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इस राज्य में कॉलेज के छात्रों को नकल करने से रोकने के लिए पहनाए गए बॉक्स

इस राज्य में कॉलेज के छात्रों को नकल करने से रोकने के लिए पहनाए गए बॉक्स

Oct 19, 2019
05:13 pm

क्या है खबर?

हम आपको एक ऐसी खबर देने जा रहे हैं, जिसको सुनकर आप चौंक जाएंगे। ये घटना कर्नाटक की है। कर्नाटक के हावेरी में भगत प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज के छात्रों को मिड टर्म परीक्षाओं में नकल करने से रोकने के लिए एक बॉक्स पहनाकर बैठाया गया। ऐसा 16 अक्टूबर, 2019 को प्रथम वर्ष की केमिस्ट्री की परीक्षा के दौरान किया गया और कॉलेज मैनेजमेंट के एक सदस्य द्वारा सोशल मीडिया पर एक फोटो पोस्ट करने के बाद इसके बारे में पता चला।

बयान

बिहार में हुई थी ऐसी घटना

साइंस के छात्रों को केमिस्ट्री की परीक्षा के दिन एक ऐसा बॉक्स पहनाया गया, जिसमें आगे के हिस्से में काफी बड़ा छेद था और वह बाकी तीनों तरफ से बंद था, जिससे छात्र इधर उधर न देख पाएं। कॉलेज मैनेजमेंट के एक सदस्य एमबी सतीश हेरूर ने डेक्कन हेराल्ड को बताया कि उन्होंने ये कदम बिहार में हुई इसी तरह की घटना को देखकर उठाया है। न्यूज 18 के अनुसार सतीश ने ही फेसबुक पर फोटो को शेयर किया था।

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छात्रों से इस पर चर्चा कर ली उनकी सहमति

टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए सतीश ने कहा कि इस विचार को कदाचार पर रोक लगाने और छात्रों को परेशान न करने के लिए लागू किया गया है। छात्रों से चर्चा करके उनकी सहमति लेने के बाद इसे लागू किया गया है।

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PU बोर्ड के डिप्टी डायरेक्टर का कहना है ये

PU बोर्ड के उप निदेशक एससी पीरजादे इसके बारे में जानने के बाद कॉलेज पहुंचे और मैनेजमेंट को इसे रोकने का आदेश दिया। पीरजादे ने TOI से कहा कि यह अमानवीय है और एक सभ्य समाज इस तरह के विचार को कभी स्वीकार नहीं करेगा। उन्हें उम्मीद है कि यह फिर कभी नहीं दोहराया जाएगा। द न्यू इंडियन एक्सप्रेस ने बताया कि छात्रों ने पीरजादे को बताया कि मैनेजमेंट ने उन्हें बॉक्स पहनने के लिए मजबूर किया था।

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तरीके

कई और तरीके भी हैं, उन्हें अपनाया जाए

पीरजादे ने TOI को बताया कि उन्होंने कॉलेज मैनेजमेंट को नोटिस जारी किया है और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई पर विचार कर रहे हैं। पीरजादे ने कहा कि छात्रों को मैनेज करने और परीक्षा हॉल में कदाचार को रोकने के पारंपरिक तरीके हैं और कॉलेज उनका सहारा ले सकता है। पीरजादे ने छात्रों को सलाह दी कि जब भी ऐसी घटनाएं होती है, तो वे विभाग को इसके बारे में बताएं।

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किसी को भी इंसान के साथ जानवरों की तरह व्यवहार करने का अधिकार नहीं

एक फेसबुक पोस्ट में प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री एस सुरेश कुमार ने इस कदम की निंदा करते हुए कहा कि यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है। किसी को भी इंसानों या छात्रों के साथ जानवरों की तरह व्यवहार करने का कोई अधिकार नहीं है।

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