मणिपुर वीडियो पर सुप्रीम कोर्ट बोला- संवैधानिक मशीनरी फेल हुई, हालात पुलिस के नियंत्रण के बाहर
मणिपुर वीडियो मामले में आज लगातार दूसरे दिन सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने राज्य पुलिस और सरकार पर सख्त टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि राज्य के हालात पुलिस के नियंत्रण से बाहर हो गए हैं और मई से जुलाई तक कानून-व्यवस्था पूरी तरह ठप हो गई। कोर्ट ने FIR दर्ज होने में देरी पर भी सरकार को फटकार लगाई। मामले की अगली सुनवाई अब 7 अगस्त को होगी।
लगता है मणिपुर में कोई कानून व्यवस्था नहीं बची- सुप्रीम कोर्ट
सुनवाई के दौरान CJI ने कहा, "ऐसा लगता है कि मणिपुर में संवैधानिक मशीनरी पूरी तरह बिखर चुकी है। वहां कोई कानून व्यवस्था नहीं बची है। किस तरह से जांच इतनी सुस्त है। आप FIR दर्ज नहीं कर पा रहे, पुलिस गिरफ्तारी नहीं कर पा रही है और बयान दर्ज नहीं किए जाते।" इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, "हालात सुधर रहे हैं। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को जांच करने दें और कोर्ट इसकी निगरानी करे।"
कोर्ट ने जांच में देरी पर सरकार को फटकारा
CBI को जांच सौंपे जाने के मामले पर कोर्ट ने कहा, "FIR तक दर्ज नहीं हो पा रही थी। अगर 6,000 में से 50 FIR CBI को सौंप भी दें तो बाकी 5,950 FIR का क्या होगा?" कोर्ट ने कहा, "ये बिलकुल स्पष्ट है कि वीडियो मामले में प्राथमिकी दर्ज करने में काफी देरी हुई। ऐसा लगता है कि पुलिस ने महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाए जाने का वीडियो सामने आने के बाद उनका बयान दर्ज किया।"
कोर्ट ने DGP को पेश होने को कहा
CJI ने पूछा, "वायरल वीडियो मामले में महिला का कहना है कि पुलिस ने ही उसे भीड़ के हवाले किया। क्या पुलिस के खिलाफ कार्रवाई हुई?" इस पर मेहता ने कहा कि 16 मई को शून्य FIR और बाद में नियमित FIR दर्ज की गई। CJI ने कहा, "अभी तक की पुलिस कार्रवाई धीमी और अपर्याप्त रही है। हम निर्देश देते हैं कि राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) व्यक्तिगत रूप से पेश होकर कोर्ट के सवालों का जवाब दें।"
कोर्ट ने 6 बिंदुओं पर मांगी जानकारी
कोर्ट ने कहा कि इन FIR का अपराध की प्रकृति से कोई संबंध नहीं है। कोर्ट ने आदेश दिया कि सरकार अगली सुनवाई में एक नोट पेश करें, जिसमें ये सभी जानकारी हों।1. घटना की तारीख। 2. शून्य FIR दर्ज करने की तारीख।3. नियमित FIR दर्ज करने की तारीख।4. गवाहों के बयान दर्ज करने की तारीख। 5. CRPC की धारा 164 के तहत कोर्ट के सामने बयान दर्ज किए जाने की तारीख।6. गिरफ्तारी की तारीख।
क्या है वीडियो का मामला?
3 मई को मणिपुर में जातीय हिंसा शुरू होने के एक दिन बाद 4 मई को कांगपोकपी जिले में 2 आदिवासी महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाया गया और उनका यौन उत्पीड़न किया गया। पीड़ित महिलाओं ने मामले की शिकायत 2 हफ्ते बाद पुलिस में की थी। 19 जुलाई को सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद देशभर में विरोध शुरू हो गया। पुलिस ने अब तक 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।