ICMR ने तैयार की ओमिक्रॉन वेरिएंट को पकड़ने वाली टेस्ट किट, दो घंटे में होगी पुष्टि
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने एक ऐसी टेस्ट किट बनाई है जिससे केवल दो घंटे के अंदर ही कोरोना वायरस के नए ओमिक्रॉन वेरिएंट की पहचान की जा सकती है। ICMR की असम के डिब्रूगढ़ स्थित इकाई ने ये किट तैयार की है और देश में ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों के बीच ये बेहद उपयोगी साबित हो सकती है। अभी ओमिक्रॉन से संक्रमण का पता लगाने में लगभग चार-पांच दिन का समय लग जाता है।
डॉ विश्वज्योति बोरकाकोटी के नेतृत्व वाली टीम ने विकसित की टेस्ट किट
ओमिक्रॉन की इस टेस्ट किट को वैज्ञानिक डॉ विश्वज्योति बोरकाकोटी के नेतृत्व वाली टीम ने विकसित किया है। डॉ बोरकाकोटी ने इसकी जानकारी देते हुए कहा, "ICMR-RMRC ने नए ओमिक्रॉन वेरिएंट की पहचान के लिए एक हाइड्रोलाइसिस आधारित रीयल-टाइम RT-PCR टेस्ट तैयार किया है। यह नए वेरिएंट को दो घंटे के अंदर पकड़ सकता है। ये अहम है क्योंकि अभी टारगेटेड सीक्वेंसिंग करने में 36 घंटे और पूरी जिनोम सीक्वेंसिंग करने में चार से पांच दिन का समय लगता है।"
आंतरिक समीक्षा में 100 प्रतिशत सटीक पाया गया टेस्ट- डॉ बोरकाकोटी
डॉ बोरकाकोटी ने कहा कि टेस्ट किट को ओमिक्रॉन वेरिएंट की स्पाइक प्रोटीन की दो महत्वपूर्ण जगहों के सिंथेटिक जीन्स के खिलाफ टेस्ट किया जा चुका है और आंतरिक समीक्षा में टेस्ट को 100 प्रतिशत सटीक पाया गया है। इस टेस्ट किट के उत्पादन की तैयारी भी हो गई है और कोलकाता स्थित GCC बायोटेक कंपनी बड़ी संख्या में इस टेस्ट किट का उत्पादन करेगी। ये उत्पादन पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) के अंतर्गत किया जाएगा।
अभी बेहद जटिल है ओमिक्रॉन वेरिएंट का पुष्टि करने की प्रक्रिया
अभी ओमिक्रॉन से संक्रमण की पुष्टि करने में चार-पांच दिन का समय लगता है। पहले संक्रमित का RT-PCR टेस्ट किया जाता है और पॉजिटिव पाए जाने पर सैंपल को जिनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा जाता है। जिनोम सीक्वेंसिंग एक जटिल प्रक्रिया है और इसके नतीजे आने में चार-पांच दिन लग जाते है। नए टेस्ट की मदद से ओमिक्रॉन का दो घंटे के अंदर ही पता लगाया जा सकेगा जो वेरिएंट के बढ़ते प्रसार के बीच निर्णायक साबित हो सकता है।
भारत में ओमिक्रॉन के 37 मामले
बता दें कि भारत में अभी तक ओमिक्रॉन वेरिएंट से संक्रमण के कुल 37 मामले सामने आ चुके हैं। आज चंडीगढ़, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक में ओमिक्रॉन के कुल चार मामले सामने आए। ये सभी मामले हाल ही में विदेश यात्रा से आए लोगों में पाए गए हैं। इससे पहले गुजरात, राजस्थान और दिल्ली में भी ओमिक्रॉन के मामले पकड़ में आ चुके हैं। बेंगलुरू के एक डॉक्टर को छोड़कर सभी मामले विदेश से लौटे लोगों में है।