क्या है बहुचर्चित शीना बोरा हत्याकांड, जिसमें इंद्राणी मुखर्जी को मिली सुप्रीम कोर्ट से जमानत?
सुप्रीम कोर्ट ने आज बहुचर्चित शीना बोरा हत्याकांड की मुख्य आरोपी इंद्राणी मुखर्जी को जमानत दे दी है। कोर्ट ने कहा कि इंद्राणी काफी लंबा समय जेल में बिता चुकी हैं और जमानत की हकदार हैं। इंद्राणी पिछले 6.5 साल से जेल में बंद हैं और कई प्रयासों के बाद अब जाकर उन्हें जमानत मिली है। आइए जानते हैं कि सुर्खियों में छा जाने वाला शीना बोरा हत्याकांड क्या है और इसमें कब क्या हुआ।
क्या है हत्या का पूरा मामला?
एक मीडिया चैनल की कार्यकारी अधिकारी रही 50 वर्षीय इंद्राणी मुखर्जी पर अपनी बेटी शीना बोरा की हत्या करने का आरोप है। 25 वर्षीय शीना पहली शादी से इंद्राणी की बेटी थीं। इंद्राणी ने अपने ड्राइवर और दूसरे पति संजीव खन्ना की मदद से 24 अप्रैल, 2012 को इस वारदात को अंजाम दिया। हत्या करने के बाद शीना के शव को जलाने की कोशिश की हुई और इसे अधजली अवस्था में रायगढ़ के एक गांव में दफन कर दिया गया।
इंद्राणी ने अपनी बेटी को क्यों मारा?
चार्जशीट के अनुसार, इंद्राणी राहुल मुखर्जी के साथ शीना के रिश्ते से खुश नहीं थी। राहुल पहली शादी से इंद्राणी के तीसरे पति पीटर मुखर्जी का बेटा था। इस तरह शीना और राहुल दोनों सौतेले भाई-बहन हुए और इंद्राणी और पीटर ने उनसे अपने रिश्तों को खत्म करने को कहा था, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया। CBI के अनुसार, एक वित्तीय झगड़े के बाद शीना ने इंद्राणी का पर्दाफाश करने की धमकी भी दी थी।
कैसे हुआ मामले का खुलासा?
इंद्राणी और अन्य आरोपी लगभग साढ़े तीन साल तक शीना की हत्या को छिपाकर रखने में कामयाब रहे। इतने समय तक इंद्राणी यह कहकर अपने दोस्तों से शीना की हत्या का राज छिपाती रही कि वह अमेरिका चली गई है। हालांकि जब अगस्त, 2015 में हत्या में शामिल रहे इंद्राणी के पूर्व ड्राइवर को गैरकानूनी हथियार रखने के एक अन्य मामले में हिरासत में लिया गया तो उसने शीना की हत्या का राज भी उगल दिया।
कब हुई इंद्राणी की गिरफ्तारी?
ड्राइवर ने अपने बयान में रायगढ़ स्थित गांव की उस जगह के बारे में भी बताया जहां शीना के शव को दफनाया गया था। पुलिस के अनुसार, दफनाए जाने के एक महीने बाद ही सड़े हुए शव को बरामद कर लिया गया था, लेकिन ड्राइवर के बयान के बाद ही इसकी पहचान हुई। इसके बाद 25 अगस्त, 2015 को इंद्राणी और उसके पूर्व पति संजीव खन्ना को गिरफ्तार कर लिया और वो तभी से जेल में बंद हैं।
पीटर मुखर्जी को कब और क्यों गिरफ्तार किया गया?
सितंबर, 2015 में मामले को मुंबई पुलिस से लेकर CBI को दे दिया गया। दिसंबर, 2015 में CBI ने मामले में अपनी एकमात्र गिरफ्तारी की और हत्या की साजिश में शामिल होने के कारण में तब इंद्राणी के पति रहे पीटर मुखर्जी को गिरफ्तार किया। ड्राइवर मामले में गवाह बन गया और 2017 में सुनवाई शुरू हुई। अब तक 67 गवाहों से सुनवाई हो चुकी है। कई अर्जियों के बाद पीटर को 2020 में जमानत मिल गई थी।