व्हाइट हाउस के सामने बंटे ट्रम्प के इस्तीफे की खबर वाले अखबार
अमेरिका-मैक्सिको सीमा पर दीवार बनाने को लेकर चल रहे विवाद के बीच व्हाइट हाउस के नजदीक राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के इस्तीफे की खबर वाले अखबार बांटे गए। 'वाशिंगटन पोस्ट' के नाम पर इन अखबारों को एक महिला बांट रही थी। 'वाशिंगटन पोस्ट' ने बयान जारी कर अखबार के इस संस्करण को फर्जी बताया है। बताया जा रहा है कि यह काम अमेरिका के कुछ कार्यकर्ताओं ने ट्रम्प के प्रति अपना विरोध जताने के लिए किया है।
मामले पर वाशिंगटन पोस्ट की सफाई
1 मई, 2019 की है 'खबर'
फर्जी अखबार हूबहू असली 'वाशिंगटन पोस्ट' जैसा दिखता है। अखबार में 6 कॉलम के बड़े शीर्षक में लिखा है- 'अप्रत्याशित : ट्रंप व्हाइट हाउस से विदा, संकट खत्म'। इसके नीचे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की एक तस्वीर लगी हुई है। तस्वीर में सिर झुकाए ट्रम्प परेशान नजर आ रहे हैं। अखबार में 1 मई, 2019 की तारीख दर्ज है। खबर में यह भी लिखा गया है कि ट्रम्प के इस्तीफे के बाद दुनिया भर में उनके विरोधी जश्न मना रहे हैं।
यह लिखा है फर्जी खबर में
फर्जी खबर में लिखा है, राष्ट्रपति ट्रम्प ने 30 अप्रैल, 2019 को व्हाइट हाउस छोड़ दिया। खबर के अनुसार, 'ट्रम्प ने कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया। लेकिन व्हाइट हाउस सूत्रों का कहना है कि उन्हें ओवल ऑफिस में राष्ट्रपति की मेज पर एक नैपकिन रखी हुई मिली, जिसपर इसके लिए हिलेरी और अन्य लोगों को जिम्मेदार ठहराने वाला मैसेज लिखा हुआ है।' बताया जा रहा है कि अखबार के जरिए कुछ ट्रम्प विरोधी कार्यकर्ताओं ने उनपर व्यंग्य किया है।
एक महिला बांट रही थी अखबार
खबरों के अनुसार, व्हाइट हाउस के बाहर एक महिला इन फर्जी अखबारों को बांट रही थी। अखबार बांटते वक्त ये महिला कह रही थी, "वाशिंगटन पोस्ट का विशेष संस्करण लीजिए। यह मुफ्त है। आपको ये फिर कभी नहीं मिलेगा।" समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, महिला के पास एक नीले प्लास्टिक बैग में ऐसे बहुत से अखबार थे। वह आसपास से गुजर रहे लोगों को यह अखबार बांट रही थी। इस खबर को लीजा चंग के नाम से छापा गया है।
फंडिंग को लेकर ट्रम्प और डेमोक्रेट्स में खींचतान
मामले पर 'वाशिंगटन पोस्ट' ने ट्वीट कर कहा, 'ट्रंप के इस्तीफे की फर्जी खबर वाले अखबार का वितरण किया गया। इस फर्जी संस्करण से वॉशिंगटन पोस्ट का कोई लेना-देना नहीं है और घटना की जांच की जा रही है।' दीवार की फंडिंग को लेकर ट्रम्प और डेमोक्रेट्स के बीच चल रही खींचतान के कारण अमेरिका में कामकाज ठप्प है और एक-चौथाई सरकारी मशीनरी काम नहीं कर पा रही। फंडिंग न मिलने पर ट्रम्प ने आपातकाल लगाने की धमकी दी है।