर जल रहा है, कृपया मदद कीजिए।'
ट्विटर पोस्ट
मैरी कॉम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांगी मदद
My state Manipur is burning, kindly help @narendramodi @PMOIndia @AmitShah @rajnathsingh @republic @ndtv @IndiaToday pic.twitter.com/VMdmYMoKqP
— M C Mary Kom OLY (@MangteC) May 3, 2023
मार्च
आदिवासी एकता मार्च के दौरान भड़की हिंसा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर (ATSUM) ने अपनी मांग को लेकर 'आदिवासी एकता मार्च' का ऐलान किया था, जिसमें हजारों की संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया।
इस दौरान तोरबंग इलाके में आदिवासियों और गैर-आदिवासियों के बीच हिंसा की खबरें सामने आईं।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि हिंसक भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे, जिसके बाद यहां स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।
फ्लैग मार्च
सेना के हस्तक्षेप के बाद नियंत्रण में स्थिति
राज्य सरकार ने हिंसक प्रदर्शन के बाद केंद्र सरकार से मदद मांगी थी, जिसके बाद सेना ने राज्य पुलिस के साथ मिलकर देर रात स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हस्तक्षेप किया और सुबह तक हिंसा पर काबू पा लिया।
इसके बाद आज सुबह हिंसा प्रभावित इलाकों में सेना और असम राइफल्स के जवानों ने फ्लैग मार्च किया, जबकि हिंसा प्रभावित विभिन्न क्षेत्रों में लगभग 7,500 लोगों को सैन्य शिविरों और सरकारी कार्यालय परिसरों में आश्रय दिया गया है।
कर्फ्यू
राज्य के इन 8 जिलों में लगा है कर्फ्यू
NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य सरकार ने हिंसक प्रदर्शनों को देखते हुए गैर-आदिवासी बहुल इंफाल पश्चिम, काकचिंग, थौबल, जिरिबाम और बिष्णुपुर जिलों और आदिवासी बहुल चुराचांदपुर, कांगपोकपी और तेंगनौपाल जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया है।
इसके अलावा राज्यभर में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को तत्काल प्रभाव से 5 दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया है, लेकिन ब्रॉडबैंड सेवाएं चालू हैं।
यहां कर्फ्यू लगाने संबंधी अलग-अलग आदेश 8 जिलों के प्रशासन द्वारा जारी किए गए हैं।
बयान
भारतीय सेना ने क्या कहा?
भारतीय सेना ने अपने बयान में कहा है कि मणिपुर सरकार के अनुरोध पर 3 मई की शाम को सभी हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में पर्याप्त संख्या में सेना और असम राइफल्स के जवानों को तैनात किया गया है।
सेना ने कहा कि हिंसा प्रभावित क्षेत्रों से अधिक से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने और राज्य में कानून व्यवस्था बहाल करने के लिए कार्रवाई जारी है और यहां अब स्थिति नियंत्रण में है।
गृहमंत्री
गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री से की फोन पर बातचीत
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से फोन पर बातचीत की और राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति के बारे में जानकारी ली है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पिछले 24 घंटे में कुछ जगहों पर झड़प और तोड़-फोड़ की घटनाएं सामने आई हैं। ये घटनाएं हमारे समाज के दो वर्गों के बीच प्रचलित गलतफहमी का परिणाम हैं। राज्य सरकार स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सभी कदम उठा रही है।