बूस्टर शॉट के तौर पर कोविशील्ड से बेहतर होगी कोवावैक्स- सरकारी वैज्ञानिक
क्या है खबर?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बीते दिन कोवावैक्स को आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी थी।
अब एक शीर्ष सरकारी वैज्ञानिक ने इसे भारत में बूस्टर शॉट (आम भाषा में तीसरी खुराक) के तौर पर इस्तेमाल करने का सुझाव दिया है।
जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए बनी मॉनिटरिंग एजेंसी इंडियन SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSAGOC) से जुड़े इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव के निदेशक अनुराग अग्रवाल ने कहा कि कोवावैक्स कोरोना संक्रमण के खिलाफ शानदार प्रतिरक्षा पैदा करती है।
पृष्ठभूमि
संक्रमण रोकने में 90 प्रतिशत प्रभावी पाई गई कोवावैक्स
अमेरिकी फार्मा कंपनी नोवावैक्स ने पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के साथ मिलकर कोवावैक्स को तैयार किया है।
इस वैक्सीन को अमेरिका और मैक्सिको में हुए ट्रायल में संक्रमण को रोकने में 90 प्रतिशत से अधिक प्रभावी पाया गया था।
कोवावैक्स की खुराक लगने के बाद अगर व्यक्ति वायरस के संपर्क में आता है तो वैक्सीन से बनी एंटीबॉडीज उसके स्पाइक प्रोटीन को लॉक कर देगी। इससे वायरस कोशिकाओं में नहीं जा पाएगा और व्यक्ति संक्रमित नहीं होगा।
बयान
बूस्टर शॉट के तौर पर बेहतर साबित होगी कोवावैक्स- अग्रवाल
इंडिया टुडे के अनुसार, अग्रवाल ने कहा कि कोवावैक्स की प्रभावकारिता कोविशील्ड की तुलना में बेहतर है। हाालंकि, अभी यह जानने के लिए और आंकड़ों की जरूरत है कि यह वैक्सीन ओमिक्रॉन वेरिएंट के खिलाफ कितनी सुरक्षा देती है।
उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि मंजूरी प्राप्त वर्जन ओमिक्रॉन के खिलाफ बहुत प्रभावी नहीं होगा, लेकिन फिर भी यह वैक्सीन बूस्टर शॉट के तौर पर कोविशील्ड से अधिक प्रभावी साबित होगी।
वैक्सीनेशन अभियान
भारत को जल्दी देने चाहिए बूस्टर शॉट- अग्रवाल
अग्रवाल ने आगे कहा कि इस वैक्सीन को WHO से हरी झंडी मिलना भारत के लिए अच्छी खबर है और अब सरकार को इसे बूस्टर शॉट के तौर पर देने में ज्यादा समय नहीं लगाना चाहिए।
बता दें कि भारत में काफी समय से बूस्टर शॉट लगाने की शुरुआत करने की मांग हो रही है। कई राज्यों ने भी इस संबंध में केंद्र सरकार को पत्र लिखा है, लेकिन सरकार ने अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं लिया है।
कोरोना संकट
बेहद अहम माने जा रहे बूस्टर शॉट
कोरोना वायरस के नए ओमिक्रॉन वेरिएंट के प्रसार के कारण बूस्टर खुराक को बेहद अहम माना जा रहा है।
यह वेरिएंट दो खुराकों से पैदा होने वाली इम्युनिटी को काफी हद तक मात देने में कामयाब रहता है, हालांकि शुरूआती सबूतों में बूस्टर खुराक के इसके खिलाफ पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने के सबूत मिले हैं।
इस विषय पर अभी अध्ययन चल रहे हैं और सीमित डाटा के कारण कुछ पक्का नहीं कहा जा सकता।
कोरोना वैक्सीनेशन
देश और दुनिया में क्या है वैक्सीनेशन की स्थिति?
देश में चल रहे दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीनेशन अभियान की बात करें तो अब तक वैक्सीन की 1,36,66,05,173 खुराकें लगाई जा चुकी हैं। इनमें से 62,06,244 खुराकें बीते दिन लगाई गईं। देश की 50 प्रतिशत से अधिक आबादी को दोनों खुराकें लग चुकी हैं।
ब्लूमबर्ग के अनुसार, पूरी दुनिया में 8.6 अरब खुराकें लगाई गई हैं। 2.6 अरब खुराकों के साथ चीन खुराकें लगाने में सबसे आगे है और भारत दूसरे स्थान पर है।