संसद हमले में देविंदर सिंह की भूमिका की हो सकती है जांच, वीरता पदक छीना गया
जम्मू-कश्मीर में हिजबुल मुजाहिदीन के दो आतंकियों के साथ गिरफ्तार किए गए पुलिस उप अधीक्षक (DSP) देविंदर सिंह के खिलाफ 2001 संसद हमले में जांच हो सकती है। जम्मू-कश्मीर पुलिस प्रमुख दिलबाग सिंह ने बुधवार को ये जानकारी देते हुए कहा कि आतंकियों के साथ देविंदर की सांठगांठ का पता लगाने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा जांच की सिफारिश की गई है और अगर इस दौरान संसद हमले से संबंधित कुछ आता है तो इसकी जांच की जाएगी।
शनिवार को आतंकियों के साथ गिरफ्तार हुए थे देविंदर
DSP देविंदर को हिजबुल के आतंकियों के साथ शनिवार को श्रीनगर-जम्मू हाइवे पर काजीगुंड के मीर बाजार के पास से गिरफ्तार किया गया था। उनके साथ जिन आतंकियों को पकड़ा गया है उनमें हिजबुल मुजाहिदीन कमांडर सैयद नवीद मुश्ताक, आसिफ राथर और हिजबुल का अंडरग्राउड वर्कर इरफान साफी शामिल है। देविंदर उन्हें जम्मू से बाहर निकलने में मदद कर रहे थे। खबरों के अनुसार, आतंकी चंडीगढ़ होते हुए दिल्ली की तरफ जा रहे थे।
देविंदर की गिरफ्तारी से सुरक्षा महकमा सकते में
DSP देविंदर को 2018 में जम्मू-कश्मीर राज्य की तरफ से वीरता पदक मिला चुका है और वो कई हाई-प्रोफाइल मामलों में सुरक्षा व्यवस्था संभाल चुके हैं। पिछले हफ्ते श्रीनगर का दौरा करने वाले 15 विदेशी राजनियकों की सुरक्षा टीम में भी वो शामिल थे। इसलिए जब उन्हें आतंकियों के साथ गिरफ्तार किया गया तो सुरक्षा महकमे में हड़कंप मच गया और उनसे संबंधित पुराने मामले भी सामने आने लगे। इन्हीं में से एक 2001 संसद हमले का मामला है।
अफजल ने लगाए थे देविंदर पर आरोप
दरअसल, संसद हमले के दोषी अफजल गुरू ने 2004 में अपनी वकील को एक पत्र लिखकर देविंदर पर संगीन आरोप लगाए थे। उसने अपने पत्र में लिखा था कि देविंदर ने उससे मोहम्मद नाम के पाकिस्तानी नागरिक को दिल्ली ले जाने, उसके रहने के लिए एक फ्लैट किराए पर लेने और उसे एक कार खरीदकर देने को कहा था। अफजल ने देविंदर पर उसे प्रताड़ित करने का आरोप भी लगाया था, जिसे बाद में देविंदर ने स्वीकार किया था।
जम्मू-कश्मीर पुलिस पर भी उठ रहे थे सवाल
ऐसे आरोपों के बावजूद देविंदर के खिलाफ कोई जांच न होने और उन्हें वीरता पदक से सम्मानित करने के कारण जम्मू-कश्मीर पुलिस पर भी गंभीर सवाल उठे थे। बुधवार को इन्हीं सारे सवालों का जवाब देते हुए जम्मू-कश्मीर पुलिस प्रमुख (DGP) दिलबाग सिंह ने कहा कि आतंकियों के साथ देविंदर के संबंधों की जांच के लिए पुराने मामलों को भी खोला जाएगा और अगर इस दौरान संसद हमले से संबंधित कुछ आता है तो उसकी भी जांच होगी।
देविंदर से वीरता पदक छीना गया
इस दौरान DGP दिलबाग ने बताया कि देविंदर को निलंबित किया जा चुका है और अब उन्होंने सेवाओं से उनकी बर्खास्तगी की सिफारिश की है। उन्होंने देविंदर से वीरता पदक छीनने की सिफारिश करने की बात भी बताई। उनकी इस सिफारिश के बाद जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने बुधवार देर शाम देविंदर से वीरता पदक छीन लिया। प्रशासन ने अपने आदेश में कहा कि आतंकियों के साथ देविंदर के गिरफ्तार होने से पुलिस की बदनामी हुई है।
आतंकियों को संवेदनशील जानकारियां देने की आशंका
इसके अलावा श्रीनगर एयरपोर्ट पर पोस्टिंग के दौरान देविंदर के रिकॉर्ड की भी जांच की जा रही है।शनिवार को गिरफ्तार होने तक वो यहां एंटी-हाइजैक यूनिट का हिस्सा थे। 'हिंदुस्तान टाइम्स' को एक अधिकारी ने बताया कि देविंदर की पहुंच संवेदनशील जानकारियों तक थी और शुरूआती जांच में उन पर कथित तौर पर महत्वपूर्ण जानकारियां आतंकियों को देने की बात सामने आई है। देविंदर कहीं किसी आतंकी को एयरपोर्ट लेकर तो नहीं आए, इसकी भी जांच हो रही है।
CCTV फुटेज की हो रही जांच
मामले से जुड़े एक अधिकारी ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया, "जांच में ये संकेत मिलने के बाद कि उन्होंने पहले भी आतंकियों की घाटी से निकलने में मदद की थी, एयरपोर्ट की CCTV फुटेज को खंगाला जा रहा है।"