NPR: पूछे जाएंगे 31 सवाल, गलत जवाब दिया तो लगेगा एक हजार रुपये जुर्माना
केन्द्र सरकार ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) की तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। 1 अप्रैल, 2020 से 30 सितंबर, 2020 तक चलने वाले NPR को जनगणना 2021 के साथ ही किया जाएगा। सरकारी कर्मचारी इस अवधि में घर-घर जाएंगे और करीब 31 सवाल पूछेंगे। इन कर्मचारियों के साथ सहयोग करना अनिवार्य है और अगर कोई जानकारी देने से इनकार करता है या गलत जवाब देता है तो उस पर 1,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
गृह मंत्रालय ने दी जुर्माना लगाने की मंजूरी
NPR में गलत जानकारी देने वालों पर जुर्माना लगाने के लिए गृह मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है। गृह मंंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि नागरिकता के नियम 17 के तहत किसी भी प्रकार से गलत जानकारी देने पर 1,000 रुपये का जुर्माना लगाने का प्रावधान है। इस प्रावधान का उपयोग 2011 और 2015 के NPR में नहीं किया गया था, लेकिन अब जब इसको लेकर विवाद चल रहा है तो इसे सख्ती से लागू किया जाएगा।
लेखक अरुंधति रॉय ने दी थी गलत जानकारी देने की सलाह
दिसंबर में एक कार्यक्रम में CAA, NPR और NRC के विरोध में बोलते हुए लेखक अरुंधति रॉय ने कहा था कि जब NPR करने के लिए कर्मचारी उनके घर आते हैं तो लोग उन्हें अपना गलत नाम बता सकते हैं। उन्होंने कहा था कि कर्मचारी अगर नाम पूछते हैं तो लोग उन्हें रंगा-बिल्ला, कुंगफू-कट्टा जैसे नाम भी बता सकते हैं। इसके कारण लोगों में संशय पैदा हुआ कि वो NPR के दौरान गलत जानकारियां दे सकते हैं।
नहीं मांगा जाएगा कोई भी दस्तावेज
गृह मंत्रालय की ओर से यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि NPR में कोई भी दस्तावेज या बायोमेट्रिक जानकारी भी नहीं ली जाएगी। हालांकि लोगों से उम्मीद की जाएगी कि वो अपनी सही-सही जानकारी उपलब्ध कराएं। इस दौरान करीब 31 सवाल पूछे जाएंगे। NPR करने वाले कर्मचारियों के साथ सहयोग करना अनिवार्य है और अगर कोई भी व्यक्ति जानकारी देने से इनकार करता है या गलत जानकारी देता है तो उसे जुर्माने की मार झेलनी पड़ेगी।
लोग PAN नंबर देने पर जता रहे हैं आपत्ति
NPR अधिकारियों ने बताया कि तैयारियों के लिए कराए गए सर्वे में सभी राज्यों के करीब 30 लाख लोगों से सवाल पूछे गए थे। उस दौरान लोगों ने अपने आधार, मतदाता पहचान पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस या पासपोर्ट की जानकारी साझा करने में कोई आपत्ति नहीं जताई थी, लेकिन अधिकतर को PAN देने पर परेशानी थी। ऐसे में PAN वाले कॉलम को हटा दिया गया है। एक अधिकारी ने बताया कि 80 प्रतिशत लोगों ने स्वेच्छा से जानकारी दी थी।
सभी राज्य खुद तय कर रहे समय
NPR से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अपने राज्य में NPR करने के लिए सभी राज्यों ने खुद समय तय किया है और ये अप्रैल से सितंबर के बीच कभी भी किया जा सकता है। अधिकतर राज्यों ने इसके लिए अपनी सुविधा के अनुसार समय का चयन कर RGI को जानकारी भी भेज दी है। पश्चिम बंगाल और केरल सरकार ने NPR का विरोध करते हुए इस प्रक्रिया को कुछ समय के लिए रोक दिया है।
क्या है NPR?
NPR में भारत में रह रहे सभी लोगों का नाम रजिस्टर किया जाएगा। नागरिकता कानून 1955 और नागरिकता (नागरिकों का पंजीकरण और राष्ट्रीय पहचान-पत्र) नियम, 2003 के नियमों तहत यह स्थानीय गांव/कस्बा, उपखंड, जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर तैयार किया जाता है। CAA और NRC को लेकर देशभर में हो रहे विरोध के बीच NPR को NRC से जोड़कर देखा जा रहा है और लोगों ने इसका भी विरोध शुरू कर दिया है।