शीना बोरा हत्याकांड: सुप्रीम कोर्ट ने इंद्राणी मुखर्जी को दी जमानत
सुप्रीम कोर्ट ने शीना बोरा हत्याकांड की मुख्य आरोपी इंद्राणी मुखर्जी को जमानत दे दी है। कोर्ट ने उन्हें जमानत देते हुए कहा कि वो 6.5 साल जेल में बिता चुकी हैं और ये एक लंबा समय है। कोर्ट ने कहा कि इंद्राणी जमानत की हकदार हैं क्योंकि वो काफी लंबा समय जेल में बिता चुकी हैं। कोर्ट ने उन्हें पीटर मुखर्जी पर लागू शर्तों के साथ ही जमानत पर रिहा करने का आदेश जारी किया।
सुनवाई को पूरा होने में लगेगा लंबा समय- सुप्रीम कोर्ट
इंद्राणी को जमानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "याचिकाकर्ता पर आरोप है कि अपनी बेटी के राहुल मुखर्जी के साथ लिव-इन रिलेशन को देखते हुए उसने हत्या की साजिश की... हम मामले की मेरिट पर टिप्पणी नहीं कर रहे हैं। लेकिन अगर 50 प्रतिशत गवाह भी पेश किए जाते हैं तो सुनवाई जल्द पूरी नहीं होगी। उन्हें ट्रायल कोर्ट की संतुष्टि की शर्त पर जमानत पर रिहा किया जाएगा।"
क्या है पूरा मामला?
एक मीडिया चैनल की कार्यकारी अधिकारी रही 49 वर्षीय इंद्राणी मुखर्जी पर अपनी बेटी शीना बोरा की हत्या करने का आरोप है। 25 वर्षीय शीना पहली शादी से इंद्राणी की बेटी थी। उसकी अपने ड्राइवर, पूर्व पति संजीव खन्ना और पति पीटर मुखर्जी की मदद से इस वारदात को अंजाम दिया और हत्या करने के बाद शीना के शव को जलाने की कोशिश भी की। मामले में वह 2015 से ही जेल में बंद हैं।
इंद्राणी ने अपनी बेटी को क्यों मारा?
चार्जशीट के अनुसार, इंद्राणी राहुल मुखर्जी के साथ शीना के रिश्ते से खुश नहीं थी। राहुल पहली शादी से इंद्राणी के दूसरे पति पीटर मुखर्जी का बेटा था। इस तरह शीना और राहुल दोनों सौतेले भाई-बहन हुए और इंद्राणी और पीटर ने उनसे अपने रिश्तों को खत्म करने को कहा था, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया। CBI के अनुसार, एक वित्तीय झगड़े के बाद शीना ने इंद्राणी का पर्दाफाश करने की धमकी भी दी थी।
कैसे पकड़ में आया मामला?
इंद्राणी के ड्राइवर के एक अन्य मामले में पकड़े जाने के बाद पूरा मामला सामने आया। उसके बयान के आधार पर मुंबई के पास के एक जंगल से शीना का आधा जला हुआ शव बरामद किया गया। इतने समय तक इंद्राणी यह कहकर अपने दोस्तों से शीना की हत्या का राज छिपाती रही कि वह अमेरिका चली गई है। इंद्राणी मामले में 2015 से जेल में बंद हैं। पीटर को 2020 में जमानत मिल गई थी।