अमित शाह बोले- 2024 तक देशभर में लागू होगा NRC, एडवांस में तैयारी कर रही सरकार
क्या है खबर?
कर्नाटक और महाराष्ट्र में अवैध आप्रवासियों के लिए डिटेंशन सेंटर्स बनाए जाने की रिपोर्ट के बीच गृह मंत्री अमित शाह ने एक इंटरव्यू में कहा है कि केंद्र सरकार 2024 से पहले पूरे देश में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (NRC) लागू करेगी।
शाह ने कहा कि सरकार इसके लिए एडवांस में ही तैयारियां कर रही है और ये डिटेंशन सेंटर उसी तैयारी का हिस्सा हैं।
उन्होंने कहा कि सभी मुस्लिम घुसपैठिए हैं, वो ऐसा नहीं मानते।
इंटरव्यू
शाह बोले, सरकार कर रही अपनी ओर से तैयारियां
न्यूज 18 नेटवर्क के एडिटर इन चीफ राहुल जोशी को दिए विशेष इंटरव्यू में अमित शाह ने ये बातें कहीं।
2024 से पहले पूरे देश में NRC लागू करने की बात कहते हुए शाह ने डिटेंशन सेंटर्स पर भी अपना राय रखी।
उन्होंने कहा, "फॉरेन ट्रिब्यूनल डिटेंशन की प्रक्रिया को संभालेगा। सरकार को भी अपनी तैयारियां करनी हैं। जहां तक ट्रिब्यूनल की बात है, वो एक कानूनी प्रक्रिया है। वो प्रक्रिया अभी शुरू ही हुई है।"
डिटेंशन सेंटर
कर्नाटक में बना डिटेंशन सेंटर, महाराष्ट्र में हुई जमीन की पहचान
रिपोर्ट्स के अनुसार, कर्नाटक में बेंगलुरू से 40 किलोमीटर दूर अवैध आप्रवासियों के लिए एक डिटेंशन बनाया गया है।
वहीं महाराष्ट्र के नवी मुंबई इलाके में डिटेंशन सेंटर के लिए जमीन की पहचान कर ली गई है। दोनों ही राज्यों में भाजपा की सरकार है।
इससे पहले केवल असम में डिटेंशन सेंटर थे, जहां NRC को पहले ही लागू किया जा चुका है। यहां गोलपाड़ा में 45 करोड़ में एक डिटेंशन सेंटर का निर्माण किया जा रहा है।
जानकारी
क्या हैं डिटेंशन सेंटर?
जिन लोगों को NRC के तहत विदेशी घोषित किया जाता है, उन्हें जहां रखा जाता है उसे डिटेंशन सेंटर कहते हैं। सारे कानूनी विकल्प आजमाने के बाद उन्हें उनके देश भेजने का प्रावधान है, हालांकि मूल देशों के उन्हें स्वीकार करने पर संशय है।
विवादित बयान
मुस्लिमों को छोड़ बाकी सभी धर्मों के लोगों को नागरिकता देने पर ये बोले शाह
इंटरव्यू में शाह से उनके एक हालिया बयान को लेकर भी सवाल किया गया, जिसमें उन्होंने कहा था कि जितने भी हिंदू, ईसाई, बौद्ध और जैन धर्म के लोग हैं, उन्हें NRC लागू करने से पहले नागरिकता दी जाएगी।
सवाल का जवाब देते हुए शाह ने कहा, "इसके पीछे एक कारण है। अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के अल्पसंख्यक अगर अपना धर्म बचाने के लिए भारत आते हैं और वो शरणार्थी हैं घुसपैठिए नहीं।"
बयान
"सभी मुस्लिम घुसपैठिए हैं ऐसा मेरा कहना नहीं"
शाह ने आगे कहा, "अगर कोई रोजी रोटी के लिए भारत आता है या कानून व्यवस्था बिगाड़ने के लिए आता है तो वह घुसपैठिया होता है। सभी मुसलमान घुसपैठिए हैं ऐसा मेरा कहना नहीं है। उन पर धार्मिक प्रताड़ना होने की संभावनाएं नहीं हैं।"
मॉब लिंचिंग
मॉब लिंचिंग पर बोले, पहले भी होती थीं ऐसी घटनाएं
अमित शाह ने इंटरव्यू में मॉब लिंचिंग से संबंधित सवालों का भी जवाब दिया।
उन्होंने कहा कि लिंचिंग गरीब के साथ होती है, किसी खास जाति के खिलाफ नहीं।
भाजपा के शासन में मॉब लिंचिंग की घटनाएं बढ़ने के आरोप को खारिज करते हुए शाह ने कहा कि ऐसा पहले भी होता था, लेकिन आज इन्हें राजनीतिक रंग दिए जाने की कोशिश की जा रही है और प्रोपगैंडा किया जा रहा है।
मॉब लिंचिंग पर कानून
मॉब लिंचिंग के लिए किसी विशेष कानूून की जरूरत नहीं- शाह
शाह ने कहा कि मॉब लिंचिंग के लिए किसी विशेष कानून की जरूरत नहीं है और पहले से मौजूद कानूनों और जागरूकता से इसे खत्म किया जा सकता है।
उन्होंने कहा, "अगर किसी व्यक्ति की हत्या होती है तो उसके लिए धारा 302 है। हर जगह इसका इस्तेमाल हुआ है। भाजपा की सरकारों ने ऐसे मामलों की जांच की है और आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। कानूनों को ठीक से लागू करने की जरूरत है।"