जिस समय नकाबपोश गुंडों ने किया हमला, उसी समय JNUSU अध्यक्ष के खिलाफ हुई FIR
क्या है खबर?
दिल्ली पुलिस ने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष के खिलाफ FIR दर्ज की है।
आइशी और 19 अन्य छात्रों के खिलाफ ये FIR शनिवार को यूनिवर्सिटी के सर्वर को तहस-नहस करने और सुरक्षा गार्डों पर हमला करने के लिए की गई है।
बता दें कि आइशी रविवार को JNU में नकाबपोश गुंडों के हमले में बुरी तरह घायल हुईं थीं। इस मामले में पुलिस अभी तक किसी को भी गिरफ्तार करने में नाकाम रही है।
FIR
रविवार रात दर्ज हुई FIR
दिलचस्प बात ये है कि आइशी घोष और अन्य छात्रों के खिलाफ ये FIR रविवार रात 08:43 बजे दर्ज की गई थी।
ये वही समय है जब नकाबपोश गुंडे JNU में घुसकर छात्रों और शिक्षकों को पीट रहे थे और इस हमले में आइशी भी घायल हो गईं थीं।
आइशी के खिलाफ दर्ज FIR में दावा किया गया है कि उन्होंने शारीरिक हिंसा की, महिला सुरक्षा गार्डों को धक्का मारा और उन्हें धमकी दी।
आरोप
JNU प्रशासन का आरोप, छात्रों ने तोड़ा सर्वर
इससे पहले शुक्रवार को भी सर्वर रूम मामले में एक FIR दर्ज की गई थी लेकिन उसमें आइशी का नाम नहीं था।
यूनिवर्सिटी अधिकारियों के अनुसार, शुक्रवार को छात्रों के सर्वर को बेकार करने के बाद तकनीकी स्टाफ ने शनिवार सुबह सर्वर को ठीक कर लिया, लेकिन इस बीच उपद्रवियों का एक समूह दोपहर एक बजे के आसपास कमरे में घुसा और सर्वर को फिर से तोड़ दिया। शाम चार बजे सर्वर को फिर ठीक कर लिया गया।
प्रतिक्रिया
JNU छात्र संघ ने खारिज किए आरोप
प्रशासन के आरोपों के अनुसार, सर्वर को तोड़ने का मामला हॉस्टल फीस वृद्धि के खिलाफ छात्रों के प्रदर्शन से जुड़ा हुआ है।
आरोपों के अनुसार, फीस वृद्धि के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने छात्रों को शीतकालीन सेमेस्टर को रजिस्ट्रेशन करने से रोकने के लिए सर्वर को तोड़ा।
प्रशासन के इन आरोपों को खारिज करते हुए JNU छात्र संघ (JNUSU) ने कहा कि प्रशासन ने नकाबपोश सुरक्षा गार्डों को उपयोग करके सर्वर रूम को तोड़ा और छात्रों पर हमला किया।
गुंडों का हमला
रविवार के हमले को भी सर्वर मामले से जोड़ा जा रहा
बता दें कि रविवार को लगभग 50 नकाबपोश गुंडों के JNU पर हमले को भी सर्वर मामले से जोड़कर देखा जा रहा है।
इस हमले में इन गुंडों ने कैंपस में घुसकर छात्रों और शिक्षकों पर हमला किया था। इस हमले में लगभग 34 छात्र घायल हुए थे।
हमले के दौरान दिल्ली पुलिस के रवैये पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। कैंपस में घुसकर गुंडों को रोकने की बजाय पुलिस गेट पर ही खड़ी रही।
जानकारी
अभी तक एक भी आरोपी गिरफ्तार नहीं
इस हिंसा के मामले में भी पुलिस ने एक FIR दर्ज की है। हालांकि इसमें किसी का भी नाम दर्ज नहीं है। घटना को 40 घंटे से अधिक होने के बावजूद पुलिस अभी तक एक भी आरोपी को गिरफ्तार करने में नाकाम रही है।