जमानत और FIR रद्द कराने सुप्रीम कोर्ट पहुंचे मोहम्मद जुबैर, जान को खतरा बताया
क्या है खबर?
एक ट्वीट के लिए जेल में बंद फैक्ट-चेकिंग वेबसाइट ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर जमानत और एक अन्य FIR को रद्द कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं।
उनके वकील ने उनकी जान को खतरा बताते हुए सुप्रीम कोर्ट से मामले पर आज ही तत्काल सुनवाई करने का अनुरोध किया। हालांकि कोर्ट कल सुनवाई को तैयार हुआ है और ये सुनवाई भी मुख्य न्यायाधीश (CJI) की मंजूरी के बाद होगी।
दलीलें
जुबैर के वकील ने क्या कहा?
मामले पर आज दो बजे सुनवाई करने की अपील करते हुए जुबैर के वकील कॉलिन गोंजाल्विस ने कहा कि उन्हें जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं।
जस्टिस इंदिरा बनर्जी की बेंच से उन्होंने कहा, "उनका (जुबैर) काम न्यूज को फैक्ट चेक करना है। उनके खिलाफ जान की धमकियां हैं और भड़काऊ बयान देने वाले लोगों का कहना है कि वे उन्हें मार देंगे। हम उनकी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।"
गिरफ्तारी
27 जून को गिरफ्तार किए गए थे जुबैर
मोहम्मद जुबैर को एक ट्वीट के जरिए धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप में 27 जून को गिरफ्तार किया गया था।
अपने इस ट्वीट में तीन दशक पहले की एक फिल्म से एक होटल के साइनबोर्ड की तस्वीर पोस्ट करते हुए उन्होंने लिखा था, '2014 से पहले: हनीमून होटल और 2014 के बाद: हनुमान होटल।'
हनुमान भक्त नाम के एक ट्विटर अकाउंट ने ट्वीट कर उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद जुबैर को गिरफ्तार किया गया।
न्यायिक हिरासत
14 दिन की न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद हैं जुबैर
जुबैर फिलहाल दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं। 2 जुलाई को उनकी जमानत याचिका खारिज करते हुए पटियाला कोर्ट ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा था।
जुबैर अपने खिलाफ हुई इस कार्रवाई के विरोध में हाई कोर्ट का दरवाजा भी खटखटा चुके हैं, लेकिन वहां से भी उन्हें कोई राहत नहीं मिली।
इस सुनवाई में उन्होंने कहा था कि उनके खिलाफ उनके धर्म और फैक्ट चेकिंग के उनके काम के कारण कार्रवाई हो रही है।
सीतापुर
उत्तर प्रदेश के सीतापुर में भी जुबैर के खिलाफ FIR
जुबैर के खिलाफ उत्तर प्रदेश के सीतापुर में भी एक FIR दर्ज की गई है। मुस्लिमों के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने वाले "हिंदू साधुओं" को नफरत फैलाने वाले बताने के लिए उनके खिलाफ यह FIR दर्ज की गई है।
जुबैर पर आरोप है कि ये ट्वीट करते हुए उन्होंने इन साधुओं के फॉलोवर्स की भावनाओं को आहत किया। उनके वकील ने सुप्रीम कोर्ट से इसी FIR को रद्द करने का अनुरोध किया है।
आलोचना
पूरा विपक्ष कर चुका है जुबैर पर कार्रवाई की आलोचना
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तक, विपक्ष के लगभग हर नेता ने जुबैर के खिलाफ इस कार्रवाई की आलोचना की है और सरकार पर स्वतंत्र पत्रकारों को दबाने का आरोप लगाया है।
जुबैर के समर्थकों का कहना है कि उनके खिलाफ ये कार्रवाई इसलिए की गई क्योंकि उन्होंने पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ पूर्व भाजपा नेता नुपुर शर्मा की टिप्पणी को उजागर किया था, जिसके बाद भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शर्मिंदगी उठानी पड़ी।