कुवैत: पैगंबर पर भाजपा प्रवक्ता के बयान के विरोध में सुपरमार्केट से हटाए गए भारतीय उत्पाद
भाजपा प्रवक्ता नुपुर शर्मा की पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ टिप्पणी पर खड़ा हुआ विवाद गहराता जा रहा है। अरब देशों की सरकारों के मामले पर कड़ी प्रतिक्रिया देने के बाद अब कुवैत में भारतीय उत्पादों का आर्थिक बहिष्कार भी शुरू हो गया है। यहां एक सुपरमार्केट ने भारतीय चावल, मसालों और मिर्चों को बेचना बंद कर दिया है। सुपरमार्केट को चलाने वाली कंपनी अपने अन्य स्टोर पर भी इसी तरह का कदम उठाने पर विचार कर रही है।
सुपरमार्केट के CEO ने कहा- पैगंबर का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे
अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी AFP की रिपोर्ट के अनुसार, कुवैत शहर के बिल्कुल बाहर स्थित एक सुपरमार्केट में भारत से आए चावल की बोरियों और मसालों और मिर्चों की अलमारियों को प्लास्टिक शीट से ढक दिया गया है। इस शीट पर लगाए एक एक कागज पर अरबी में लिखा गया है, "हमने भारतीय उत्पादों को हटा दिया है।" स्टोर के CEO नासिर अल-मुतैरी ने कहा, "कुवैती मुस्लिम होने के नाते हम पैगंबर का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे।"
क्या है पैगंबर मोहम्मद पर विवादित बयान का पूरा मामला?
भाजपा प्रवक्ता नुपुर शर्मा ने 27 मई को एक टीवी चैनल पर ज्ञानवापी मस्जिद के मुद्दे पर बहस के दौरान पैंगबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी की थी। उनकी यह टिप्पणी जल्द ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गई और अरब देशों में यह सोशल मीडिया पर सबसे बड़ा मुद्दा बन गया। वहां कई दिन तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ ट्रेंड चला। मामले में कार्रवाई करते हुए भाजपा शर्मा को पार्टी से निलंबित कर चुकी है।
तीन अरब देशों ने तलब किए भारतीय राजदूत, सऊदी अरब ने भी जताया विरोध
मामले में अब तक कुवैत, कतर और ईरान की सरकारें भारत के राजदूतों को तलब कर चुकी हैं। आज ईरान भारतीय राजदूत को तलब करने वाला नया देश बना। कतर ने अपने बयान में मांग की है कि भारत इस इस्लामोफोबिक बयान के लिए माफी मांगे। सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने भी बयान जारी करते हुए नुपुर की टिप्पणी की निंदा की है और उन्हें निलंबित करने के भाजपा के कदम का स्वागत किया है।
इस्लामिक संगठनों ने भी बयान पर जताई आपत्ति
अरब देशों के अलावा कई इस्लामिक संगठनों ने भी बयान जारी कर नुपुर की टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताई है। इस्लाम की सबसे प्रभावशाली संस्थाओं में शामिल अल-अजहर यूनिवर्सिटी ने कहा है कि नुपुर का बयान असली आतंकवाद है और पूरी दुनिया को घातक संकट और युद्धों में ढकेल सकता है। मुस्लिम वर्ल्ड लीग ने बयान को हिंसा पैदा करने वाला बताया है। 57 मुस्लिम देशों के संगठन इस्लामी सहयोग संगठन (OIC) ने भी बयान की निंदा की है।
भारत सरकार ने क्या प्रतिक्रिया दी है?
भारत सरकार इस पूरे विवाद को शांत करने की कोशिश कर रही है। विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ अपमानजनक ट्वीट और टिप्पणी किसी भी तरह से सरकार के विचार नहीं दर्शाती हैं। कतर में भारत के राजदूत दीपक मित्तल ने भी ऐसा ही बयान जारी किया है और विवादित बयान को हाशिए पर पड़े तत्वों के विचार बताया है। भाजपा ने भी सभी धर्मों का सम्मान करने की बात कही है।