उत्तर प्रदेश के प्रस्तावित जनसंख्या कानून का ड्राफ्ट तैयार, दो से अधिक बच्चों पर नौकरी नहीं
आबादी के हिसाब से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में सरकार जनसंख्या नियंत्रण कानून लाने की तैयारी कर रही है। इसको लेकर राज्य के विधि आयोग ने जनसंख्या विधेयक 2021 का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। आयोग ने इस ड्राफ्ट को वेबसाइट पर अपलोड कर 19 जुलाई तक लोगों से इस पर अपनी राय मांगी है। इसके अनुसार दो से अधिक बच्चे वाले लोगों को सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी और सरकारी योजनाओं का लाभ भी नहीं दिया जाएगा।
जनसंख्या नियंत्रण के लिए राज्य सरकार ने उठाया है कदम
बता दें कि उत्तर प्रदेश की आबादी में लगातार इजाफा हो रहा है। 2011 की जनगणना के अनुसार राज्य की आबादी 20.42 करोड़ थी, लेकिन अब यह बढ़कर 22 करोड़ से अधिक हो गई है। ऐसे में सरकार ने जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून बनाने का फैसला किया था। इसको लेकर सरकार ने मई में विधि आयोग को इस पर ड्राफ्ट तैयार करने को कहा था। आयोग ने इस मामले में अन्य राज्यों में लागू कानूनों का अध्ययन किया था।
दो से अधिक बच्चों पर नहीं मिलेगा सरकारी योजनाओं और नौकरी का लाभ
विधि आयोग की ओर तैयार किए गए इस ड्राफ्ट में दो से अधिक बच्चों वाले लोगों को सरकारी नौकरी के लिए अयोग्य कराने देने तथा सरकारी सब्सिडी या कल्याणकारी योजनाओं का लाभ बंद करने का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा उन्हें सरकारी नौकरियों में प्रमोशन भी नहीं मिलेगा। इसी तरह ऐसे व्यक्ति कोई भी स्थानीय निकाय चुनाव में नहीं लड़ सकेगा। इसके अलावा ऐसे लोगों के परिवार राशन कार्ड को चार सदस्य तक सीमित कर दिया जाएगा।
सरकारी कर्मचारी और जनप्रतिनिधियों को देना होगा शपथ पत्र
ड्राफ्ट के अनुसार यह कानून गजट नोटिफिकेशन के एक साल बाद लागू होगा। इस दौरान सभी सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों और स्थानीय निकाय में चुने जनप्रतिनिधियों को शपथ पत्र देना होगा कि वह इसका उल्लंघन नहीं करेंगे। इसके बाद यदि वह तीसरी संतान पैदा करते हैं तो जनप्रतिनिधि का निर्वाचन रद्द करने व चुनाव ना लड़ने देने का प्रस्ताव होगा। इसी तरह सरकारी कर्मचारियों की पदोन्नति रोकने और उन्हें सेवा से बर्खास्त किया जाएगा।
11 जुलाई को नई जनसंख्या नीति जारी करने की तैयारी में है सरकार
उत्तर प्रदेश सरकार ने विश्व जनसंख्या दिवस यानी 11 जुलाई को अपनी नई जनसंख्या नीति 2021-30 जारी करने की तैयारी की है। इस नीति में उन लोगों को प्रोत्साहन प्रदान करने पर ध्यान केंद्गित करने की संभावना है जो जनसंख्या नियंत्रण में मदद करेंगे।
बहुविवाह करने वालों के लिए किया गया है खास प्रावधान
आयोग ने ड्राफ्ट में धार्मिक या पर्सनल लॉ के तहत बहुविवाह करने वाले दंपतियों के लिए विशेष प्रावधान किया हैं। यदि कोई व्यक्ति एक से अधिक शादियां करता है और सभी पत्नियों से उसके दो से अधिक बच्चे हैं तो वह भी सुविधाओं से वंचित होगा। हालांकि, उनकी पत्नियां सुविधाओं का लाभ ले सकेगी। वहीं, अगर महिला बहुविवाह करती है और अलग-अलग पतियों से मिलाकर दो से अधिक बच्चे होने पर उसे भी सुविधाओं से वंचित किया जाएगा।
जनसंख्या नियंत्रण में सहयोग देने वालों को मिलेगा प्रोत्साहन
ड्राफ्ट में जनसंख्या नियंत्रण में सहयोग करने वालों को प्रोत्साहन देने का भी प्रावधान किया गया है। इसमें दो बच्चों पर स्वैच्छिक नसबंदी ऑपरेशन कराने वालों को कम ब्याज दर पर होम लोन तथा पानी, बिजली और हाउस टैक्स में विशेष छूट दी जाएगी। इसी तरह एक बच्चे पर नसबंदी करने वालों के बच्चे को 20 साल तक मुफ्त स्वास्थ्स सुविधा, बीमा और IIM, IIT और AIIMS में दाखिल के दौरान वरीयता देने का प्रावधान किया गया है।
एकल बच्चे को स्नातक स्तर तक मिलेगी मुफ्त शिक्षा
ड्राफ्ट में एकल संतान वाले बच्चों को स्नातक स्तर तक मुफ्त शिक्षा देने, बालिका के मामले में उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति और सरकारी नौकरियों में एकल संतान को प्राथमिकता देने का भी प्रावधान किया गया है। इससे उन्हें बड़ी राहत मिलेगी।
दो बच्चों वाले सरकारी कर्मचारियों को मिलेगी दो अतिरिक्त वेतन वृद्धि
दो बच्चे के मानदंड का पालन करने वाले सरकारी कर्मचारियों को पूरी सेवा के दौरान दो अतिरिक्त वेतन वृद्धि, पूरे वेतन और भत्ते के साथ 12 महीने का मातृत्व या पितृत्व अवकाश और मुफ्त स्वास्थ्य देखभाल सुविधा और पत्नी को बीमा कवरेज दिया जाएगा। इसी तरह एकल बच्चे वाले कर्मचारियों को आम जनता को ऐसा करने के लिए प्रोत्साहन करने के रूप में दिए जाने वाले प्रोत्साहन के अलावा पूरी सेवा के दौरान चार अतिरिक्त वेतन वृद्धि भी दी जाएगी।
गरीबों के लिए किया गया है विशेष प्रावधान
ड्राफ्ट में गरीबी रेखा से जीवन यापन करने वाले लोगों को एक बच्चे पर नसबंदी कराने पर एक बेटा होने पर 80,000 रुपये और केवल एक बेटी होने पर एक लाख रुपये की एकमुश्त सहायता राशि दी जाएगी। इसके अलावा अन्य लाभ भी दिए जाएंगे।
एकसाथ दो या अधिक बच्चे होने पर माना जाएगा एक बच्चा
ड्राफ्ट के अनुसार यदि किसी महिला के दूसरी बार डिलीवरी के समय दो या उससे अधिक बच्चे होते हैं तो उसकी एक ही बच्चे के रूप में गणना की जाएगी। इसी तरह पहले से दो बच्चे रखने वाले और तीसरा बच्चा गोद लेने वालों पर भी यह कानून लागू नहीं होगा। इसके अलावा यदि किसी दंपत्ति के दो बच्चों की मौत हो जाती है और फिर वह तीसरा बच्चा करता है तो उसे भी कानून का उल्लंघन नहीं माना जाएगा।
इस स्थिति में भी नहीं होगा कानून का उल्लंघन
ड्रॉफ्ट के अनुसार यदि किसी दंपत्ति के कानून लागू होने से पहले दो बच्चे हैं और कानून लागू होने की तारीख से एक वर्ष के भीतर तीसरा बच्चा हो जाता है तो उसे भी कानून का उल्लंघन नहीं माना जाएगा। इतना ही नहीं नीति को लागू करने और राज्य में गर्भावस्था, प्रसव, जन्म और मृत्यु का अनिवार्य पंजीकरण सुनिश्चित करने के लिए एक राज्य जनसंख्या कोष भी बनाया जाएगा। इसके अलावा स्कूलों में जनसंख्या नियंत्रण का अनिवार्य विषय लागू होगा।
आठ बच्चे होंगे तो पंचर ही बनाएंगे- मोहसिन रजा
प्रस्ताविन जनसंख्या कानून को लेकर राज्य के मंत्री मोहसिन रजा ने कहा कि दो बच्चों को हम डॉक्टर और इंजीनियर बना सकते हैं, लेकिन आठ बच्चे होंगे तो साइकिल की दुकान पर पंचर बनाएंगे और फावड़ा लेकर मजदूरी ही करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार धर्म और संप्रदाय को टारगेट नहीं कर रहे हैं, बल्कि देश को आगे ले जाना चाहती है। इस नीति के जरिए सरकार लोगों को टोपी से टाई की तरफ ले जाने का प्रयास कर रही है।