AAP विधायक अलका लांबा का बयान, अगर कांग्रेस स्वीकार करे तो वापस जाने को तैयार
चांदनी चौक से आम आदमी पार्टी (AAP) विधायक अलका लांबा ने शुक्रवार को बड़ा बयान देते हुए कहा कि अगर कांग्रेस उन्हें स्वीकार करती है तो उन्हें पार्टी से वापस जुड़ने में कोई संकोच नहीं है। बता दें कि AAP से जुड़ने से पहले अलका कांग्रेस में थी और 2002 में उन्हें अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की महासचिव बनाया गया था। लेकिन AAP के उभार के बाद 2013 में उन्होंने कांग्रेस का दामन छोड़ दिया था।
अलका ने कहा, AAP ने अपनी कमजोरियों को उजागर किया
अंग्रेजी अखबार 'इंडियन एक्सप्रेस' से बात करते हुए अलका ने कहा, "अगर कांग्रेस मुझे वापस स्वीकार करती है तो मैं चली जाऊंगी। AAP ने गठबंधन के लिए कांग्रेस से भीख मांगकर केवल दिल्ली नहीं बल्कि हरियाणा और पंजाब में भी अपनी कमजोरियों को पूरी तरह उजागर कर दिया है।" अलका ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत कांग्रेस के छात्र संघ NSUI के साथ की थी और वह 1995 में दिल्ली छात्र संघ की अध्यक्ष भी रही थीं।
'अगर AAP का कांग्रेस से गठबंधन सही तो मेरा वापस जाना भी गलत नहीं'
अलका ने कहा, "भाजपा को हराने के लिए AAP कांग्रेस से गठबंधन करना चाहती है। मैं हमेशा भाजपा की विचारधारा के खिलाफ रही हूं। मैं AAP से जुड़ी थी क्योंकि मुझे लगता था कि वह भाजपा को सत्ता से बाहर रखने में सबसे अधिक सक्षम है।" उन्होंने आगे कहा, "आज कांग्रेस पुन जीवित हुई है, खासकर चांदनी चौक और उत्तर-पूर्व दिल्ली में। अगर AAP कांग्रेस से गठबंधन करना चाहती है तो मेरा कांग्रेस से जुड़ना भी गलत नहीं हो सकता।"
कांग्रेस नेताओं से मिलने के आरोपों से इनकार
खबरों के अनुसार, कांग्रेस में अपनी वापसी के लिए अलका दिल्ली कांग्रेस के कुछ नेताओं से मिली भी थीं। हालांकि उन्होंने इन आरोपों से इनकार करते हुए कहा, "अभी तक मैंने कांग्रेस में किसी से कोई संपर्क नहीं किया है और ना ही पार्टी ने मुझसे कोई संपर्क किया है।" बता दें कि अलका 2013 में AAP से जुड़ी थीं। 2015 विधानसभा चुनाव में चांदनी चौक सीट से चुनाव लड़ते हुए उन्होंने जीत दर्ज की थी।
दिसंबर में AAP में किनारे पर हैं अलका
पिछले साल दिसंबर में दिल्ली विधानसभा में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लिए जाने से संबंधित प्रस्ताव के पेश होने के बाद से ही अलका और AAP शीर्ष नेतृत्व में मतभेद चल रहे हैं। अलका ने कहा था कि वह पूर्व प्रधानमंत्री का सम्मान करती हैं और इसलिए उन्होंने प्रस्ताव का विरोध किया था। बिना पार्टी लाइन जानें मुद्दे पर मीडिया से बातचीत करने के लिए पार्टी ने अलका पर पाबंदी लगा दी थी।
अलका ने लगाया था पार्टी पर खुद को कमजोर करने का आरोप
तभी से अलका AAP में किनारे पर हैं और उन्हें पार्टी की गतिविधियों और बैठकों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी जाती। हाल ही में उनके क्षेत्र में हुई मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सभा में उनको नहीं बुलाया गया था। उन्होंने इस पर कहा था कि पार्टी उनको कमजोर कर रही है और पार्टी को इससे कुछ नहीं मिलने वाला। उन्होंने यह भी आशंका जताई थी कि इस बार चांदनी चौक से उनका टिकट काटा जा सकता है।