कानपुर: यौन उत्पीड़न के बाद बच्ची की हत्या, तांत्रिक साधना के लिए लीवर ले गए आरोपी
उत्तर प्रदेश के कानपुर में दिवाली की रात एक सात वर्षीय बच्ची की बेरहमी से हत्या कर उसका लीवर बाहर निकाल लिया। दोनों आरोपियों ने पहले बच्ची का अपहरण कर यौन उत्पीड़न किया और फिर उसे मौत के घाट उतार दिया। बताया जा रहा है कि आरोपियों के एक रिश्तेदार ने उन्हें पैसे देकर तंत्र साधना के लिए बच्ची का लीवर लाने को कहा था। यह घटना कानपुर ग्रामीण की है। आइये, पूरी खबर जानते हैं।
मामले में अब तक चार लोग गिरफ्तार
पुलिस ने बताया कि लगभग 20 साल पहले आरोपियों की रिश्तेदार की शादी हुई थी, लेकिन उसके अभी तक कोई संतान पैदा नहीं हुई है। इसी दौरान किसी ने तांत्रिक साधना के तहत उन्हें बता दिया कि अगर वो किसी बच्ची का लीवर खाते हैं तो उन्हें बच्चा पैदा हो सकता है। दंपत्ति ने दोनों आरोपियों के इस अपराध के लिए 1,500 रुपये दिए थे। पुलिस ने इस मामले में दोनों आरोपी और रिश्तेदार दंपत्ति को गिरफ्तार कर लिया है।
आरोपियों को काम के लिए दिए गए थे 1,500 रुपये
कानपुर ग्रामीण के पुलिस अधीक्षक (SP) बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि दोनों आरोपियों को 1,500 रुपये दिए गए थे। उन्होंने इस पैसे से शराब खरीदी। आरोपियों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने बच्ची का यौन उत्पीड़न किया और गला दबाकर मार दिया। इसके बाद उन्होंने उसका पेट चीरा और उसके अंग बाहर निकालने की कोशिश की। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी बच्ची के अंगों पर आई चोट और सदमे को मौत की वजह बताया गया है।
बच्ची को बहला-फुसलाकर जंगल में ले गए थे आरोपी- DIG
घटना के बारे में जानकारी देते हुए कानपुर नगर के DIG प्रीतिंदर सिंह ने कहा कि दिवाली की रात बच्ची अपने घर से बाहर खेलते समय गायब हो गई थी। स्थानीय लोगों और पुलिस ने उसकी तलाश की, लेकिन उसका पता नहीं चला। अगली सुबह गांव के पास जंगल में बच्ची का शव मिला। बाद में पता चला कि पड़ोस के दो युवक चिप्स खिलाने के बहाने बच्ची को बहला-फुसलाकर ले गए और उसका यौन उत्पीड़न किया।
पूछताछ के दौरान आरोपियों ने कबूला जुर्म
SP श्रीवास्तव ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) और 201 (सबूत मिटाने का प्रयास) के तहत FIR दर्ज की गई है। उनके खिलाफ गैंगरेप की धारा और POCSO के तहत भी मामला दर्ज किया गया है। पूछताछ के दौरान दोनों ने जुर्म कबूल लिया है। दोनों ने पुलिस को बताया कि उनके अंकल ने बच्ची का शव लाने के लिए उन्हें पैसे दिए थे।
फास्ट ट्रैक कोर्ट में होगी मामले की सुनवाई
श्रीवास्तव ने कहा कि आरोपियों के अंकल मानते थे कि बच्ची का लीवर खाने से उनकी पत्नी को बच्चा पैदा हो सकता है। इसके लिए दोनों ने लड़की की हत्या की और लीवर ले गए। अभी तक बच्ची के अंग बरामद नहीं हुए हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर शोक जताते हुए पीड़ित परिवार को पांच लाख का मुआवजा देने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में होगी।