
मणिपुर: चुराचांदपुर और बिष्णुपुर में हिंसा जारी, 8 की मौत; मुख्यमंत्री ने स्थिति को बताया नाजुक
क्या है खबर?
मणिपुर में जातीय हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही। बिष्णुपुर और चुराचांदपुर जिलों में पिछले 72 घंटों से मैतई और कुकी समुदायों के बीच जारी गोलीबारी में कम से कम 8 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 18 अन्य घायल हुए हैं।
इस बीच चुराचांदपुर जिले के निकटवर्ती चिंगफेई और खुसाबुंग इलाकों में भी ताजा गोलीबारी की सूचना है। हालातों को देखते हुए मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
हिंसा
29 अगस्त को बिष्णुपुर जिले से शुरू हुई थी हिंसा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 29 अगस्त को बिष्णुपुर जिले के खोइरेंटक क्षेत्र में भारी गोलीबारी में 30 वर्षीय एक ग्रामीण की मौत हो गई थी, जिसके बाद से इलाके में तनाव बना हुआ है।
अधिकारियों ने कहा कि इसी दिन बिष्णुपुर के नारायणसेना गांव के पास एक व्यक्ति से देशी तमंचे का प्रयोग करते वक्त गलती से गोली चल गई, जो उसके चेहरे पर लगी और उसकी मौत हो गई।
अभियान
तलाशी अभियान में हथियार और गोला बारूद बरामद
गुरुवार को मणिपुर पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों द्वारा कांगपोकपी, थौबल, चुराचांदपुर और इम्फाल पश्चिम जिलों के सीमांत और संवेदनशील इलाकों में संयुक्त तलाशी अभियान चलाया गया। इस दौरान सुरक्षाबलों ने 5 हथियार, 31 गोला-बारूद, 19 विस्फोटक और IED सामग्री के 3 पैक बरामद किए।
मणिपुर के पहाड़ी और घाटी दोनों जिलों में कुल 130 चेक प्वाइंट स्थापित किए गए हैं और पुलिस ने सुरक्षा नियमों के उल्लंघन के संबंध में 1,646 लोगों को हिरासत में लिया है।
बंद
ITLF ने किया चुराचांदपुर जिले में पूर्ण बंद
मणिपुर में लगातार हिंसा को देखते हुए 31 अगस्त को इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (ITLF) ने चुराचांदपुर के लोनफाई, खौसाबुंग, कांगवई और सुगनू इलाकों में पूर्ण बंद का आह्वान किया था। इस दौरान बिजली, पानी और चिकित्सा आपूर्ति सहित आवश्यक सेवाओं को बंद के दायरे से छूट दी गई थी।
राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस ने आम जनता से सोशल मीडिया पर प्रसारित होने वाली किसी भी अफवाह पर विश्वास न करने की अपील की है।
बयान
मुख्यमंत्री बीरेन सिंह बोले- राज्य की वर्तमान स्थिति गंभीर
मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने राज्य में हिंसक घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए वर्तमान स्थिति को गंभीर बताया। उन्होंने कहा कि पहाड़ी क्षेत्रों में अवैध आप्रवासियों की आमद और वनों की कटाई के कारण जनसांख्यिकीय असंतुलन वर्तमान संकट के कुछ मूल कारण हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य की स्थिति बहुत नाजुक है और मौजूदा स्थिति ने उन्हें हर कदम बहुत सावधानी से उठाने के लिए मजबूर किया है।
मणिपुर हिंसा
मणिपुर हिंसा में अब तक 160 से अधिक लोगों की मौत
मणिपुर में 3 मई को कुकी समुदाय ने गैर-आदिवासी मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा दिए जाने के खिलाफ एकजुटता मार्च निकाला था, जिसके बाद हिंसा भड़क गई थी।
मणिपुर हिंसा में 160 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग घायल हो चुके हैं।
यहां मैतेई लोगों की आबादी लगभग 53 प्रतिशत है, जिसमें ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं, वहीं नागा और कुकी सहित 40 प्रतिशत आदिवासी पहाड़ी जिलों में बसे हैं।